इंदौर। केंद्र की मोदी सरकार द्वारा लाए गये कृषि कानूनों के खिलाफ 26-27 नवंबर को दिल्ली में किसानों के प्रदर्शन के लिए देश भर से दिल्ली के लिए निकले किसानों पर बीजेपी शासित हरियाणा और उत्तर प्रदेश में किसानों की गिरफ़्तारी और पुलिसिया दमन की चारों ओर निंदा हो रही है। इसी कड़ी में किसान संघर्ष समिति मालवा निमाड़ के संयोजक रामस्वरूप मंत्री एवं किसान खेत मजदूर संगठन के प्रमोद नामदेव ने हरियाणा के 800 से अधिक किसान नेताओं की विभिन्न जिलों से गिरफ्तारी की निंदा करते हुए इसे हरियाणा की भाजपा सरकार की कायरता पूर्ण, अलोकतांत्रिक एवं और असंवैधानिक कार्यवाही बताते हुए सभी किसान नेताओं की बिना शर्त रिहाई की मांग की है।
UP Police illegally detains #AIKSCC Contingent from South India – Working Group Member of AIKSCC & Legendary Social Justice & Rights Crusader Medha Patkar sends this video from the ground pic.twitter.com/MQYxGKHfiF
— All India Kisan Sangharsh Coordination Committee (@aikscc) November 25, 2020
किसान संघर्ष समिति और किसान खेत मजदूर संगठन ने हरियाणा सरकार द्वारा, इस ठंडे मौसम में दिल्ली जा रहे किसानों पर किए गए पानी की बौछार के हमले की भी कड़ी निंदा की है। इस ठंडे मौसम में इस तरह का पानी के साथ हमला कर आरएसएस भाजपा सरकार ने साबित कर दिया है कि वह कारपोरेट की सेवा में किस हद तक किसानों का दमन कर सकती है।
गिरफ्तारी के खिलाफ मेधा पाटकर उपवास पर
इस बीच खबर है कि,
बुधवार रात को महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश से AIKKMS के मनीष श्रीवास्तव, राष्ट्रीय किसान मजदूर संगठन के राहुल राज, लोक संघर्ष मोर्चा की प्रतिभा शिंदे, नर्मदा बचाओ आंदोलन और NAPM की नेत्री मेधा पाटकर व अन्य नेताओं के नेतृत्व में दिल्ली की और अपनी मांगों को लेकर जा रहे किसानों को उत्तरप्रदेश पुलिस द्वारा सैया बॉर्डर पर रोक लिया गया है। जिसके विरोध में कल रात से ही मेधा पाटकर 12 घंटे के उपवास पर हैं।
किसान संगठनों ने कहा कि एक ओर तो केंद्र सरकार पंजाब के किसान नेताओं को बातचीत के लिए आमंत्रित कर रही है, वहीं दूसरी ओर भाजपा की हरियाणा सरकार किसान नेताओं की गिरफ्तारी कर रही है। जिससे पता चलता है कि केंद्र सरकार बातचीत के प्रति गंभीर नहीं है तथा बातचीत के नाम पर किसानों को झांसा दे रही है। किसान संघर्ष समिति एवं किसान खेत मजदूर संगठन ने कहा कि हरियाणा सरकार के मुख्यमंत्री एवं पुलिस अधिकारियों द्वारा यह घोषणा की गई है कि वह पंजाब के किसानों को दिल्ली जाने के लिए हरियाणा से रास्ता नहीं देगी।
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दिल्ली जा रहे किसानों पर ठंड में पानी की बौछारें फेंकना भी सरकार का अमानवीय बर्ताव
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सभी किसान नेताओं की बिना शर्त रिहा करें सरकार
जिससे भारत के संघीय ढांचे को लेकर संवैधानिक संकट पैदा हो गया है। देश का कोई भी एक राज्य दूसरे राज्य के नागरिकों को संवैधानिक तौर पर नहीं रोक सकता क्योंकि देश के हर नागरिक को देश में कहीं भी बेरोकटोक आनेजाने का अधिकार है।
रामस्वरूप मंत्र एवं प्रमोद नामदेव ने कहा कि केंद्र सरकार ने जो किसान विरोधी तीन कानून बनाए हैं उसमें किसानों के लिए न्यायालय जाने का रास्ता बंद कर दिया गया है और अब दिल्ली चलो कार्यक्रम हेतु किसानों के दिल्ली पहुंचने पर बाधाएं खड़ी की जा रही हैं उससे यह पता चलता है कि केंद्र सरकार किसानों के न्याय पाने के सभी रास्ते बंद कर रही है, जिसका अधिकार भारत का संविधान देश के नागरिकों को है ।
मंत्री व नामदेव ने विश्वास व्यक्त किया कि देश के किसान – मजदूर ,लोकतंत्र – अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और बेरोकटोक देश की सीमाओं के भीतर आवाजाही के अधिकार में भरोसा रखने वाले संगठन और नागरिक केंद्र सरकार की चुनौती को स्वीकार करते हुए माकूल जबाब देंगे।