वाराणसी। वाराणसी की सिविल जज सीनियर डिवीजन की कोर्ट में सर्वे रिपोर्ट सौंपने के लिए और वक्त देने की मांग पर सुनवाई पूरी हो गई। वाराणसी कोर्ट ने कोर्ट कमिश्नर अजय मिश्रा को हटा दिया है। मुस्लिम पक्ष ने उन पर आपत्ति जताई थी।
कोर्ट ने कहा कि कोर्ट कमिश्नर की जिम्मेदारी अहम होती है। इसके साथ ही रिपोर्ट दाखिल करने के लिए कोर्ट ने 2 दिन का समय दिया है जबकि विशाल सिंह कोर्ट कमिश्नर बने रहेंगे।
इसके अलावा दो और आवेदन दायर किए गए हैं, जिसमें कुछ दीवारें गिराकर वीडियोग्राफी कराने और वजूखाने के आसपास सील करने की कार्रवाई के बाद की समस्याओं को दूर कराने की अनुमति की मांग की गई थी।
सुनवाई के समय कोर्ट में वादी-प्रतिवादी पक्ष के अधिवक्ताओं के साथ ही तीनों एडवोकेट कमिश्नर और डीजीसी सिविल मौजूद रहे। डीजीसी सिविल, एडवोकेट कमिश्नर और वादी पक्ष की महिलाओं के तीन अलग-अलग प्रार्थना पत्र पर सुनवाई हुई।
Gyanvapi mosque survey | Advocate-Commissioner Ajay Kumar Mishra removed from his post appointed by the court.#UttarPradesh
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) May 17, 2022
बता दें कि सर्वे के आखिरी दिन 16 मई को वीडियोग्राफी प्रक्रिया पूरी हुई। याचिकाकर्ता रेखा सहित 5 महिलाओं के वकील विष्णु जैन ने वजूखाने में शिवलिंग मिलने का दावा किया। इसके बाद कोर्ट के आदेश के बाद उस जगह को सील कर दिया गया।
दूसरी तरफ, अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी ने हिंदू पक्ष के दावे का खंडन करते हुए उसे फव्वारा बताया है। मुस्लिम पक्ष ने यह भी कहा है कि वह जिला अदालत के आदेश के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील करेंगे।