सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों की प्रतीक्षा में हाईकोर्ट; सर्वे रिपोर्ट का लिफाफा नहीं खोला


इंदौर हाईकोर्ट में भोजशाला केस की सुनवाई, अगली सुनवाई सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के बाद।

1 अप्रैल 2024 को सुप्रीम कोर्ट ने सर्वे रिपोर्ट पर सुनवाई करने पर रोक लगाई थी।


आशीष यादव आशीष यादव
बड़ी बात Published On :

धार की भोजशाला मामले की सुनवाई सोमवार को इंदौर खंडपीठ में हुई। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) ने 98 दिनों के सर्वे के बाद 15 जुलाई को बंद लिफाफे में रिपोर्ट प्रस्तुत की थी, लेकिन सुनवाई के दौरान लिफाफा नहीं खोला गया। हाईकोर्ट ने कहा कि पहले सुप्रीम कोर्ट का इस मामले में निर्देश मिल जाए, फिर रिपोर्ट पर बहस होगी। एक पक्ष को उम्मीद थी कि कोर्ट सोमवार को लिफाफे खोलेगी और रिपोर्ट का खुलासा होगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। दोनों पक्षों के वकील ऑनलाइन जुड़े। मुस्लिम पक्ष के वकील सलमान खुर्शीद ने रिपोर्ट पढ़ने के लिए चार सप्ताह का समय मांगा। अब अगली सुनवाई अगस्त माह में हो सकती है। सुप्रीम कोर्ट द्वारा भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग की वैज्ञानिक सर्वे रिपोर्ट पर लगाए गए स्थगन के निराकरण के बाद ही इस प्रकरण में अगली सुनवाई हो सकेगी। संभवतः 30 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट में भोजशाला प्रकरण की सुनवाई हो सकती है।

सुप्रीम कोर्ट में भी होनी है सुनवाई:

भोजशाला मामले में हिंदू फ्रंट फॉर जस्टिस की ओर से प्रस्तुत आवेदन पर सुप्रीम कोर्ट में भी सुनवाई होनी है। मप्र हाई कोर्ट ने 11 मार्च 2024 को एएसआई को आदेश दिया था कि वह भोजशाला का सर्वे कर रिपोर्ट प्रस्तुत करे। मौलाना कमालुद्दीन वेलफेयर सोसायटी ने इस आदेश को चुनौती देते हुए एक याचिका सुप्रीम कोर्ट में प्रस्तुत की थी। सुप्रीम कोर्ट ने 1 अप्रैल 2024 को आदेश दिया कि सर्वे पर रोक नहीं है, लेकिन हाई कोर्ट इस सर्वे की रिपोर्ट के आधार पर कोई आदेश जारी नहीं करेगा। हिंदू फ्रंट फॉर जस्टिस ने इस अंतरिम आदेश को निरस्त करने की मांग की है। बता दें कि वैज्ञानिक सर्वे शुरू होने के बाद मुस्लिम पक्ष सुप्रीम कोर्ट गया था। सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिया था कि हाई कोर्ट वैज्ञानिक सर्वे की रिपोर्ट पर कोई निर्णय नहीं लेगा। सुप्रीम कोर्ट की दिशा निर्देश के बाद ही आगामी प्रक्रिया होगी। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग ने 15 जुलाई को इंदौर हाई कोर्ट के समक्ष 2047 पेज की सर्वे रिपोर्ट पेश की। अब सुप्रीम कोर्ट की दिशा निर्देश के बाद ही इस प्रकरण में हाई कोर्ट अगली सुनवाई करेगा।

हिंदू देवी-देवताओं की मिली मूर्तियाँ:

खुदाई के दौरान एएसआई को देवी-देवताओं की कई मूर्तियाँ मिली हैं। लगभग 1700 अवशेष और स्तंभों की जांच से स्पष्ट होता है कि ये मंदिर के स्तंभ हैं। सर्वे में भोजशाला के परमारकालीन होने की पुष्टि हुई है। हाई कोर्ट ने एएसआई को आदेश दिया था कि वह सर्वे रिपोर्ट कोर्ट के पटल पर रखने के साथ ही एक-एक प्रति सभी पक्षकारों को उपलब्ध कराए। सोमवार को कुछ पक्षकारों ने रिपोर्ट न मिलने की बात भी कही।

30 जुलाई को होगी सुनवाई:

हिंदू फ्रंट फॉर जस्टिस की तरफ से याचिका कर्ता आशीष गोयल ने बताया कि सोमवार को सुनवाई में इंदौर हाई कोर्ट ने कहा कि सर्वे रिपोर्ट पर अगली सुनवाई सुप्रीम कोर्ट के 1 अप्रैल 2024 के निर्देशानुसार ही की जाएगी। सुप्रीम कोर्ट में 30 जुलाई को इस संबंध में सुनवाई संभव है। सुप्रीम कोर्ट से विस्तृत निर्देश आने के बाद ही हाई कोर्ट इसमें सुनवाई कर सकेगा। भोजशाला में 22 मार्च को भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग ने वैज्ञानिक सर्वे की शुरुआत की थी। यह 98 दिनों में पूरा हुआ, जो 28 जून को समाप्त हुआ। रिपोर्ट 15 जुलाई को इंदौर हाई कोर्ट के समक्ष पेश की गई, जिसमें भोजशाला के इतिहास और संरचना से संबंधित जानकारी दी गई है।



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