भोपाल। स्वर साम्राज्ञी लता मंगेशकर पंचतत्वों में विलीन हो गईं। उनका अंतिम संस्कार पूरे राजकीय सम्मान के साथ मुंबई के शिवाजी पार्क में किया गया। यहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए पहुंचे। उन्होंने लता जी की पार्थिव देह पर पुष्पचक्र अर्पित किया। इसके बाद तीनों सेनाओं ने स्वर कोकिला को अंतिम विदाई दी और फिर धार्मिक मान्यताओं के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया।
Lata Mangeshkar’s brother Hridaynath Mangeshkar lights the funeral pyre at Shivaji.#RIPLataDidi pic.twitter.com/dBiNsQgoUZ
— Newspaper😷 (@iamnikhilchauhn) February 6, 2022
लता जी की मृत्यु के बाद देश में दो दिन का राष्ट्रीय शोक घोषित किया गया है। उनकी अंतिम यात्रा में हजारों की संख्या में लोग शामिल हुए। यहां हर किसी की आंखों में आंसू थे।
लता जी को श्रद्धांजलि देने के लिए पहुंचने वालों में महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी, मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, शरद पवार, पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, राज ठाकरे, आदित्य ठाकरे, सुप्रिया सुले, पीयूष गोयल, अजित पवार समेत कई राजनेता लता जी के अंतिम दर्शन करने पहुंचे। सचिन तेंदुलकर, शाहरुख खान, जावेद अख्तर, रणबीर कपूर आदि कई मशहूर हस्तियां भी उन्हें आखिरी नमन करने पहुंची।
रविवार सुबह उन्होंने आखिरी सांस ली थी। यह खबर मिलने के बाद दुनिया भर में उनके चाहने वाले निराश हो गए थे। इसके बाद यही विषय देशभर में चर्चा में रहा। लता जी कोरोना संक्रमित हो गईं थी और पिछले काफी दिनों से निमोनिया और कोरोना से जूझ रहीं थीं। बीते महीने 8 जनवरी को उनकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। जिसके बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया था। करीब पांच दिन पहले उनकी हालत में सुधार की खबर आई थी और उनका आक्सीजन सपोर्ट भी हटा दिया गया था। इसके बाद अचानक रविवार को उनके निधन की खबर आई। अस्पताल के मुताबिक मल्टी ऑर्गन फेल्योर की वजह से उनकी मृत्यु हुई।
लता मंगेशकर का जन्म 28 सितंबर 1929 को इंदौर में हुआ। यह शहर उनके दिल के काफी करीब रहा। उनका जन्म स्थान की जगह आज एक कपड़े की दुकान है लेकिन यहां भी उनकी एक तस्वीर इस जगह की पहचान बताती है। साल 1942 में लता जी ने तेरह साल की उम्र में गाना शुरू कर दिया था। उन्होंने गायन की शिक्षा अपने पिता पंडित दीनानाथ मंगेशकर से ली थी जो संगीत की दुनिया और मराठी रंगमंच में उस समय काफी सक्रिय थे।
लता मंगेशकर को 2001 में संगीत की दुनिया में उनके योगदान के लिए भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से नवाजा गया था। इससे पहले भी उन्हें कई सम्मान दिए गए, जिसमें पद्म विभूषण, पद्म भूषण और दादा साहेब फाल्के सम्मान भी शामिल हैं। कम ही लोग जानते हैं कि लता जी गायिका के साथ संगीतकार भी थीं और उनका अपना फिल्म प्रोडक्शन भी था, जिसके बैनर तले बनी फिल्म “लेकिन” थी, इस फिल्म के लिए उन्हें बेस्ट गायिका का नेशनल अवॉर्ड भी मिला था, 61 साल की उम्र में गाने के लिए नेशनल अवॉर्ड जीतने वाली वे एकमात्र गायिका रहीं। इसके अलावा भी फिल्म “लेकिन” को 5 और नेशनल अवॉर्ड मिले थे।