मप्र में स्वास्थ्य विभाग का बड़ा फैसला, आयुष्मान कार्डधारकों को अब मुफ्त मिलेगा कोरोना का इलाज


प्रदेश में कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने बड़ा फैसला किया है, जिसके तहत आयुष्मान भारत योजना के हितग्राहियों को अब कोरोना का मुफ्त इलाज मुहैया करवाया जाएगा।


DeshGaon
बड़ी बात Published On :
ayushman-india

भोपाल। प्रदेश में कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने बड़ा फैसला किया है, जिसके तहत आयुष्मान भारत योजना के हितग्राहियों को अब कोरोना का मुफ्त इलाज मुहैया करवाया जाएगा।

जानकारी के मुताबिक, इसके लिए स्‍वास्‍थ्‍य विभाग ने प्रदेश के 81 अस्पतालों में बिस्तर भी आरक्षित कर दिए हैं।

इस बारे में आयुष्मान भारत निरामयम मप्र के अधिकारियों का कहना है कि अब तक देखा जा रहा है कि अस्पताल में एडमिट होते वक्त पॉजिटिव मरीज आयुष्मान कार्ड नहीं दिखाते हैं। ऐसे में उनका इलाज नहीं हो पाता।

अब आयुष्मान योजना की सूची में शामिल अस्पतालों में पहुंचने पर कोरोना संक्रमित मरीज अपने आयुष्मान कार्ड के माध्यम से मुफ्त इलाज करा सकेंगे।

इन अस्पतालों में होगा आयुष्मान कार्ड धारक कोरोना मरीजों का मुफ्त इलाज-

जनरल मेडिसिन (एम2)स्पेश्यिलिटी के अंतर्गत आयुष्मान में इम्पैनल आशा निकेतन अस्पताल, भोपाल मल्टी स्पेश्यिलिटी हॉस्पिटल, कैपिटल वेंचर सोसाइटी सीवीएस अपोलो अस्पताल, कैरियर इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस, चिरायु हेल्थकेयर एंड मेडिकेयर प्रा. लि., चिरायु मेडिकल कॉलेज, होप हॉस्पिटल, जवाहर लाल नेहरू केंसर अस्पताल, जेके अस्पताल, एलबीएस अस्पताल, महावीर इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस, मेयो अस्पताल, निरामयम अस्पताल, नोबल मल्टी स्पेश्यिलिटी, पालीवाल अस्पताल, पीपुल्स जनरल हॉस्पिटल, राजदीप अस्पताल, आरकेडीएफ मेडिकल कॉलेज, स्मार्ट सिटी अस्पताल, तृप्ति हॉस्पिटल, वीसीएच हॉस्पिटल में 20 फीसदी बिस्तर कोरोना मरीजों के लिए आरक्षित रहेंगे। यहां आयुष्मान योजना के कार्ड धारक कोविड मरीजों का मुफ्त इलाज हो सकेगा।

दूसरी तरफ, प्रदेश भर में कोरोना टीकाकरण कार्यक्रम को बढ़ाया जा रहा है। एक अप्रैल से 45 वर्ष से अधिक आयु के सभी लोगों को वैक्सीन लगाई जाएगी।

दूसरी तरफ कोरोना की लगातार जांचें भी बढ़ाई जा रही हैं। भोपाल में जहां एक दिन में डेढ़ हजार जांचें होती थी, अब 3000 जांचें प्रतिदिन हो रही है। बता दें कि बीते साल जब कोरोना संक्रमण चरम पर था, तब एक दिन में पांच हजार सैंपल लिए जाते थे।


Related





Exit mobile version