नई दिल्ली। भारतीय रेल ने उत्तर प्रदेश में संपूर्ण ब्रॉड गेज नेटवर्क के विद्युतीकरण के साथ एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है। भारतीय रेल ने छह जोनल रेलवे अर्थात् पूर्वी तटीय रेलवे (ईस्ट कोस्ट रेलवे), उत्तर मध्य रेलवे, उत्तर पूर्व रेलवे, पूर्व रेलवे, दक्षिण पूर्व रेलवे, पश्चिम मध्य रेलवे में बीजी मार्गों के विद्युतीकरण का कार्य पूरा कर लिया है।
इसके अलावा, अत्यधिक उपयोग में आने वाला नेटवर्क (एचयूएन-5), झांसी-मुजफ्फरपुर-कटनी अब पूर्ण रूप से विद्युतीकृत हो गया है। पीएम मोदी ने भी इस उल्लेखनीय उपलब्धि के लिए भारतीय रेल की सराहना की।
इसके अलावा, सबसे अधिक उपयोग होने वाला नेटवर्क (एचयूएन -5), झांसी-मुजफ्फरपुर-कटनी अब पूरी तरह से विद्युतीकृत किया जा चुका है।
वहीं इसकी वजह से छपरा-वाराणसी सहित झांसी-लखनऊ-बाराबंकी-बुढ़वाल, गोंडा-आनंदनगर-गोरखपुर-वाल्मीकिनगर-सुगौली, भटनी-वाराणसी-नैनी (इलाहाबाद)-मानिकपुर-सतना-कटनी, मुजफ्फरपुर-बछवाड़ा और नरकटियागंज-रक्सौल-सीतामढ़ी-दरभंगा-समस्तीपुर जैसे मार्गों के बीच बेहतर कनेक्टिविटी में मिल सकेगी।
भारतीय रेल विद्युतीकरण की दिशा में तेजी से हो रहा काम –
भारतीय रेल मिशन 100 प्रतिशत विद्युतीकरण को पूरा करने की दिशा में तेजी से प्रगति कर रहा है और यह दुनिया में सबसे बड़ा हरित रेलवे नेटवर्क बन गया है। मुरादाबाद रेल मण्डल ने 1409.14 रूट किलोमीटर में 100 प्रतिशत विद्युतीकरण हासिल कर लिया है।
वर्तमान में मुरादाबाद रेल मण्डल 182 में से 155 ट्रेनों को इलेक्ट्रिक ट्रैक्शन पर चलाता है। वर्ष 2021-22 में मुरादाबाद रेल मण्डल ने पिछले वर्ष की तुलना में एसईसी (विशिष्ट ऊर्जा खपत) में 22 प्रतिशत की बचत भी दिखाई है।
पर्यावरण संरक्षण के लिहाज से भारतीय रेलवे कई परियोजनाओं पर कर रही काम –
देश में पर्यावरण संरक्षण के लिहाज से भारतीय रेलवे कई परियोजनाओं को शुरू कर रही है। दुनिया में सबसे बड़ी हरित रेलवे बनने के लिए रेलवे इस दिशा में मिशन मोड में काम कर रही है और वर्ष 2030 से पहले ‘जीरो कार्बन उत्सर्जक’ बनने की दिशा में बढ़ रही है।
भारतीय रेल व्यापक विद्युतीकरण, जल और कागज संरक्षण, पटरियों पर जानवरों को घायल होने से बचाने से जुड़े कदमों के जरिए पर्यावरण संरक्षण के प्रति मददगार साबित हो रही है।
रेलवे का 85% से अधिक नेटवर्क हो चुका विद्युतीकृत –
ग्रीन ग्रोथ को लेकर उन्होंने आगे कहा कि रेलवे का 85 प्रतिशत से अधिक नेटवर्क विद्युतीकृत हो चुका है। अब बिजली भी ग्रीन तरीके से आए इसके लिए बड़े आकार में अल्ट्रा मेगा सोलर प्लांट लगाए जाएंगे। आधारभूत संरचना के विकास के लिए कॉरिडोर अप्रोच लगाया जाएगा।
इसमें एनर्जी कॉरिडोर जो पहाड़ी क्षेत्र हैं उनके लिए अलग कॉरिडोर, सागरमाला पोर्ट को जोड़ने के लिए, जनजातीय गौरव कॉरिडोर जो ट्राइबल एरिया को जोड़ने के लिए, सीमेंट कॉरिडोर, एनर्जी कॉरिडोर, आर्थिक कॉरिडोर और सोशल कॉरिडोर का संयोजन लेकर आधारभूत संरचना को विकसित किया जाएगा।