केंद्र सरकार चला रही नशा मुक्त भारत अभियान, अब तक साढ़े 9 करोड़ से अधिक जुड़े


अब तक 3.13 करोड़ से अधिक युवाओं, 2.09 करोड़ से अधिक महिलाओं और 3.13 लाख से अधिक शैक्षणिक संस्थानों सहित 9.58 करोड़ से अधिक लोग नशा मुक्त भारत अभियान का हिस्सा बन चुके हैं।


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नई दिल्ली। मादक पदार्थों के उपयोग का विकार एक ऐसा मुद्दा है जो देश के सामाजिक ताने-बाने पर प्रतिकूल प्रभाव डाल रहा है। किसी भी मादक पदार्थ पर निर्भरता न केवल व्यक्ति के स्वास्थ्य को प्रभावित करती है बल्कि उनके परिवारों और पूरे समाज को भी प्रभावित करती है।

इस समस्या से निपटने के लिए केंद्र सरकार निरंतर प्रयास में जुटी हुई है जिसके लिए केन्द्र सरकार पूरे देश में नशा मुक्त भारत अभियान चल रही है। इसी कड़ी में नशा मुक्ति अभियान को गति देने के लिए सामाजिक न्याय और अधिकारिता विभाग ने संत निरंकारी मंडल दिल्ली के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं।

इस मौके पर इस मौके पर केंद्रीय मंत्री डॉ. वीरेंद्र कुमार ने कहा कि अब तक 3.13 करोड़ से अधिक युवाओं, 2.09 करोड़ से अधिक महिलाओं और 3.13 लाख से अधिक शैक्षणिक संस्थानों सहित 9.58 करोड़ से अधिक लोग नशा मुक्त भारत अभियान का हिस्सा बन चुके हैं।

इस दिशा में मिलकर काम करने से ही हमारा देश सामाजिक और आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सपने को पूरा कर पाएगा।

मादक द्रव्यों की समस्या से निपटने के लिये पंचवर्षीय कार्य योजना –

केन्द्र सरकार मादक पदार्थ की समस्या से निपटने के लिए National Action Plan for Drug Demand Reduction (NAPDDR) पंचवर्षीय कार्य योजना (2018-2023) को लागू किया है। इस कार्य योजना का उद्देश्य समाज में नशीली दवाओं के दुरुपयोग एवं दुष्प्रभावों के बारे में जागरूकता पैदा करना है।

इसके अलावा इस योजना के तहत राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को निवारक शिक्षा एवं जागरूकता निर्माण, कौशल विकास, व्यावसायिक प्रशिक्षण और नशा के शिकार रह चुके लोगों को आजीविका सहायता, राज्यों/ केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा नशीली दवाओं की मांग में कमी लाने वाले कार्यक्रम और गैर-सरकारी संगठनों को नशेड़ियों के लिए एकीकृत पुनर्वास केन्द्रों (IRCA)का संचालन और रखरखाव करने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है।

भारत को नशा मुक्त बनाना उद्देश्य –

उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार मंत्रालय ने उच्च शिक्षा संस्थानों, विश्वविद्यालय परिसरों, स्कूलों और युवाओं में मादक द्रव्यों के सेवन के दुष्प्रभावों के बारे में जागरूकता पैदा करने के उद्देश्य से वर्तमान में देश के 372 जिलों में महत्वाकांक्षी नशा मुक्त भारत अभियान की शुरुआत की है।

इन 372 जिलों में अभियान गतिविधियों के लिए 8000 से अधिक मास्टर स्वयंसेवक हैं, जो वास्तव में अब तक आरंभ किए गए विभिन्न क्रियाकलापों के माध्यम से 1.20 करोड़ से अधिक युवाओं और 31 लाख से अधिक महिलाओं सहित 3.10 करोड़ से अधिक लोगों तक पहुंच रहे हैं।


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