नई दिल्ली। दिल्ली हाईकोर्ट ने फिल्म एक्ट्रेस जूही चावला की 5G टेक्नोलॉजी के खिलाफ लगाई गई याचिका को शुक्रवार को खारिज कर दिया।
इसके साथ ही कोर्ट ने जूही पर 20 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया और कहा कि ये याचिका कानूनी प्रक्रिया का दुरुपयोग है। ऐसा लगता है कि ये याचिका पब्लिसिटी के लिए दाखिल की गई थी।
कोर्ट ने फैसले के वक्त पिछली सुनवाई के दौरान पड़े व्यवधानों का भी जिक्र किया। कोर्ट ने कहा कि एक्ट्रेस ने सुनवाई का लिंक सोशल मीडिया पर शेयर किया था, जिसकी वजह से सुनवाई में तीन बार खलल पड़ा। दिल्ली पुलिस इन लोगों की पहचान करे और इन पर कार्रवाई कर कोर्ट को सूचित करे।
Delhi High Court dismisses the lawsuit filed by actor-environmentalist Juhi Chawla against the setting up of 5G wireless networks in the country. The Court order said that the plaintiffs abused the process of law, imposes a fine of Rs 20 lakhs pic.twitter.com/YvhwNoZtRg
— ANI (@ANI) June 4, 2021
बता दें कि दिल्ली हाईकोर्ट ने याचिका पर दो जून को भी ऑनलाइन सुनवाई की थी, जिसमें जूही की ओर से वकील दीपक खोसला ने पक्ष रखा था।
जस्टिस जेआर मीढ़ा की बेंच ने सुनवाई के दौरान कहा था कि हम हैरान हैं। ऐसी याचिका कभी नहीं देखी, जिसमें कोई आदमी बिना किसी जानकारी के कोर्ट आता है और कहता है कि जांच करो।
अगर याचिकाकर्ता को विषय के बारे में कोई जानकारी नहीं है तो क्या मामले की सुनवाई की इजाजत दी जा सकती है? हम किस बात की इजाजत दे दें। खामियों से भरी याचिका को मंजूरी दे दें।
जूही चावला ने 5G टेक्नोलॉजी लागू किए जाने से पहले इंसानों और पशु-पक्षियों पर इसके असर की जांच करने की अपील दिल्ली हाईकोर्ट से की थी। जूही ने अदालत से मांग की थी कि 5G टेक्नोलॉजी को अमल में लाने से पहले इसे जुड़ी तमाम स्टडीज को गौर से पढ़ा जाए।
खासतौर पर रेडिएशन के प्रभाव की जांच हो। साथ ही यह भी साफ किया जाए कि इस टेक्नोलॉजी से देश की मौजूदा और आने वाली पीढ़ी को किसी तरह का नुकसान तो नहीं है।
बता दें कि एक्ट्रेस जूही चावला अक्सर मोबाइल टॉवरों से निकलने वाले हानिकारक रेडिएशन की मुखालफत करती रही हैं और इसे लेकर लोगों को जागरूक भी करती रही हैं।
2008 में उन्होंने महाराष्ट्र के तत्कालीन मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को चिट्ठी लिखकर मोबाइल टॉवर और वाई-फाई हॉटस्पॉट से निकलने वाले रेडिएशन से मानव जाति, पशु-पक्षियों और पेड़-पौधों को होने वाले नुकसान के प्रति आगाह किया था।