‘बुद्ध’ की राह दिखाता एक अभियान, भारत में बुद्ध की विरासत को सहेजने की कोशिश


सम्राट अशोक ने बौद्ध धर्म के प्रसार के लिए दुनिया भर में 84000 स्तूप बनवाए थे वही इस प्रचार के दौरान अष्ट धातु की इतनी ही कीमती मूर्तियां वितरित की जा रही हैं। अभियान के साथ डॉ भीमराव अंबेडकर को भी जोड़ा जा रहा है।


DeshGaon
बड़ी बात Updated On :

इंदौर। बौद्ध धर्म के प्रचार प्रसार के लिए इन दिनों लगातार काम हो रहा है। प्राचीन काल में सम्राट अशोक ने दुनिया भर में 84 हजार बौद्ध स्तूप बनवाए थे और अब बौद्ध अनुयायी भारत में 84 हजार बुद्ध भगवान की मूर्तियां लोगों को दे रहे हैं ताकि वे बुद्ध को जान सकें, उनके करीब आ सकें।

बौद्ध प्रतिमाएं

भारत में बुद्ध प्रतिमा की वितरण का कार्यक्रम गगन मालिक फाउंडेशन के द्वारा किया जा रहा है। गगन मलिक भारतीय टेलीविजन के धारावाहिकों में एक जनामाना नाम रहे हैं और बुद्ध धर्म से प्रेरित होकर उन्होंने भारत में एक अभियान शुरू किया है। इस अभियान के तहत भारत में बुद्ध धर्म के प्रचार प्रसार किया जा रहा है।

वितरण के लिए भेजी गईं प्रतिमाएं

मलिक जो एक मॉडल रहे हैं औरभारतीय फिल्मों और टीवी कार्यक्रमों में महात्मा बुद्ध और राम के किरदारों में नजर आए हैं अब एक बौद्ध भिक्षु के तौर पर दीक्षा प्राप्त कर चुके हैं। उन्होंने सौ दिनों तक श्रामणेर भिक्षु के तौर पर अपना जीवन यापन किया और अब वे बौद्ध धर्म को आगे बढ़ाने के लिए एक अभियान में जुट गए हैं।

इसके लिए उन्हें थाईलैंड, इंडोनेशिया, मलेशिया, ताइवान, सिंगापुर, वियतनाम जैसे बुद्ध को मानने वाले देशों का सहयोग भी मिल रहा है। वे कहते हैं कि उनका एक उद्देश्य यह भी है कि बुद्ध को मानने वाले इन देशों के साथ भारत के और भी गहरे मित्रवत संबंध हों ताकि सभी देशों के बीच बौद्ध समाज फल फूल सके। वे बताते हैं कि अपने प्रयासों के बारे में उन्होंने संयुक्त राष्ट्र संघ के मंच से भी बात की है।

संयुक्त राष्ट्र के मंच पर अपनी बात कहते हुए गगन मलिक

मलिक बताते हैं कि भारत भूमि मूल रूप से भगवान बुद्ध की ही भूमि रही है और वे प्रयास कर रहे हैं कि भारत की पहचान को बुद्ध के साथ उसी तरह जुड़ा जाए जैसे इतिहास की मूल में है। मलिक बताते हैं कि इसके लिए उन्होंने गगन मलिक फाउंडेशन की स्थापना की है जिसका उद्देश्य धम्म के प्रति जागरूकता और संवेदनशीलता लाना है।

इसके तहत फाउंडेशन देश के सभी पुराने बुद्ध विहारों की पहचान कर रहा है और उन्हें बेहतर स्थिति में लाना है। मलिक के मुताबिक देश भर में ऐसे कई प्राचीन विहार हैं जिनकी पहचान तो हो चुकी है लेकिन उन्हें संरक्षण नहीं मिल सका है। ऐसे में वे अब सरकार से मांग कर रहे हैं कि इन विहारों की स्थिति सुधारी जाए और उनका संरक्षण दिया जाए ताकि भगवान बुद्ध की भारत में यह बेशकीमती विरासत बची रहे। फाउंडेशन का एक उद्देश्य यह भी है कि वे थाईलैंड देश की तर्ज पर सभी शहरों में बुध विहारों का निर्माण करवाएंगे।

गगन मालिक फाउंडेशन देश भर में बुद्ध मोनेस्ट्री  का निर्माण का भी निर्माण करवा रहा है। इसके साथ ही बौद्ध भिक्षुओं के लिए प्रशिक्षण केंद्र भी शुरू किए जा रहे हैं।

गगन मलिक के मुताबिक सम्राट अशोक के बाद बुद्ध धर्म को स्थापित करने के लिए दूसरा सबसे बड़ा अभियान चलाया गया तो वह डॉ बाबासाहेब आंबेडकर के द्वारा शुरू किया गया था। आंबेडकर  ने साल 1956 में अपने पांच लाख अनुयायियों के साथ बौद्ध धर्म की दीक्षा ली थी।

मलिक के मुताबिक इसके बाद वे इस अभियान को आगे बढ़ाने जा रही है इसलिए वे ‘जय भीम और नमो बुद्धाय’ के नारे के साथ ही आगे बढ़ रहे हैं।

गगन मालिक फाउंडेशन द्वारा इसके लिए एक सदस्यता अभियान भी चलाया जा रहा है। देश में प्रतिमा वितरण का यह काम नागपुर से नितिन गजभिये देख रहे हैं बताते हैं कि इन दिनों उनके पास देश भर से बुध प्रतिमाओं की मांग आ रही है इस अभियान की लोकप्रियता को देखकर वे खुद भी हैरत में हैं। नितिन के मुताबिक बुद्ध के प्रति भारत में एक अटूट प्रेम है जो अब अभियान के माध्यम से दिखाई दे रहा है।

इस अभियान की कोर कमेटी में नितिन के साथ देशभर से लोगों को जोड़ा गया है। इनमें पीएस खोपरागढ़े, विनय बोधी डोंगरे, अनिरुद्ध दोफारे, दीपक मेश्राम शामिल हैं।

फाउंडेशन के उद्देश्य को लोगों तक पहुंचाने और इसकी लोकप्रियता को बढ़ाने के लिए देशभर में एक सदस्यता अभियान भी चलाया जा रहा है। इस अभियान को महू के आंबेडकर स्मारक से जुड़े रहे मोहनराव वाकोड़े देख रहे हैं।

मोहन राव वकोड़े

वाकोड़े इस अभियान के राष्ट्रीय प्रमुख हैं और उनके मुताबिक कुछ ही महीनों में करीब साठ हजार से अधिक भारतीय अभियान में जुड़ चुके हैं। वे कहते हैं कि कुछ ही महीनों में यह आंकड़ा पांच लाख पार कर जाएगा।

वाकोड़े बताते हैं कि उनके पास उत्तर प्रदेश बिहार, राजस्थान कर्नाटक, पंजाब, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र जैसे राज्यों के अलावा लंदन और जर्मनी से भी लोग फोन कर रहे हैं उनकी मंशा इस अभियान में जुड़ने की है। वाकोड़े के मुताबिक इस अभियान में एक करोड़ लोगों को जोड़ने का लक्ष्य है और वे इसके लिए तेजी से आगे बढ़ रहे हैं और जल्द ही देश भर में इसके लिए जिला और तहसील स्तर पर भी नियुक्तियां की जाएंगी।

 


Related





Exit mobile version