किसान आंदोलनः लखीमपुर खीरी में चार किसानों और चार भाजपा कार्यकर्ताओं की मौत


किसान नेता डिप्टी सीएम को काले झंडे दिखाने को लेकर इकट्ठा हुए थे


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बड़ी बात Published On :

उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी ज़िले में उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के एक कार्यक्रम के विरोध में हुए प्रदर्शन के बाद आठ लोगों की मौत हो गई। इनमें चार किसान और भाजपा के चार कार्यकर्ता शामिल हैं। 

इसके बाद से ही वहां हालात तनावपूर्ण बने हुए हैं। यहां घटनास्थल पर ही किसानों और ज़िला प्रशासन के बीच वार्ता जारी रही। हालांकि भाजपा के नेता और केंद्रीय गृह राज्य मंत्री ने इस हिंसा के लिए किसानों को ही जिम्मेदार ठहाराया है।

राज्य सरकार के निर्देश के बाद यूपी के एडीजी (लॉ एंड ऑर्डर) प्रशांत कुमार और एसीएस (कृषि) देवेश चतुर्वेदी किसानों से बातचीत के लिए लखीमपुर खीरी पहुंच गए।

ज़िलाधिकारी डॉक्टर अरविंद कुमार चौरसिया, एसपी विजय ढुल और एडीजी आईजी लक्ष्मी सिंह वहां किसानों से बातचीत कर रहे हैं।

इस घटना पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा, “इस प्रकार की घटना दुर्भाग्यपूर्ण है। सरकार इस घटना के तह में जाएगी और घटना में शामिल तत्वों को बेनकाब करेगी और दोषियों के विरुद्ध सख़्त कार्रवाई करेगी।

घटना स्थल पर अपर मुख्य सचिव नियुक्ति, कार्मिक एंव कृषि, एडीजी क़ानून व्यवस्था, आयुक्त लखनऊ और आईजी लखनऊ मौजूद हैं और स्थिति पर नियंत्रण रखते हुए घटना के कारणों की गहराई से जांच कर रहे हैं।”

घटना के दिन लखीमपुर खीरी में डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य का परियोजनाओं के लोकार्पण करने का कार्यक्रम था, उसके बाद केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्र के पैतृक गांव में एक सालाना कुश्ती के कार्यक्रम में उनको शामिल होना था।

ये जानकारी मिलने पर किसान नेता डिप्टी सीएम को काले झंडे दिखाने को लेकर इकट्ठा हुए थे।

केंद्रीय गृह राज्य मंत्री का स्पष्टीकरण

केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्र ने कहा कि उनके बेटे पर लगाया जा रहा ये आरोप कि वो गाड़ी चला रहे थे, ये सरासर झूठ है. उन्होंने कहा, “वो, मैं या मेरे परिवार का कोई भी सदस्य उस वक़्त वहां मौजूद ही नहीं था।”

अजय मिश्र ने बताया, “जैसा कि आप सबको जानकारी है कि हमारे पैतृक गांव में प्रतिवर्ष कुश्ती प्रतियोगिता का कार्यक्रम होता है। इस कार्यक्रम में भाग लेने के लिए बतौर मुख्य अतिथि आज माननीय उपमुख्यमंत्री जी को आना था और लखीमपुर में पीडब्ल्यूडी का कार्यक्रम था वो करके हम दोनों लोग साथ आ रहे थे।”

“जब हम कार्यक्रम स्थल से थोड़ी दूर थे तो हमारा रूट यह बता कर डायवर्जन कर दिया गया कि कुछ किसान वहां पर धरना प्रदर्शन कर रहे हैं और काला झंडा दिखाने की कोशिश करेंगे. हमलोगों का रूट परिवर्तित हो गया उसके बाद हमारे कार्यकर्ता चार पांच गाड़ियों से हमें लेने आ रहे थे।

उन कार्यकर्ताओं पर किसानों के बीच शामिल अराजक तत्वों ने पथराव किया. इसकी वजह से वो गाड़ियां रुकीं।”

“गाड़ियों से खींच कर हमारे कार्यकर्ताओं को लाठी, डंडे और तलवारों से पीटा गया. इसका वीडियो हमारे पास है। फिर गाड़ियों को धक्का देकर गड्ढे में गिराया गया। उन गाड़ियों को जलाया गया। उसके साथ साथ दूसरी गाड़ियों में भी भारी तोड़फोड़ की गई।”

“इस दुखद घटना में हमारे तीन भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं की मृत्यु हुई है। ड्राइवर की भी मृत्यु हुई है। इसके साथ ही 10 से 12 लोग घायल हुए हैं। यह बेहद दुखद घटना है जो इस आंदोलन में घुसे उपद्रवियों ने की है। जब से ये किसान आंदोलन शुरू हुआ है, बब्बर खालसा से लेकर अनेक उपद्रवी संगठन हमारे देश में अस्थिरता फैलाने की कोशिश में लगे हैं। किसान आंदोलन को चलाने वाले लोगों को भी इन बातों को समझना चाहिए।”

किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा…

उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी ज़िले में विरोध प्रदर्शन के दौरान चार किसानों समेत आठ लोगों की मौत के बाद किसान नेता राकेश टिकैत ने किसानों से शांति बनाए रखने की अपील की है।

उन्होंने कहा, “लखीमपुर खीरी में हुई घटना बहुत ही दुखद है. ‌इस घटना ने सरकार के क्रूर और अलोकतांत्रिक चेहरे को एक बार फिर उजागर कर दिया है।

किसान आंदोलन को दबाने के लिए सरकार किस हद तक गिर सकती है, सरकार और सरकार में बैठे लोगों ने आज फिर बता दिया।”

“लेकिन सरकार भूल रही है कि अपने हक के लिए हम मुगलों और फिरंगियों के आगे भी नहीं झुके। सरकार किसान के र्धर्य की और परीक्षा न ले। किसान मर सकता है पर डरने वाला नहीं है। सरकार होश में आए और किसानों के हत्यारों के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कर गिरफ्तारी सुनिश्चित करे।”

उन्होंने कहा, “किसानों से अपील है कि शांति बनाएं रखें, जीत किसानों की ही होगी. सरकार होश में ना आई तो भाजपा के एक भी नेता को घर से नहीं निकलने दिया जाएगा।”



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