संरक्षित इमारत भोजशाला पर चल रहे सर्वे पर रोक लगाने की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगाने से इंकार कर दिया। सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि एएसआई की रिपोर्ट के आधार पर कोई कार्रवाई नहीं होगी। इसके साथ ही वहां ऐसी कोई फिजिकल खुदाई न की जाए जिससे धार्मिक चरित्र को नुकसान पहुंचे। कोर्ट ने कहा है कि सर्वे चलता रहे लेकिन ऐसी कोई कार्रवाई न हो जिससे धार्मिक ढांचे में बदलाव आ जाए।
सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने मौलाना कमालुद्दीन वेलफेयर धार की याचिका पर सुनवाई की, जिसके तहत इंदौर हाईकोर्ट के निर्देश पर भोजशाला में किए जा रहे पुरात्तव विभाग के सर्वे को चुनौती दी गई थी। सुप्रीम कोर्ट ने मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय के उस आदेश के खिलाफ याचिका पर नोटिस जारी किया जिसमें भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण को विवादित स्थल भोजशाला और कमल मौला मस्जिद में सर्वेक्षण करने का निर्देश दिया गया था।
एएसआई का सर्वे 11वें दिन भी जारी : इंदौर हाईकोर्ट के निर्देश पर आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया का भोजशाला में सर्वे जारी है। सर्वे के 11वें दिन भी सुबह एएसआई की टीम भोजशाला पहुंची और सर्वे की शुरुआत की। टीम ने यहां करीब 9 घंटे तक सर्वे किया। टीम को भोजशाला के पिछले हिस्से में चल रही खुदाई के दौरान सिढि़यों जैसे पत्थर भी मिले है। भोजशाला परिसर में चार स्थानों पर टीम द्वारा खुदाई कराई जा रही है।
सोमवार को नगर पालिका के कर्मचारियों के साथ पटवारी भी भोजशाला पहुंचे और 50 मीटर की परिधी और प्रवेश सहित मार्ग की आधुनिक उपकरणों से जांच की। सर्वे के तहत मुख्य रूप से गर्भगृह के साथ ही साथ भोजशाला के फर्श की खुदाई को लेकर निर्णय लिया जा सकता है। इस खुदाई में कई महत्वपूर्ण बात सामने आ सकती हैं। लगातार 10 दिन से बिना रुके यह सर्वे जारी है।
मांडू जाएगी सर्वेक्षण टीम : हिंदू पक्ष के याचिकाकर्ता आशीष गोयल ने बताया कि है कि भोजशाला में सर्वे का 11वां दिन है। बीते दस दिनों से लगातार वैज्ञानिक आधार पर भोजशाला में सर्वे किया गया है। उन्होंने ये भी बताया कि पुरातत्व विभाग की टीम जल्दी ही मांडू भी जा सकती है क्योंकि मांडू के म्यूजियम में वो 22 मूर्तियां रखी हुई हैं जो भोजशाला में हुई खुदाई के दौरान निकाली गई थीं उन्हीं मूर्तियों की जांच करने टीम कभी भी मांडू जा सकती है।
काशी और मथुरा की तर्ज पर मध्य प्रदेश की भोजशाला के वैज्ञानिक सर्वे का आदेश मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की इंदौर पीठ ने 11 मार्च को दिया था। कोर्ट ने आदेश में स्पष्ट कहा कि एएसआई भोजशाला की ऐतिहासिकता का वैज्ञानिक और तकनीकी सर्वेक्षण करे। जस्टिस एसए धर्माधिकारी और जस्टिस देव नारायण मिश्र की पीठ ने कहा। एक्सपर्ट कमेटी दोनों पक्षकारों के प्रतिनिधियों की उपस्थिति में ग्राउंड पेनिट्रेशन रडार सिस्टम सहित सभी उपलब्ध वैज्ञानिक तरीकों के साथ परिसर के पचास मीटर के दायरे में समुचित स्थानों पर जरूरत पड़ने पर खुदाई करके सर्वेक्षण करे. तस्वीरें और वीडियो बनाए जाएं। 29 अप्रैल के पहले रिपोर्ट दी जाए। कोर्ट ने 29 अप्रैल को सुनवाई की अगली तारीख भी लगा दी थी। अगले दिन से ही सर्वे का काम शुरू हो गया था