नई दिल्ली। कोरोना से जारी लड़ाई के बीच ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) ने शनिवार को ड्रग 2-डीऑक्सी-डी-ग्लूकोज (2-DG) दवा से कोरोना के इलाज को आपात मंजूरी दे दी है।
कोरोना संक्रमित मरीजों के लिए यह एक वैकल्पिक इलाज होगा। रिपोर्ट्स के मुताबिक, जिन मरीजों पर इस दवा का इस्तेमाल किया गया, उनकी RT-PCR रिपोर्ट निगेटिव आई।
ये दवा कोरोना मरीजों में संक्रमण की रफ्तार रोककर उन्हें तेजी से रिकवर होने में भी मदद करती है। शुरुआती ट्रायल में पता चला है कि इससे मरीज के ऑक्सीजन लेवल में भी सुधार होता है।
2-DG दवा को डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट आर्गेनाइजेशन यानी DRDO की लैब इंस्टीट्यूट ऑफ न्यूक्लियर मेडिसिन ने डॉ. रेड्डीज लैबोरेटरी की मदद से तैयार किया है।
#WATCH: Dr Anant Narayan Bhatt & Dr Sudhir Chandna, Institute of Nuclear Medicine & Allied Sciences(INMAS-DRDO) scientists speak about drug 2-deoxy-D-glucose (2-DG). DCGI approved emergency use of its therapeutic application as adjunct therapy in moderate to severe COVID patients pic.twitter.com/pySgG2moQC
— ANI (@ANI) May 8, 2021
दवा पाउडर के रूप में मिलती है और इसे पानी में घोलकर मरीज को पिलाना होता है। ये दवा सीधे उन कोशिकाओं तक पहुंचती है जहां संक्रमण होता है और वायरस को बढ़ने से रोक देती है।
लैब टेस्टिंग में ये भी जानकारी निकल कर सामने आई है कि ये कोरोना वायरस के खिलाफ काफी प्रभावी है। DRDO ने बयान जारी कर कहा है कि इसका उत्पादन भारी मात्रा में आसानी से किया जा सकता है।
DGCI ने मई 2020 में कोरोना मरीजों पर 2-DG का दूसरे फेज का क्लिनिकल ट्रायल शुरू किया था। अक्टूबर 2020 तक चले ट्रायल में दवा 2-DG को सुरक्षित पाया गया। इससे कोरोना मरीजों को तेजी से रिकवर होने में मदद मिली।
फेज-2 ट्रायल A और B फेज में किया गया, जिसमें 110 कोरोना मरीजों को शामिल किया गया। फेज-2A में 6 अस्पतालों के मरीज शामिल थे जबकि फेज-2B में 11 अस्पतालों के मरीज शामिल हुए।
दिसंबर 2020 से मार्च 2021 तक 220 कोरोना मरीजों पर तीसरे फेज का ट्रायल किया गया। ये ट्रायल दिल्ली, यूपी, पश्चिम बंगाल, गुजरात, राजस्थान, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक और तमिलनाडु के 27 अस्पतालों में किया गया।
ट्रायल के दौरान तीसरे दिन मरीजों की ऑक्सीजन पर निर्भरता 42% से घटकर 31% हो गई। खास बात यह है कि 65 साल से ज्यादा उम्र के मरीजों पर भी दवा का पॉजिटिव रिस्पॉन्स दिखा।