केंद्र सरकार से अपनी मांगों को लेकर किसान आंदोलन की तैयारी कर रहे हैं और इसी तैयारी में बड़ी संख्या में किसानों के जत्थे दिल्ली जाने की कोशिश कर रहे थे। मंगलवार सुबह जब हरियाणा और पंजाब से किसान दिल्ली दिल्ली में प्रवेश की कोशिश कर रहे थे तो पुलिस ने उन पर खासी सख्ती की। हरियाणा पुलिस ने किसानों पर आंसू गैस की गोले दागे।
यह सब अंबाला के पास शंभू बॉर्डर पर हो रहा था। जहां मंगलवार को अफरा तफरी का माहौल रहा। किसानों पर कार्रवाई करने वाले अधिकारियों ने मीडिया को बताया कि कुछ युवाओं ने बैरिकेड तोड़ने की कोशिश की थी जिसके चलते आंसू गैस के गोले दागे गए। ये गोले भी एक ड्रोन से गिराए जा रहे थे जो कि काफी नया तरीका था। किसानों के बीच में यह गोले गिराए जा रहे थे और ऐसे में किसान बचने के लिए खेतों में भाग रहे थे।इस दौरान कई किसानों को हिरासत में भी लिया गया।
हरियाणा बॉर्डर पर पंजाब के किसानों ने शुरुआती बेरीकेडिंग उखाड़ दिये हैं। हालाँकि कंक्रीट के बेरीकेडिंग हटाने की लड़ाई लड़ी जा रही है। इन किसानों ने अपनी छाती पर सुबह से कम से कम 1 हज़ार से अधिक आसूँ गैस के गोले झेल लिए। ये पीछे हटने वाले नहीं लगते। pic.twitter.com/8pzr0xASZo
— Shyam Meera Singh (@ShyamMeeraSingh) February 13, 2024
किसानों ने भी जमकर प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारी किसानों ने उन्हें रोकने के लिए लगाए गए सीमेंट के बैरिकेड हटाने शुरू कर दिए और ओवरब्रिज की रेलिंग तोड़ दी। प्रदर्शनकारी किसानों को रोकने के लिए पुलिस ने पानी की बौछार भी छोड़ी।
इसस पहले अपनी फसलों के लिए एमएसपी यानी न्यूनतम सर्मथन मूल्य की कानूनी गारंटी, स्वामीनाथन आयोग की मांगें लागू करने जैसी कई मांगों को लेकर केंद्रीय मंत्रियों के साथ किसान नेताओं की बातचीत हुई लेकिन इसका कोई नतीजा नहीं निकला।
VIDEO | Sarwan Singh Pandher, general secretary, Kisan Mazdoor Sangharsh Committee, Punjab, addreses media on the farmers' 'Delhi Chalo' protest march.
"We say it today that we are farmers of this country, we do not fight. We demand MSP guarantee law, implementation of… pic.twitter.com/lrw3ZNjf7f
— Press Trust of India (@PTI_News) February 13, 2024
सोमवार रात चंडीगढ़ में किसान नेताओं की केंद्रीय मंत्रियों अर्जुन मुंडा और पीयूष गोयल के साथ करीब पांच घंटे चली बैठक बेनतीजा रही। बैठक के बाद किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने कहा, “सरकार बस समय निकालना चाहती है.. हम लोगों ने पूरी कोशिश की है कि हम मंत्रियों से लंबी बातचीत करें और कोई निर्णय निकलें। लेकिन ऐसा कुछ हुआ नहीं…”दिल्ली कूच” जारी रहेगा.!” किसान नेताओं ने बताया कि स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशें लागू करने के लिए और एमएसपी को कानूनी तौर पर जरूरी बनाने के लिए सरकार एक कमेटी बनाने का प्रस्ताव रखा है जिसे मानने से किसानों ने साफ तौर पर इंकार कर दिया है।
हालांकि, बैठक के बाद केंद्रीय कृषि मंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा, “किसान संगठनों के साथ गंभीरता से बातचीत हुई। सरकार हमेशा चाहती है कि बातचीत के माध्यम से समाधान निकले… अधिकांश विषयों पर हम सहमति तक पहुंचे, लेकिन कुछ विषयों पर हमने स्थाई समाधान के लिए कमेटी बनाने को कहा… हम अभी भी मानते हैं कि किसी भी समस्या का समाधान बातचीत से हो सकता है। किसानों को समझने की जरूरत है कि भारत सरकार किसानों के हितों की रक्षा करने के लिए प्रतिबद्ध है और उनके साथ-साथ जनसामान्य को कोई कठिनाई ना हो।”
इसके बाद पंजाब की किसान यूनियनों ने मंगलवार से किसानों ने आंदोलन की तैयारी कर ली थी और सुबह दस बजे किसान दिल्ली के लिए रवाना होने लगे। दिल्ली से सबसे नजदीकी हरियाणा और पंजाब के कई इलाकों से किसानों के जत्थे ट्रैक्टर-ट्रॉलियों के साथ शंभू बॉर्डर की ओर बढ़ रहे हैं। इससे शंभू बॉर्डर पर हलचल बढ़ गई है। किसानों को दिल्ली जाने से रोकने के लिए सरकार ने सुरक्षा के भारी इंतजाम किए हैं। हरियाणा, पंजाब और दिल्ली की सीमाओं पर मजबूत किलेबंदी की गई है। हरियाणा के 7 जिलों कुरुक्षेत्र, अंबाला, कैथल, जींद, हिसार, फतेहाबाद और सिरसा में मंगलवार तक मोबाइल इंटरनेट सेवा को बंद कर दी गई है।
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संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा (केएमएम) के बैनर तले किसान अंबाला-शंभू, खनौरी-जींद और डबवाली सीमाओं से दिल्ली की ओर कूच करने का प्रयास कर रहे हैं। पंजाब के किसानों ने मंगलवार सुबह करीब 10 बजे फतेहगढ़ साहिब से मार्च शुरू किया। किसानों का एक काफिला संगरूर के मेहल कलां से खनौरी सीमा के माध्यम से राष्ट्रीय राजधानी की ओर बढ़ रहा है। किसानों के दिल्ली कूच को रोकने के लिए हरियाणा-पंजाब बॉर्डर पर कई ज कंक्रीट ब्लॉक, लोहे की कीलों और कंटीले तारों से रास्ते बंद कर दिए गए। वहीं मप्र में भी कई हिस्सों में किसानों को दिल्ली जाने से रोका गया। उज्जैन रेलवे स्टेशन पर कई किसानों को पुलिस रोकती नजर आई। इसके अलावा रीवा, नर्मदापुरम आदि इलाकों में भी किसान आंदोलन को लेकर माहौल गर्म है।