एक वयस्क महिला अपनी मर्ज़ी से जिसके साथ चाहे जीने को आज़ाद है: दिल्ली हाईकोर्ट


साथ ही अदालत ने पुलिस को निर्देश दिया कि वह उस महिला और उसके पार्टनर की सुरक्षा का बंदोवस्त करें और लड़की के माता-पिता को समझाएं कि वे कानून को अपने हाथ में लेने की कोशिश न करें और न ही किसी को डराए और धमकाएं। 


नित्यानंद गायेन
बड़ी बात Updated On :

पहले इलाहाबाद और अब दिल्ली हाई कोर्ट ने एक मामले में फैसला सुनाते हुए कहा कि एक वयस्क महिला अपनी इच्छा से कहीं भी रह सकती हैं अपनी पसंद के व्यक्ति के साथ। 

साथ ही अदालत ने पुलिस को निर्देश दिया कि वह उस महिला और उसके पार्टनर की सुरक्षा का बंदोवस्त करें और लड़की के माता-पिता को समझाएं कि वे कानून को अपने हाथ में लेने की कोशिश न करें और न ही किसी को डराए और धमकाएं।

दरअसल एक महिला ने बीते 12 सितंबर को अपने पसंद की एक व्यक्ति से शादी करने के लिए अपना घर छोड़ दिया था उसके बाद उनके परिवार वालों ने बबलू नामक एक व्यक्ति पर उनके गायब होने पीछे संदेह जाहिर करते हुए उन्हें अदालत में पेश करने के लिए  याचिका दायर की थी।

पुलिस ने लड़की को खोज कर वीडियो कांफ्रेस के माध्यम से अदालत के समक्ष पेश किया था। लड़की का पक्ष जानने के बाद अदालत ने लड़की के पक्ष में फैसला सुनाया।

लाइव लॉ के रिपोर्ट के मुताबिक कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि, एक वयस्क महिला अपनी मर्जी से  अपनी पसंद के किसी भी व्यक्ति के साथ कहीं भी रह सकती है।

जस्टिस विपिन संघी और जस्टिस रजनीश भटनागर की पीठ ने पुलिस को निर्देश दिया कि वे सुलेखा को सुरक्षित बबलू के घर तक ले जाएँ, साथ ही पुलिस दोनों पक्षों को सलाह दें कि वे कानून को अपने हाथ में न लें और न ही सुलेखा और बबलू को कोई  धमकी दें। साथ ही क्षेत्र के बीट कांस्टेबल का मोबाइल नम्बर सुलेखा और बबलू को उपलब्ध कराएँ ताकि वे पुलिस के संपर्क में रहें।

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गौरतलब है कि, दो दिन पहले इसी तरह के एक मामले पर इलाहाबाद हाई कोर्ट ने फैसला सुनाया था कि प्रत्येक व्यक्ति को अपनी पसंद के व्यक्ति के साथ, चाहे वह किसी भी धर्म को मानने वाला हो, रहने का अधिकार है।

इलाहाबाद HC ने कहा- अपनी पसंद का साथी चुनना व्यक्ति का मौलिक अधिकार, सरकार भी नहीं दे सकती दखल

अदालत ने ये फैसला कुशीनगर थाना के सलामत अंसारी और तीन अन्य की ओर से दाखिल याचिका पर सुनवाई के दौरान सुनाया था। अदालत ने कहा कि यहां तक कि राज्य भी दो बालिग लोगों के संबंध को लेकर आपत्ति नहीं कर सकता है।


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