वेब सीरीज़ की भाषा और अश्लील या हिंसक दृश्यों पर होगी अब सरकार की नज़र


ऑनलाइन सूचना / समाचार और सामग्रियों पर नियंत्रण और निगरानी रखने के लिए मोदी सरकार ने ऑनलाइन न्यूज़ पोर्टलों, ऑनलाइन कंटेंट प्रोवाइडरों को सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के तहत लाने से जुड़ा आदेश जारी किया। इसके तहत, सूचना और प्रसारण मंत्रालय के तहत ऑनलाइन फिल्मों के साथ ऑडियो-विज़ुअल कार्यक्रम, ऑनलाइन समाचार और करंट अफेयर्स के कंटेंट आएंगे।


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बड़ी बात Updated On :

नई दिल्ली। ऑनलाइन कंटेंट के  वेब सीरीज जैसे सभी मनोरंजक कार्यक्रमों पर भी अब सरकार की नजर होगी। इसके लिए अधिसूचना जारी कर दी गई है।

केंद्र सरकार के द्वारा मंगलवार को जारी इस अधिसूचना में ऑनलाइन कंटेंट प्रोवाइडर्स को सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के तहत लाने की घोषणा की है। इसके तहत ऑनलाइन न्यूज़ पोर्टल भी शामिल किए गए हैं।

इसमें कहा गया है कि राष्ट्रपति की ओर से अनुच्छेद 77 के खंड (3) के तहत कार्य आबंटन नियम, 1961 में संशोधन किया जा रहा है। इसे कार्य आबंटन 357वां संशोधन नियम 2020 नाम दिया गया है। जो तुरंत लागू होगा।

बता दें कि, सुप्रीमकोर्ट ने केंद्र सरकार से टीवी, मीडिया के प्रसारण पर नियंत्रण और कन्टेन्ट पर निगरानी के सम्बन्ध में जवाब मांगा था। जिसके जवाब में केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में जवाब दिया था कि ऑनलाइन माध्यमों का रेगुलेशन टीवी से ज्यादा जरूरी है।

दरअसल केंद्र सरकार ने बीते 21सितम्बर को  सुदर्शन टीवी के ‘यूपीएससी जिहाद’ मामले में सुप्रीम कोर्ट में नया हलफनामा दाखिल किया है। सरकार ने कहा कि वेब आधारित डिजिटल मीडिया को पहले कंट्रोल करना होगा, तभी टीवी चैनलों पर नियंत्रण किया जा सकता है।

केंद्र ने कहा कि कोर्ट चाहे तो डिजिटल मीडिया को लेकर कानून बनाए या कानून बनाने के लिए इसे सरकार पर छोड़ दे।

उल्लेखनीय है कि  ऑनलाइन कंटेंट के बारे में काफी समय से शिकायतें आ रहीं थी और मांग की जा रही थी कि सरकार इनका नियमन करे। केंद्र सरकार पहले भी एक मामले में सुप्रीम कोर्ट में यह कह चुकी है कि ऑनलाइन कंटेंट का नियमन टीवी से ज्यादा जरूरी है।

इस अधिसूचना के जारी होने के बाद सरकार ऑनलाइन कंटेंट पर पूरी नजर रखेगी। संभव है कि आने वाले दिनों में ऑनलाइन कंटेंट बनाने वालों के लिए कुछ नियम भी तय कर दिए जाएं।

इसके बाद आने वाले प्रोजेक्ट इन्हीं नियमों के तहत होंगे। ऐसे में अब वेब सीरीज़ निर्माताओं के लिए सरकार से अनुमति भी लेनी होगी और संभव है कि फिल्म के प्रदर्शन से पहले उसे सेंसर बोर्ड को दिखाना भी ज़रूरी कर दिया जाए।

बीते कुछ समय से ऑनलाइन कंटेंट में भाषा और दृश्यों की अश्लीलता पर लोगों की नाराज़गी भी सामने आई है ऐसे में अब वेबसीरीज़ जैसे कार्यक्रमों में इन पर भी नियंत्रण रखना पड़ सकता है। फिलहाल वेबसीरीज़ के कंटेंट पर सरकार कोई नियंत्रण नहीं होता है।

केंद्र सरकार के इस नियम का असर देशी और विदेशी दोनों तरह के कंटेंट पर होगा। ऐसे में नियमों के विरुद्ध होने पर विदेशी कंटेंट का प्रदर्शन भी भारत में नहीं हो सकेगा।


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