भोपाल। साल 2019 में दमोह की हटा विधानसभा में हुए देवेंद्र चौरसिया हत्याकांड में अब एक बेहद सनसनीखेज़ मोड़ सामने आ रहा है। जहां पुलिस और न्याय व्यवस्था आमने-सामने आ गई है। यहां एक न्यायाधीश ने अपने उपर ख़तरे की आशंका जताई है। प्रदेश में संभवतः यह पहला मामला है जब किसी जज ने अपने उपर इस तरह के ख़तरे की आशंका जताई है। यह मामला प्रदेश की न्याय व्यवस्था और राजनीतिक व्यक्तियों के प्रभाव को भी बता रहा है।
द्वितीय अपर सत्र न्यायाधीश ने पुलिस पर झूठे आरोप लगाने और अप्रिय घटाने कराने की आशंका जताई है। इन्हीं के न्यायालय में कांग्रेस नेता देवेंद्र चौरसिया हत्याकांड मामले की सुनवाई चल रही है। इस मामले में पथरिया से बीएसपी की विधायक रामबाई के पति गोविंद सिंह मुख्य आरोपी हैं। द्वितीय अपर सत्र न्यायाधीश ने स्वयं पर पुलिस द्वारा भविष्य में गंभीर मिथ्या आरोप लगाने और कोई अप्रिय घटना करने की आशंका जताई है।
न्यायाधीश ने कहा है कि पुलिस अधिकारी भविष्य में उनके खिलाफ गंभीर मिथ्या आरोप लगा सकते हैं और कोई अप्रिय घटना की जा सकती है, द्वितीय अपर सत्र न्यायाधीश ने इस प्रकरण को किसी अन्य न्यायालय में स्थानांतरित करने की अपेक्षा सत्र न्यायाधीश से की है।
एनडीटीवी से बात करते हुए मध्यप्रदेश में कैबिनेट मंत्री विश्वास सारंग ने कहा मुझे नहीं मालूम किस परिपेक्ष्य में लिखा है लेकिन मप्र सुचारू रूप से चल रहा है, ये स्थिति कांग्रेस के वक्त जरूर थी। 15 महीने में अराजाकता का माहौल बनाया था, सरकार बचाने के लिये 15 महीने में लोगों को गिरफ्तार नहीं किया, हमने कभी किसी को संरक्षण नहीं दिया ना दिया जाएगा। मध्यप्रदेश में अपराधी की जगह सींखचों के पीछे है ये सुनिश्चित होगा।
पूर्व वित्त मंत्री और कांग्रेस विधायक तरूण भनोट ने कहा ये जो मुद्दा आप कह रहे हैं बहुत गंभीर है, अगर जज महोदय को लगेगा कि उनकी जान को खतरा है. कानून व्यवस्था की समीक्षा सरकार को करना चाहिये एक जिम्मेदार विपक्ष के नाते इस मुद्दे को हम सदन में उठाएंगे।
(उक्त ख़बर एनडीटीवी के स्थानीय संपादक अनुराग द्वारी द्वारा लिखी गई है ।)