किसान नेताओं ने सरकार के प्रस्ताव को रद्द करते हुए देश भर में रोज प्रदर्शन करने की घोषणा की है। मंगलवार शाम अमित शाह के साथ वार्ता बेनतीजा खत्म होने के बाद किसान यूनियन के नेताओं ने कहा था कि सरकार कृषि बिल वापस लेने को तैयार नहीं और आज सरकार के साथ होने वाली पूर्व निर्धारित वार्ता को भी रद्द कर दिया था। जिसके बाद नये कृषि कानूनों पर सरकार ने आज सुबह पांच बिन्दुओं का एक प्रस्ताव भेजा था जिस पर किसान नेताओं ने सिंघु बॉर्डर पर बैठक करने के बाद उसे ख़ारिज करने की घोषणा करते हुए किसान यूनियन नेताओं ने 14 दिसंबर को पंजाब,हरियाणा, यूपी, राजस्थान और मध्य प्रदेश में और 12 दिसंबर को दिल्ली-जयपुर हाइवे को जाम करने का ऐलान किया है।
We will block Delhi-Jaipur highway by 12th December: Farmer leaders at Singhu (Delhi-Haryana border)#FarmLaws https://t.co/YvWMeVdxW5
— ANI (@ANI) December 9, 2020
14 तारीख को बीजेपी कार्यालयों का भी घेराव किया जायेगा। सिंघु बॉर्डर पर आज किसान नेताओं की बैठक के बाद क्रांतिकारी किसान यूनियन के अध्यक्ष दर्शन पाल ने कहा -जो सरकार की तरफ से प्रस्ताव आया है उसे हम पूरी तरह से रद्द करते हैं।
On 14th December, BJP offices will be gheraoed, protest demonstrations will be held in many parts of the country. We are also giving a call to farmers from other parts of the country to reach Delhi: Farmer leaders at Singhu border
— ANI (@ANI) December 9, 2020
सरकारी प्रस्ताव पर किसान नेताओं का प्रेस कॉन्फ्रेंस। #FarmersProtest https://t.co/wd6rk7CjMX
— Yogendra Yadav (@_YogendraYadav) December 9, 2020
अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति (एआईकेएससीसी) ने कहा है कि, सभी किसान संगठनों ने नए के रूप में दिये गये इस पुराने प्रस्ताव को नकार दिया है। एआईकेएससीसी व सभी किसान संगठनों ने तीन खेती के कानून व बिजली बिल 2020 को रद्द करने की मांग दोहराई है।
AIKSCC | Press Bulletin |Delhi, 9th December 2020
MODI GOVT. INSINCERE & ARROGANT ABOUT RESOLVING FARMERS DEMANDS; ALL FARMERS BODIES RIGHTLY REJECT OLD PROPOSALS DRESSED UP AS NEW
AIKSCC AND ALL FARMER ORGANISATIONS REITERATE THEIR DEMAND TO REPEAL 3 FARM ACTS AND EB 2020 pic.twitter.com/bQF6Mgiyzp
— All India Kisan Sangharsh Coordination Committee (@aikscc) December 9, 2020
एआईकेएससीसी ने कहा है कि, विरोध जारी रहेगा, दिल्ली में किसानों की संख्या बढ़ेगी, सभी राज्यों में जिला स्तर पर धरने शुरु होंगे और मोदी सरकार की नीतियों का खुलासा करने के लिए ‘सरकारी की असली मजबूरी अडाणी, अम्बानी, जमाखोरी’ के खिलाफ अभियान चलाया जाएगा।