आज कृषि कानूनों पर केंद्र सरकार के साथ बात करने के लिए किसान नेता सिंघु बाॅर्डर से विज्ञान भवन के लिए रवाना हो गये। एक किसान नेता ने कहा, “ये कानून रद्द करने चाहिए। अगर आज कोई नतीजा नहीं निकलता तो भारत बंद (8 दिसंबर को) किया जाएगा।”
Delhi: Farmer leaders leave from Singhu border for Vigyan Bhawan to hold fifth round of talks with the Central government on the farm laws. pic.twitter.com/dtnVmbU4RT
— ANI (@ANI) December 5, 2020
देशभर में किसानों का प्रदर्शन तेज हो गया है और पूरे देश में सरकार और अडानी, अम्बानी का पुतला दहन का आह्वान किया गया है।
Delhi: Farmers continue to hold a sit-in protest at Chilla border (Delhi-Noida Link Road) against the Centre's #FarmLaws.
A farmer says, "If anything concrete doesn't happen in today's meeting with the Central government then we will gherao the Parliament." pic.twitter.com/4mPOeAm9Xm
— ANI (@ANI) December 5, 2020
इस बीच किसान संयुक्त मोर्चा के प्रधान रामपाल सिंह ने कहा कि, आज आर-पार की लड़ाई करके आएंगे, रोज-रोज बैठक नहीं होगी। आज बैठक में कोई और बात नहीं होगी, कानूनों को रद्द करने के लिए ही बात होगी।
आज आर-पार की लड़ाई करके आएंगे, रोज-रोज बैठक नहीं होगी। आज बैठक में कोई और बात नहीं होगी, कानूनों को रद्द करने के लिए ही बात होगी: आज केंद्र सरकार के साथ कृषि कानूनों पर होने वाली बैठक पर किसान संयुक्त मोर्चा के प्रधान रामपाल सिंह #FarmersProtest pic.twitter.com/solGkrlCLa
— ANI_HindiNews (@AHindinews) December 5, 2020
किसान महा पंचायत के प्रेसिडेंट रामपाल जाट ने कहा कि, सरकार तीनों काले कानून रद्द करना चाहिए और एमएसपी के बारे में लिखित में देना चाहिए, उन्होंने कहा कि यदि आज की बातचीत का कोई सकारात्मक परिणाम नहीं आता तो राजस्थान किसान दिल्ली मार्च करेंगे और जंतर मंतर पर डेरा डालेंगे।
Govt should announce to withdraw the three black laws & give in writing that MSP will continue. If any positive result doesn't come out of today's talks, farmers from Rajasthan will march along NH-8 towards Delhi & camp at Jantar Mantar: Rampal Jat, president, Kisan Mahapanchayat pic.twitter.com/6MJJwE8c1l
— ANI (@ANI) December 5, 2020
किसान मज़दूर संघर्ष कमेटी, पंजाब के संयुक्त सचिव ने वार्ता बैठक से पहले कहा कि, आज की बैठक में समाधान निकलने की संभावना है लेकिन जैसे सरकार ने कमियों के साथ बिलों को पारित किया उससे उनकी नीतियों पर आज भी हमें शक है। वो शायद कोई फाॅर्मूला निकालें, लेकिन फाॅर्मूले से बात नहीं बनेगी।
गौरतलब है कि,नए कृषि कानूनों के मुद्दे पर किसानों और केंद्र सरकार में टकराव बरकरार है। पांचवें दौर की बातचीत के लिए किसान नेता विज्ञान भवन जा रहे हैं। इससे पहले, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार सुबह कैबिनेट के वरिष्ठ साथियों को आवास पर बुलाया। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और कृषि नरेंद्र सिंह तोमर इस मीटिंग में मौजूद रहे। रेल मंत्री पीयूष गोयल भी इसका हिस्सा था। मीटिंग के बाद नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा, ‘शनिवार को किसानों के साथ दोपहर 2 बजे मीटिंग तय है। मुझे उम्मीद है कि किसान सकारात्मक विचार करेंगे और विरोध प्रदर्शन खत्म करेंगे।’ हालांकि किसान संगठनों के नेता दो-टूक कह रहे हैं कि तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने से कम कुछ भी मंजूर नहीं होगा।
A meeting is scheduled with farmers at 2 pm today. I am very hopeful that farmers will think positively and end their agitation: Union Agriculture Minister Narendra Singh Tomar pic.twitter.com/tC8fZylo9m
— ANI (@ANI) December 5, 2020
कृषि कानूनों के खिलाफ टिकरी बाॅर्डर पर किसानों का विरोध प्रदर्शन जारी है। एक प्रदर्शनकारी ने कहा, “सरकार बार-बार तारीख दे रही है, सभी संगठनों ने एकमत से फैसला लिया है कि आज बातचीत का आखिरी दिन है।”
#WATCH | Farmers continue their protest against the farm laws at Delhi-Haryana border in Singhu.
Fifth round of talks is scheduled to take place between farmers' representatives and the Central government at 2 pm today. pic.twitter.com/cIHpIveOzx
— ANI (@ANI) December 5, 2020
दिल्ली-यूपी बाॅर्डर पर विरोध प्रदर्शन कर रहे किसान अभी भी डटे हुए हैं। केंद्र सरकार के साथ आज होने वाली बैठक पर एक प्रदर्शनकारी ने कहा, “हमें उम्मीद है कि मसला हल हो जाएगा, सरकार हमारी सुनेगी।”
कृषि कानूनों के खिलाफ सिंघु बाॅर्डर पर चल रहे किसानों के विरोध प्रदर्शन को देखते हुए बाॅर्डर पर बड़ी संख्या में सुरक्षा बल तैनात है।
बिहार के गाँधी मैदान में आज कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया गया। इस मौके पर आरजेडी नेता तजस्वी यादव ने कहा -“कृषि क़ानून किसान विरोधी हैं, हमारी मांग है कि जो किसान सड़कों पर आंदोलन कर रहें हैं उनकी सभी मांगों को पूरा किया जाए। हम किसानों की मांगों के साथ हैं।”
Bihar: Rashtriya Janata Dal (RJD) holds protest at Patna's Gandhi Maidan against the Centre's Farm laws.
RJD leader Tejashwi Yadav says, "We demand that the Centre repeals the black laws." pic.twitter.com/vBbM1WRlbR
— ANI (@ANI) December 5, 2020
वहीं, तमिलनाडु के सेलम में डीएमके पार्टी के अध्यक्ष एमके स्टालिन के नेतृत्व में कृषि क़ानूनों के खिलाफ प्रदर्शन रैली का आयोजन किया गया।
Tamil Nadu: Dravida Munnetra Kazhagam President MK Stalin holds a protest rally in Salem against Centre's Farm laws.
He says, "We went to Court against the laws. Kerala & Punjab have already approached Court. Our CM says he's a farmer first, why has he not taken any step?" pic.twitter.com/Sj0qXx7zSr
— ANI (@ANI) December 5, 2020
एनसीपी नेता नवाब मलिक ने कहा, केंद्रीय सरकार की बैठक हो रही है, हमें लगता है कि सरकार को अपना अड़ियल रवैया छोड़ना होगा। किसानों की मांगों को मानना पड़ेगा, किसान क्या चाहता है उसे अनदेखा करना उचित नहीं है। किसान आंदोलन पूरे देश में फैलता जा रहा है इसलिए सरकार जल्द ही उनकी मांगे पूरी करें।
PM held all-party meeting & now they're saying State & Centre will decide the price, how can it be? In Bihar, they gave assurance that vaccination will be free. We demand vaccine should be given to each Indian free of cost: Maharashtra Minister & NCP leader Nawab Malik
#COVID19 pic.twitter.com/Y57mqUueC1
— ANI (@ANI) December 5, 2020
बता दें कि, इससे पहले वरिष्ठ वकील और सुप्रीमकोर्ट बार एसोसिएशन के प्रेसिडेंट ने भी किसानों के प्रति अपना समर्थन व्यक्त करते हुए हाईकोर्ट और सुप्रीमकोर्ट में किसानों के लिए कोई भी केस लड़ने का प्रस्ताव दे चुके हैं।
We are thankful to Dushyant Dave has offered to help farmers legally. Govt should think if senior lawyers of the country are saying that these laws are not in the interest of the farmers then Govt should think about it: Advocate HS Phoolka. (4.12) https://t.co/5L5v1wcOVv pic.twitter.com/BRgBiEa4QZ
— ANI (@ANI) December 4, 2020