नई दिल्ली। दिल्ली सरकार के ड्रग कंट्रोलर ने दिल्ली हाईकोर्ट से गुरुवार को कहा कि ‘गौतम गंभीर फाउंडेशन’ कोरोना संक्रमितों के इलाज में इस्तेमाल होने वाली दवा फैबीफ्लू की ‘अनाधिकृत जमाखोरी, खरीद और वितरण’ का दोषी पाया गया है।
ड्रग कंट्रोलर ने गौतम गंभीर फाउंडेशन द्वारा दिल्ली में कोरोना की दवा फेबीफ्लू बांटे जाने के मामले में ये बात हाईकोर्ट से कही है। ड्रग कंट्रोलर ने कहा कि इस फाउंडेशन ने गैरकानूनी तरीके से दवा की जमाखोरी की और इसे मरीजों में बांटा। बिना देरी किए इस फाउंडेशन और डीलर के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
ड्रग कंट्रोलर ने हाईकोर्ट में पेश की गई जांच रिपोर्ट में कहा है कि
गौतम गंभीर फाउंडेशन ने ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट, 1940 के प्रावधानों और नियमों का उल्लंघन किया है और इसलिए ऐसा अपराध किया है जो इस एक्ट की धारा 27 (b) (iii) और 27 (d) के तहत मुकदमा चलाने योग्य/दंडनीय है।
इसके साथ ही हाईकोर्ट को बताया गया है कि विधायक प्रवीन कुमार को भी ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स कानून के तहत ऐसे ही अपराध में दोषी पाया गया है।
Nandita Rao, appearing for Drug Controller, tells Delhi High Court that Gautam Gambhir Foundation has committed an offence under Drugs and Cosmetics Act as the foundation was found stocking medicine unauthorizedly pic.twitter.com/PUA6WYoT52
— ANI (@ANI) June 3, 2021
अदालत ने ड्रग कंट्रोलर को 6 हफ्ते के भीतर इन मामलों की प्रगति पर स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया है और सुनवाई की अगली तारीख 29 जुलाई निर्धारित की है।
गौतम गंभीर ने अप्रैल में एक ट्वीट किया था, जिसमें उन्होंने कहा था कि उनके कार्यालय से मरीज फैबीफ्लू दवा ले जा सकते हैं। मरीजों को अपने साथ डॉक्टर का पर्चा और आधार कार्ड लेकर आना होगा।
गंभीर के अलावा आम आदमी पार्टी विधायक प्रीति तोमर और प्रवीण कुमार ने भी कोरोना की दवाओं और सिलेंडरों की खरीद की थी। ये उस वक्त किया गया, जब देशभर में इन दवाओं की किल्लत चल रही थी। इस मामले में दिल्ली हाईकोर्ट ने ड्रग कंट्रोलर को जांच के आदेश दिए थे।