हिजाब मामलाः सुप्रीम कोर्ट के जजों में मतभेद, अब बड़ी बैंच कर सकती है फ़ैसला!


सुप्रीम कोर्ट में हिजाब विवाद पर कर्नाटक हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ 23 याचिकाएं दाखिल की गई


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नई दिल्ली। कर्नाटक में शैक्षणिक संस्थानों में हिजाब पर बैन को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर फैसले के वक्त सुप्रीम कोर्ट में मामला और उलझ गया। मामले की सुनवाई करते हुए दोनों जजों के फैसले अलग-अलग थे। जस्टिस हेमंत ने जहां कर्नाटक हाईकोर्ट के फैसले को बरकरार रखा तो वहीं बैंच के दूसरे जज सुधांशु धूलिया ने इसे खारिज कर दिया। यह फैसला दस दिनों तक हुई लंबी सुनवाई के बाद 25 सितंबर को सुरक्षित किया गया था। अब इस मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस यूयू ललित करेंगे। संभव है वे इसके लिए एक बड़ी बैंच का गठन भी करें।

सुप्रीम कोर्ट में हिजाब विवाद पर कर्नाटक हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ 23 याचिकाएं दाखिल की गई थी। याचिकाकर्ता का कहना था कि हाईकोर्ट ने धार्मिक और व्यक्तिगत स्वतंत्रता को देखे बिना हिजाब बैन पर फैसला सुना दिया।

सुप्रीम कोर्ट में गुरुवार को इस मामले में फैसला देने के समय जस्टिस हेमंत गुप्ता ने जहां हाईकोर्ट के फैसले को सही ठहराते हुए याचिकाओं को खारिज कर दिया, वहीं जस्टिस सुधांशु धूलिया ने कर्नाटक हाईकोर्ट के फैसले को पलट दिया।

उल्लेखनीय है कि बीते 15 मार्च को कर्नाटक हाईकोर्ट ने उडुपी के सरकारी प्री-यूनिवर्सिटी गर्ल्स कॉलेज की कुछ मुस्लिम छात्राओं की तरफ से क्लास में हिजाब पहनने की मांग करने वाली याचिका खारिज कर दी थी। कोर्ट ने अपने पुराने आदेश को बरकरार रखते हुए कहा कि हिजाब पहनना इस्लाम की जरूरी प्रैक्टिस का हिस्सा नहीं है। इसे संविधान के आर्टिकल 25 के तहत संरक्षण देने की जरूरत नहीं है।



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