इंदौर। जिले में कोरोना के मरीज लगातार बढ़ रहे हैं। बुधवार को जारी कोरोना के मेडिकल बुलेटिन में बताए गए आंकड़े हैरान करने वाले हैं। बुलेटिन के मुताबिक बुधवार 14 अप्रैल को जिले में 9059 सैंपल जांचे गए इनमें 1693 नए संक्रमित मिले हैं। यह संख्या अब तक मिले संकेतों में सबसे ज्यादा है।
बुधवार को छह कोरोना संक्रमितों की मौत हुई जिसके बाद इंदौर में मृतकों की कुल संख्या 1023 हो चुकी है। फिलहाल जिले में 10351 संक्रमित मरीजों का इलाज जारी है। वहीं भोपाल में 1637 लोगों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। यहां कुल 6500 सैंपल जांचे गए थे। इस दौरान 8 लोगों की मौत भी हुई है।
इस बीच प्रदेश में ऑक्सीजन की कमी लगातार जारी है। ऑक्सीजन की आपूर्ति को लेकर सरकार के तमाम दावे जमीन पर बेअसर हैं। इंदौर और भोपाल के अस्पतालों में इसकी सच्चाई आसानी से नजर आ रही है।
इंदौर कलेक्टर मनीष सिंह ने ऑक्सीजन की बढ़ती मांग को लेकर अब उद्योगों में रखे ऑक्सीजन सिलेंडरों को अधिग्रहित करने का फैसला किया है। ऑक्सीजन की कमी को लेकर क्षेत्रों में एसडीएम के नेतृत्व में अलग-अलग दल बनाए गए हैं। हालांकि शुरुआत में 600 सिलेंडर ऑक्सीजन की व्यवस्था की गई है लेकिन मौजूदा जरूरत को देखते हुए यह फिलहाल कम ही नजर आ रही है।
वहीं ऑक्सीजन की कमी के कारण पीथमपुर औद्योगिक क्षेत्र की कंपनियों पर ज्यादा दबाव पड़ रहा है। यहां ऑक्सीजन प्लांट्स पर लगातार ऑक्सीजन सप्लाई का दबाव है और दूसरे उद्योगों को भी उनकी जरूरत के लिए ऑक्सीजन नहीं मिल पा रही है।
इस बीच भाजपा विधायक अजय विश्नोई ने एक बार फिर ऑक्सीजन की कमी को लेकर सवाल उठाए हैं।
प्रदेश में ऑक्सीजन की कमी है मुख्यमंत्री @ChouhanShivraj जी कृपया ध्यान दें अप्रैल के प्रथम सप्ताह में महाराष्ट्र में 50000 मरीज थे और ऑक्सीजन 457 मेट्रिक टन खर्च हुई है वहीं मध्यप्रदेश में 5000 मरीजों पर 732 मेट्रिक टन ऑक्सीजन खर्च क्यों हुई?
— Ajay Vishnoi (मोदी का परिवार) (@AjayVishnoiBJP) April 14, 2021
वहीं कांग्रेस विधायकों ने भोपाल में बुधवार दोपहर ऑक्सीजन सिलेंडर हाथ में लेकर धरना दिया और प्रदेश में स्वास्थ्य सुविधाओं की हालत पर विरोध जताया। भोपाल में अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी इस कदर हो गई है की अस्पताल अब मरीजों के परिजनों से शपथ पत्र तक भरवाने लगे हैं।