चुनाव आयोग के निर्देश पर 12 तबादले रद्द, चार और कलेक्टरों पर गिर सकती है गाज


बड़ी बात Updated On :

भोपाल। चुनाव से ठीक पहले निर्वाचन आयोग ने मध्यप्रदेश सरकार को एक सख्त निर्देश दिया है।आयोग ने सरकार से 12 प्रशासनिक अधिकारियों के तबादले तत्काल प्रभाव से रद्द करने के लिए कहा है। इनमें ज्वाइंट और कलेक्टर डिप्टी कलेक्टर रैंक के अधिकारी शामिल हैं।

चुनाव आयोग ने कहा कि इन अधिकारियों के तबादले  उन 19 जिलों में हुए थे जहां की 28 सीटों पर आदर्श आचार संहिता लागू थी। मध्य प्रदेश में तीन नवंबर को 28 सीटों पर उप चुनाव होने वाले हैं।

इस मामले में  राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह एवं विवेक तन्खा ने चुनाव आयुक्त राजीव कुमार और सुशील चंद्रा से मुलाकात कर अपनी शिकायत दर्ज कराई थी।

उन्होंने बताया था इसकी शिकायत प्रदेश के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी से भी  की गई  थी, लेकिन उन्होंने कोई  कार्रवाई नहीं की।

कांग्रेस नेताओं ने कहा कि ट्रांसफर करके अफसरों को रिटर्निंग ऑफिसर जैसी महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंपी जा रही है जो खुले तौर पर आचरण संहिता का उल्लंघन है।

चुनाव आयोग ने कहा है कि यदि आदर्श आचार संहिता के लागू होने के बाद किसी स्थान पर एक अधिकारी का बदला जाना अत्यंत आवश्यक होगी तो इसके लिए राज्य सरकार को मुख्य निर्वाचन अधिकारी की सहमति से उपयुक्त अधिकारियों के नाम आयोग से स्वीकृति के लिए भेजने होंगे।

कांग्रेस ने बीते छह महीनों के दौरान हुए तबादलों की जानकारी भी चुनाव आयोग को दी है। उनके मुताबिक यह सभी तबादले बेहद अहम हैं और राजनीतिक लाभ पाने के लिए किए गए हैं।

इनमें मनीष सिंह कलेक्टर इंदौर, कुमार पुरुषोत्तम कलेक्टर गुना, अनय द्विवेदी कलेक्टर खंडवा, अनुराग वर्मा कलेक्टर मुरैना, रविंद्र मिश्रा कमिश्नर चंबल, प्रतिभा पाल कमिश्नर नगर निगम इंदौर, अक्षय कुमार सिंह कलेक्टर शिवपुरी, आशीष तिवारी अपर कलेक्टर ग्वालियर, मुकेश कुमार शुक्ला कमिश्नर सागर. दीपक सिंह कलेक्टर सागर।

उल्लेखनीय है कि मध्य प्रदेश में आचार संहिता लगने के पहले ताबड़तोड़ तबादले किए गए। आचार संहिता लागू होने के ठीक पहले 90 पुलिस अधिकारियों के तबादले हुए थे। वहीं आचार संहिता लागू होने के बाद भी तबादले जारी रहे जिनके बारे में अब चुनाव आयोग का यह निर्णय आया है।


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