नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना (PMUY) के लाभार्थियों को बड़ा तोहफा देते हुए प्रति सिलेंडर 200 रुपये की सब्सिडी देने का फैसला किया है।
इसके अलावा लाभार्थी एक साल में कुल 12 रसोई गैस सिलेंडर पर सब्सिडी का लाभ उठा सकते हैं। इस फैसले से करीब 9.59 करोड़ लोग लाभान्वित होंगे।
केंद्रीय मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने मंत्रिमंडल के फैसलों की जानकारी देते हुए कहा कि विभिन्न भू-राजनीतिक कारणों से एलपीजी की अंतरराष्ट्रीय कीमतों में तेजी से वृद्धि अब भी जारी है। ऐसे में PMUY लाभार्थी महिलाओं को एलपीजी की ऊंची कीमतों से बचाने के लिए यह महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया है।
आपको बता दें कि यह योजना 01 मार्च 2023 से लागू होगी। इसके साथ ही केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के तहत 2022-23 के लिए 6100 करोड़ और 2023-24 के लिए 7680 करोड़ रुपये का ऐलान किया है।
केंद्र सरकार का उद्देश्य PMUY उपभोक्ताओं के बीच निरंतर एलपीजी अपनाने और उसका उपयोग सुनिश्चित करना है ताकि वे पूरी तरह से खाना पकाने के स्वच्छ ईंधन पर निर्भर हो सकें। PMUY उपभोक्ताओं की औसत LPG खपत 2019-20 में 3.01 रिफिल थी जो बढ़कर 2021-22 में 3.68 रिफिल हो गई।
2022 में प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के लाभार्थियों को साल में 12 सिलेंडर और एक सिलेंडर पर ₹200 की सब्सिडी देने का निर्णय लिया गया था। अंतरराष्ट्रीय दामों में अभी कोई बड़ा बदलाव नहीं आया है तो इस सब्सिडी एक साल तक और बढ़ाने का निर्णय किया गया है: केंद्रीय मंत्री @ianuragthakur pic.twitter.com/IWYnCSpmBA
— पीआईबी हिंदी (@PIBHindi) March 24, 2023
क्या है उज्ज्वला योजना –
केंद्र सरकार ‘पीएम उज्ज्वला योजना’ के तहत गरीबी रेखा से नीचे जीवनयापन करने वाले परिवारों को फ्री घरेलू रसोई गैस का कनेक्शन देती है। साथ ही सरकार प्रति कनेक्शन 1600 रुपये आर्थिक मदद भी देती है।
इसके अलावा गैस कनेक्शन देने वाली कंपनियों द्वारा ग्राहक को पहली बार फ्री LPG रिफिल और गैस स्टोव दिया जाता है। ‘प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना’ केंद्र सरकार के पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय के सहयोग से चलाई जा रही है।
PMUY योजना से महिलाओं के जीवन में आया बदलाव –
“स्वच्छ ईंधन, बेहतर जीवन” के नारे के साथ केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना की शुरुआत की थी। पहले हमारे गांवों में खाना बनाने के लिए परंपरागत रूप से लकड़ी और गोबर के उपले का प्रयोग किया जाता रहा है और इससे निकलने वाले धुआं महिलाओं के स्वास्थ्य पर बुरा असर डाल रहा था।
ऐसे में इस योजना से लाखों महिलाओं को धुएं से मुक्ति मिली और लोगों के जीवन में बदलाव आया है। पीएम मोदी ने भी कहा था कि हमारी बेटियां घर और रसोई से बाहर निकलकर राष्ट्र निर्माण में व्यापक योगदान तभी दे पाएंगी, जब पहले घर और रसोई से जुड़ी समस्याएं हल होंगी।