हिबॉक्स ऐप स्कैम: 30% रिटर्न का लालच देकर कस्बों के हजारों लोगों से 500 करोड़ की ठगी, जानिए कैसे हुआ ठगी का ये कारोबार


हिबॉक्स ऐप स्कैम: हिबॉक्स नामक एक ऐप ने 30% रिटर्न का लालच देकर छोटे शहरों और कस्बों के हजारों लोगों से 500 करोड़ रुपये की ठगी की। सोशल मीडिया इंफ्लूएंसर्स के प्रमोशन से लोगों को निवेश के लिए लुभाया गया। दिल्ली पुलिस ने मुख्य आरोपी को गिरफ्तार कर मामले की जांच शुरू की है।


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दिल्ली पुलिस ने हाल ही में कई सोशल मीडिया इंफ्लूएंसर्स को हिबॉक्स नाम की एक ऐप के प्रमोशन के मामले में नोटिस जारी किए हैं। इस ऐप का इस्तेमाल 500 करोड़ रुपये के निवेश घोटाले के लिए किया गया। इस घोटाले में करीब 30,000 से अधिक लोग ठगे गए। चलिए जानते हैं, क्या थी यह हिबॉक्स ऐप, कैसे लोगों को फंसाया गया और किन इलाकों में यह स्कैम फैलाया गया।

 

क्या थी हिबॉक्स ऐप और कैसे करती थी काम?

हिबॉक्स एक मोबाइल ऐप थी, जो निवेश करने पर ज्यादा मुनाफे का लालच देती थी। यह फरवरी 2024 में लॉन्च हुई थी, लेकिन इसका डेवलपमेंट जुलाई 2023 से शुरू हो गया था। इस ऐप में निवेश करने पर 1% दैनिक और 30% मासिक रिटर्न का वादा किया गया था। इसमें ‘मैजिक बॉक्स’ जैसी सुविधाएं भी दी गईं, जिसमें निवेशक अपने पैसे के बदले वर्चुअल गिफ्ट्स या कैश चुन सकते थे। इसके प्रमोशन के लिए सोशल मीडिया इंफ्लूएंसर्स और यूट्यूबर्स की मदद ली गई, जिन्होंने इस ऐप को एक भरोसेमंद निवेश विकल्प के रूप में दिखाया।

 

कैसे लालच देकर लोगों को फंसाया गया?

हिबॉक्स ने शुरुआत में पांच महीनों तक 1% दैनिक और 30% मासिक रिटर्न देने का दावा किया। इसके अलावा, निवेशकों को ‘मैजिक बॉक्स’ का विकल्प दिया गया, जिसमें वे अपने निवेश के बराबर कीमत के उपहार या नकद राशि प्राप्त कर सकते थे। इन आकर्षक ऑफर्स और इंफ्लूएंसर्स के प्रमोशन से लोगों को इस ऐप में निवेश करने के लिए प्रोत्साहित किया गया। कई लोग, खासकर ग्रामीण और छोटे शहरों के नागरिक, इन ऑफर्स के झांसे में आ गए और अपनी मेहनत की कमाई इस ऐप में लगा दी।

 

किन इलाकों को बनाया निशाना?

यह घोटाला सिर्फ दिल्ली तक सीमित नहीं था। हिबॉक्स ऐप ने अपने प्रमोशन और मार्केटिंग के लिए सोशल मीडिया का उपयोग करते हुए पूरे देश में फैले लोगों को निशाना बनाया। विशेषकर छोटे शहरों, कस्बों और गांवों के लोग, जो सोशल मीडिया पर इन इंफ्लूएंसर्स के जरिए निवेश के बारे में जानकारी प्राप्त करते थे, इस जाल में फंस गए। पुलिस को नॉर्थईस्ट दिल्ली, शाहदरा, बाहरी जिले और एनसीआर पोर्टल पर कुल 488 शिकायतें मिलीं, जो यह दिखाती हैं कि इसका असर कई इलाकों में फैला था।

 

मुख्य आरोपी और उसके तरीके

हिबॉक्स के इस घोटाले के पीछे सुतरुला एक्सप्रेस प्राइवेट लिमिटेड कंपनी का हाथ है, जिसका संचालन जे. सिवाराम कर रहा था। इस कंपनी के खातों का उपयोग ठगे गए पैसों को एक जगह से दूसरी जगह पहुंचाने के लिए किया गया। पुलिस के अनुसार, जे. सिवाराम ने पहले ऐप का बैकएंड डेवलप किया और पेमेंट गेटवे जैसे ईज़बज़ और फोनपे पर व्यापारी खाते खोले। इसके बाद उन्होंने ऐप के प्रमोशन के लिए इंफ्लूएंसर्स का सहारा लिया।

 

घोटाले का खुलासा और पुलिस की जांच

जुलाई 2024 के पहले सप्ताह में, हिबॉक्स ने भुगतान रोक दिया और तरह-तरह के बहाने बनाए, जैसे कि तकनीकी समस्याएं, कानूनी मसले और जीएसटी से जुड़े मुद्दे। इसके बाद 16 अगस्त को पहली बार शिकायतें आईं, जिसमें 29 लोगों ने पुलिस को बताया कि वे हिबॉक्स ऐप में निवेश करके ठगे गए। इसके बाद पुलिस ने जांच शुरू की और पाया कि कई सोशल मीडिया इंफ्लूएंसर्स इस ऐप का प्रचार कर रहे थे।

 

दिल्ली पुलिस ने इस मामले में 10 प्रसिद्ध सोशल मीडिया इंफ्लूएंसर्स को नोटिस भेजे हैं, जिनमें से पांच को पूछताछ के लिए तलब किया गया है। इसके अलावा, पेमेंट गेटवे कंपनियों ईज़बज़ और फोनपे की भूमिका की भी जांच की जा रही है कि उन्होंने हिबॉक्स के ऑपरेटर्स के खातों को खोलते समय आरबीआई की गाइडलाइंस का पालन किया या नहीं।

 

सचेत रहें और जागरूक बनें

यह घटना उन लोगों के लिए एक बड़ी चेतावनी है, जो सोशल मीडिया पर दिखाए गए निवेश ऑफर्स के आकर्षण में आ जाते हैं। सोशल मीडिया इंफ्लूएंसर्स के प्रमोशन पर आंख मूंदकर भरोसा न करें और ऐसे ऐप्स में निवेश करने से पहले उनकी प्रामाणिकता की जांच करें।

 


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