धार जिले के औद्योगिक क्षेत्र मेघनगर में 168 करोड़ रुपये की एमडी ड्रग जब्त होने के बाद प्रशासन ने कार्रवाई तेज कर दी है। सोमवार को प्रशासन, पुलिस और स्वास्थ्य विभाग की संयुक्त टीम ने औद्योगिक क्षेत्र की 9 फैक्ट्रियों पर छापेमारी की। टीम ने फैक्ट्रियों में तैयार किए जा रहे उत्पादों, उनकी मात्रा और अन्य संबंधित पहलुओं की जांच की।
फैक्ट्री मालिक समेत कई आरोपी गिरफ्तार
मामले में फैक्ट्री मालिक विजय राठौड़, निवासी छानी (वड़ोदरा), और तीन अन्य आरोपियों – रतन नलवाया, वैभव नलवाया (दोनों निवासी व्यागांव, जिला दाहोद) और रमेश बेड़ावली को गिरफ्तार किया गया है। डीआरआई के अधिकारियों ने इन आरोपियों को सोमवार को झाबुआ जिला न्यायालय में पेश किया, जहां फैक्ट्री मालिक विजय राठौड़ को 18 अक्टूबर तक डिपार्टमेंटल रिमांड पर भेजा गया, जबकि अन्य तीन आरोपियों को जेल भेजा गया है।
संयुक्त जांच दल ने की छापेमारी
संयुक्त जांच दल ने जिन 9 फैक्ट्रियों पर छापेमारी की उनमें मेघनगर फार्मा केम, ब्रह्मोस केमिकल, ट्रेड केमिकल, मेघनगर ऑर्गेनिक, अंजनिया इंडस्ट्री, सिद्धिविनायक फैक्ट्री मेघनगर, विनी इंडस्ट्री और राठौर फार्मा शामिल हैं। टीम ने फैक्ट्रियों से दस्तावेजों के साथ उत्पाद के सैंपल भी एकत्रित किए। जांच पूरी होने के बाद सत्यापन की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
डीआरआई की कार्रवाई
डीआरआई (डायरेक्टोरेट ऑफ रेवेन्यू इंटेलिजेंस) की एक टीम ने रविवार को मेघनगर फार्मा केम फैक्ट्री पर छापा मारा, जहां से 36.785 किलोग्राम ड्रग पाउडर और 76 किलोग्राम ड्रग लिक्विड बरामद किया गया। कुल मिलाकर 112.785 किलोग्राम एमडी ड्रग्स जब्त की गई, जिसकी बाजार में कीमत 168 करोड़ रुपये से अधिक बताई जा रही है। इस घटना के बाद ही प्रशासन ने फैक्ट्रियों पर कार्रवाई शुरू की।
डीआरआई क्या है?
डीआरआई यानी डायरेक्टोरेट ऑफ रेवेन्यू इंटेलिजेंस भारत की प्रमुख खुफिया एजेंसी है, जो वित्त मंत्रालय के राजस्व विभाग के अंतर्गत आती है। इसका मुख्य कार्य ड्रग्स, सोना, हीरे, विदेशी मुद्रा, और नकली भारतीय मुद्रा जैसी वस्तुओं की तस्करी पर अंकुश लगाना है। डीआरआई वन्यजीवों और पर्यावरण की दृष्टि से संवेदनशील वस्तुओं के अवैध व्यापार को रोकने के साथ ही काले धन, मनी लॉन्ड्रिंग और वाणिज्यिक धोखाधड़ी पर भी कार्रवाई करती है।
विधायक ने उठाए सवाल
इस घटना के बाद स्थानीय विधायक ने सवाल उठाते हुए कहा है कि गुजरात में बंद की गई जहरीली फैक्ट्रियों को मध्य प्रदेश में क्यों अनुमति दी गई? उन्होंने इस पर राज्य सरकार से जवाब मांगा है।
इस घटना के बाद से औद्योगिक क्षेत्र में हड़कंप मचा हुआ है, और प्रशासन की ओर से लगातार कार्रवाई की जा रही है।