कोरोना वैक्सीन के ट्रायल में हिस्सा लेने वाले व्यक्ति की मौत, पत्नी का आरोप वैक्सीन बनी जानलेवा


पहले डोस के बाद ही उनकी तबियत बिगड़ गई और उसके बाद हालत खराब होती चली गई। उनकी पत्नी वैजयंती का आरोप है कि उनकी मौत की वजह कोरोना वैक्सीन ही है।


DeshGaon
बड़ी बात Published On :

भोपाल। शहर में एक मज़दूर दीपक मरावी की मौत की वजह कोरोना वैक्सीन को बताया जा रहा है।  इक्जेक्शन लगाने के बाद  दीपक की तबियत बिगड़ती चली गई और फिर उनकी मौत हो गई। इस मामले को पुलिस ने भी दबाने की कोशिश की और मृतक की पत्नी को उसकी पोस्ट मार्टम रिपोर्ट तक नहीं दी। यह रिपोर्ट अस्पताल को दी गई और रिपोर्ट के मुताबिक दीपक की मौत आत्महत्या भी हो सकती है लेकिन अगर ऐसा था तो अस्पताल ने भी इसकी जानकारी पुलिस को नहीं दी।

पैंतालीस साल के दीपक मरावी मज़दूरी कर अपना जीवन चलाते थे और टीला जमालपुरा की सूबेदार कॉलोनी में किराये से रहते थे। घर में उनके अलावा पत्नी और तीन बच्चे हैं। दीपक को ड्रग ट्रायल का हिस्सा बनाया गया था। बताया जाता है कि उन्हें 12 दिसंबर को वैक्सीन ट्रायल में शामिल किया गया।

पहले डोस के बाद ही उनकी तबियत बिगड़ गई और उसके बाद हालत खराब होती चली गई। उनकी पत्नी वैजयंती का आरोप है कि उनकी मौत की वजह कोरोना वैक्सीन ही है। हालांकि इसकी पुष्टी अब तक नहीं की जा सकी है। पत्नी के मुताबिक दीपक की तबियत लगातार बिगड़ रही थी। उन्हें बदन दर्द, कमजोरी, हाथ पैर में ऐठन जैसी कई शिकायतें थीं। इसके बाद उन्हें उल्टी हुई जिसमें झाग निकला।

इसके बाद पत्नी ने अस्पताल चलने की जिद की लेकिन दीपक नहीं मानें, पत्नी से उन्होंने कहा कि उनके शरीर में चलने की ताकत नहीं है उनसे चला नहीं जाएगा इसलिए आराम करने दो। पत्नी ने कहा कि उन्होंने कई लोगों से मदद मांगी लेकिन मदद नहीं मिली। एनडीटीवी की इस रिपोर्ट के मुताबिक इसके बाद दीपक का पोस्ट मॉर्टम किया गया लेकिन पत्नी को पोस्ट मॉर्टम रिपोर्ट नहीं दी गई।

भोपाल में पीपुल्स मेडिकल कॉलेज पर कई लोगों को बिना बताए ड्रग ट्रायल का हिस्सा बनाने का आरोप है। बताया जाता है कि भोपाल गैस कांड के पीड़ितों की कॉलोनी के बहुत से लोगों को वे बिना पूरी जानकारी दिये ड्रग ट्रायल का हिस्सा बनाया गया।


Related





Exit mobile version