भोपाल। डिंडोरी जिले के गाड़ासराई कस्बे में मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के तहत होने वाले सामुहिक विवाह सम्मेलन आयोजन किया गया। यहां कई लड़कियों का शादी से पहले प्रेगनेंसी टेस्ट कराया गया। इस मामले में डॉक्टरों का कहना है कि उन्हें इसके लिए उपरी अधिकारियों ने निर्देशित किया था।
स्थानीय विधायक और पूर्व कैबिनेट मंत्री ओमकार मरकाम ने इसे युवतियों का अपमान बताया है। उन्होंने कहा कि अगर सरकार ने अगर सामुहिक विवाह सम्मेलन के पहले इस तरह का कोई नियम बनाया है तो इस नियम को सार्वजनिक किया जाना चाहिए था। जिन युवतियाों का प्रेग्नेंसी टेस्ट किया गया उन्हें खुद भी इसके पहले की कोई जानकारी नहीं थी।
इस मामले को भाजपा जिलाध्यक्ष अवधराज बिलैया का कहना है यह सरकार की जनहितैषी योजना है और इसमें कुछ भी गलत नहीं है। बिलैया ने यहां प्रेग्नेंसी टेस्ट को जायज बताया और कहा कि कांग्रेस इस मामले पर राजनीति कर रही है। इस मामले में प्रदेश कांग्रेस ने भी भाजपा सरकार की इस नीति पर सवाल उठाते हुए इसे युवतियों का अपमान बताया है। मुख्यमंत्री कमलनाथ ने इस मामले पर जांच की मांग की है उन्होंने कहा है कि यह समस्त भी जाति का अपमान है, उनके प्रति दुर्भावनापूर्ण दृष्टिकोण है।
डिंडोरी में मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के तहत किए जाने वाले सामूहिक विवाह में 200 से अधिक बेटियों का प्रेगनेंसी टेस्ट कराए जाने का समाचार सामने आया है।
मैं मुख्यमंत्री से जानना चाहता हूं कि क्या यह समाचार सत्य है? यदि यह समाचार सत्य है तो मध्यप्रदेश की बेटियों का ऐसा घोर अपमान…— Kamal Nath (@OfficeOfKNath) April 23, 2023
गाड़ासरई कस्बे में मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के तहत 219 जोड़ों का विवाह सामुहिक सम्मेलन में किया गया। समारोह से ठीक पहले लड़कियों का प्रेग्नेंसी टेस्ट कराया गया। मीडिया से बात करते हुए बच्छरगांव की रहने वाली एक युवती ने बताया कि मुख्यमंत्री कन्यादान योजना में विवाह के लिए आवेदन किया था। जिसके बाद बजाग सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में उसका मेडीकल और प्रेग्नेंसी टेस्ट भी किया गया। इस युवती की रिपोर्ट पॉजिटिव आई और फिर उसका नाम सूची से हटा दिया गया। जबकि युवती को इसके बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई। युवती और परिजन पूरी तैयारी के साथ आयोजन स्थल पर पहुंच गए लेकिन यहां उन्हें इस बारे में पता चला।