भोपाल। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण रविवार सुबह से ट्विटर पर हो रही चर्चाओं में बनी हुईं हैं। सोशल मीजिया पर उनके वीडियो लगातार वायरल हो रहे हैं। इनमें से एक वीडियो ताज़ा उसमें सीतारमण डॉलर के मुकाबले गिरते रुपये पर अपनी टिप्पणी दे रहीं हैं। वे कह रहीं हैं कि रुपया गिर नहीं रहा है बल्कि डॉलर मजबूत हो रहा है। वहीं इसके साथ लोग उनके पुराने वीडियो भी साझा कर रहे हैं जहां वे रुपये के गिरने को भारत की कमजोर हो रही साख़ से जोड़ रहीं हैं।
इस बीच रविवार को एक डॉलर की कीमत 82.42 भारतीय रुपये हो चुकी है। ये अब तक का सबसे निचला स्तर है। जिसे लेकर अर्थव्यवस्था के जानकार चिंतित हैं। इससे पहले जुलाई में डॉलर के मुकाबले 80 रुपये का आंकड़ा पार हो चुका था। वहीं साल 2014 में जब एनडीए की सरकार बनी थी तब डॉलर के मुकाबले रुपया 60 के आसपास था। इसके बाद से अब तक 25 प्रतिशत से अधिक की गिरावट आ चुकी है।
हालांकि भारत में केंद्र सरकार के मंत्री और सत्ताधारी दल के प्रवक्ता या तो इस पर चुप हैं और अगर उनसे कुछ पूछा जा रहा है तो वे इसके लिए बिल्कुल नए तर्क दे रहे हैं। इनमें कई बयान पीएम नरेंद्र मोदी के भी हैं जो उन्होंने गुजरात के सीएम रहते दिये थे। वे तब पीएम पद की दावेदारी कर रहे थे। लोग मोदी के पुराने बयान भी साझा कर रहे हैं।
इसी तरह अमेरिका की आधिकारिक यात्रा कर रहीं वित्त मंत्री ने भी जवाब दिया है। वाशिंगटन डीसी में जब वित्त मंत्री से पूछा गया तो उन्होंने रुपये को देखने का नया नज़रिया पेश किया। वित्त मंत्री ने कहा कि ‘रुपया कमजोर नहीं हो रहा, हमें इसे ऐसे देखना चाहिए कि डॉलर मजबूत हो रहा है उन्होंने कहा कि लेकिन दूसरी मार्केट करेंसी देखें तो रुपया डॉलर की तुलना में काफी अच्छा कर रहा है।’
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का बयान सामने आने के बाद सोशल मीडिया पर उनकी चर्चा लगातार हो रही है। लोग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और दूसरे मंत्रियों के पुराने वीडियो साझा कर रहे हैं जहां वे रुपये के गिरने को देश की साख गिरना बताते रहे हैं हालांकि जिस समय पीएम नरेंद्र मोदी और वित्त मंत्री निर्मला सीतरमण इस तरह के बयान दिया करते थे उस समय एक डॉलर की कीमत
यूजर्स उनकी तीखी आलोचना कर रहे हैं। एक ट्विटर यूजर ने लिखा है कि “ये लॉजिक 2014 से पहले लगा लिया होता। लेकिन उस समय तो आपलोगों ने इसे प्रधानमंत्री का साख गिरना बताया था। राजकुमार स्वामी नाम के यूजर ने पूछा कि ये बताने के लिए आपको अमेरिका जाना पड़ा? रवि गुलाटी लिखते हैं कि जैसे प्याज खाना बंद करवाए थे, वैसे ही रुपए का इस्तेमाल बंद करवा दीजिए मैडम।