इंफेंट्री स्कूल महू से मिली पहली स्वदेशी मशीन पिस्टल ASMI, लागत पचास हजार से कम, चार महीने में हुई तैयार


इस पिस्टल गन को बनाने में भारतीय सेना ने भी मदद की है। ख़बरों की मानें तो जल्द ही इस स्वदेशी हथियार को भारतीय सेना भी उपयोग करेगी। ये पिस्टल गन रक्षा बलों में नौ एमएम वाली पिस्टल की जगह लेगी।


Manish Kumar Manish Kumar
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नई दिल्ली। देश में पहली बार एक मशीन पिस्टल बनाई गई है। इसका नाम एएसएमआई रखा गया है। यह पिस्टल पूरी तरह भारत में बनाई गई है। इस पिस्टल को बुधवार को सेना ने अपने एक कार्यक्रम में पेश किया है। इस हथियार का निर्माण केवल चार महीने के रिकार्ड टाइम में किया गया है।

पिस्टल का निर्माण इंदौर जिले में स्थित महू छावनी के सैन्य संस्थान इंफेंट्री स्कूल में किया गया है।  इन्फ्रेंट्री स्कूल के लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद बंसोड़ ने इस हथियार को एआरडीई पुणे की सहायता से बनाया है। इसके साथ ही रक्षा शोध और विकास संगठन ( डीआरडीओ) की ओर से इसे विकसित किया गया है।

सेना द्वारा साझा की गई जानाकारी की अनुसार एएसएमआई नाम के इस हथियार से  इन.सर्विस 9 एमएम गोली फायर की जाती है। इस हथियार से 100 मीटर की रेंज में सटीक फायरिंग की जा सकती है। इसमें 8 इंच बैरल और 33 राउंड उच्च क्षमता वाली मैगजीन है।

भारत में बनी यह पिस्टल बीते पांच दशकों से इजराइल के द्वारा बनाए जाने वाले चर्चित हथियार उजी गन को टक्कर देगी। कार्यक्रम में जानकारी दी गई कि इस मशीन पिस्टल को इसकी विकास अवधि के दौरान  तीन सौ से ज्यादा राउंड फायर कर टेस्ट किया गया है।

इस पिस्टल गन को बनाने में भारतीय सेना ने भी मदद की है। ख़बरों की मानें तो जल्द ही इस स्वदेशी हथियार को भारतीय सेना भी उपयोग करेगी। ये पिस्टल गन रक्षा बलों में नौ एमएम वाली पिस्टल की जगह लेगी।

इस पिस्टल में 8 इंच बैरल और 33 राउंड उच्च क्षमता वाली मैगजीन लोड की जा सकती है जबकि इसका वज़न दो किलोग्राम से भी कम है।  बताया गया कि इस हथियार को केंद्रीय पुलिस संगठनों और राज्य पुलिस सेवाओं के उपयोग के साथ-साथ निर्यात भी किया जा सकता है। इसके निर्माण से रोज़गार में भी बढ़ोत्तरी होगी।



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