मप्र के अस्पताल में ‘ब्रिटिश कार्डियोलॉजिस्ट’ बनकर आया फर्जी डॉक्टर, 7 मौतों के बाद खुली पोल, योगी मॉडल की करता है तारीफ़


दमोह के मिशन अस्पताल में खुद को ब्रिटेन का कार्डियोलॉजिस्ट बताने वाला एक फर्जी डॉक्टर दो महीने तक मरीजों का इलाज करता रहा। यह वही शख्स है जिसने 2023 में फ्रांस में योगी के बुलडोजर मॉडल की वकालत कर वायरल सुर्खियां बटोरी थीं। अब उसकी असलियत उजागर हो गई है।


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बड़ी बात Updated On :

MP  के दमोह ज़िले में ईसाई मिशनरियों द्वारा संचालित एक प्रमुख अस्पताल—मिशन अस्पताल—इन दिनों एक चौंकाने वाले फर्जीवाड़े के चलते सुर्खियों में है। यहां करीब दो महीने पहले एक व्यक्ति ने खुद को ब्रिटेन का कार्डियोलॉजिस्ट (हृदय रोग विशेषज्ञ) बताकर नौकरी हासिल की और कई जटिल ऑपरेशन भी कर डाले। लेकिन अब सामने आया है कि न तो वह डॉक्टर है, न ही ब्रिटेन का निवासी—बल्कि एक फर्जीवाड़ा करने वाला ठग है जो उत्तर प्रदेश का निवासी है।

 

अस्पताल ने नहीं की कोई जांच, मौतें होने के बाद मचा हड़कंप

दमोह के इस मिशन अस्पताल में ‘प्रोफेसर एंड. जॉन कैंम’ नाम से यह व्यक्ति डॉक्टर बनकर पहुंचा। उसके पहनावे, अंग्रेजी बोलने के ढंग और प्रोफेशनल बॉडी लैंग्वेज से किसी को शक नहीं हुआ। अस्पताल प्रशासन ने भी बिना किसी पृष्ठभूमि की जांच के उसे कार्डियोलॉजी विभाग में नियुक्त कर दिया।

 

इस दो महीने की अवधि में इस फर्जी डॉक्टर ने कई मरीजों के बायपास और हार्ट संबंधित ऑपरेशन किए, जिनमें से कम से कम 7 मरीजों की मौत हो चुकी है। इन मौतों के बाद जब परिजनों ने सवाल उठाए, तब जाकर उसकी असलियत सामने आने लगी।

 

वही शख्स जो ‘फ्रांस में बुलडोजर मॉडल लागू करने’ की कर चुका है वकालत

 

जब इस डॉक्टर की पहचान उजागर हुई, तो लोगों को नाम जाना-पहचाना लगा—एंड जॉन कैंम। यह वही नाम है जिसने कुछ समय पहले फ्रांस में हुए दंगों के दौरान एक फर्जी ट्विटर अकाउंट से ट्वीट कर दावा किया था कि योगी आदित्यनाथ के ‘बुलडोजर मॉडल’ को फ्रांस में लागू किया जाना चाहिए। इस ट्वीट को सोशल मीडिया पर खूब वायरल किया गया और कई बड़े न्यूज़ चैनलों ने इस पर विशेष रिपोर्ट्स तक चलाईं, बिना यह जांचे कि व्यक्ति असली है भी या नहीं।

 

उस समय यह खबर “भारत के बुलडोजर मॉडल की अंतरराष्ट्रीय सराहना” के तौर पर चलाई गई थी। लेकिन बाद में जब इंटरनेट यूजर्स और पत्रकारों ने पड़ताल की, तो पाया कि यह पूरा दावा फर्जी है और यह तथाकथित ब्रिटिश डॉक्टर असल में उत्तर प्रदेश के किसी कस्बे का निवासी है, जो खुद को विदेशी साबित कर जनता और संस्थानों को धोखा देता फिर रहा है।

उसे समय इस व्यक्ति के विचारों को भारतीय जनता पार्टी और सीएम योगी का समर्थन करने वाले कई लोगों ने री ट्वीट किया था और इनमें मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ के के दफ्तर से भी रिट्वीट हुए थे।

फेक न्यूज की पोल खोलने वाली संस्था alt news के मोहम्मद जुबैर ने भी इसका पर्दाफाश किया है।

 

एक ही व्यक्ति के बड़े फर्जीवाड़े

पहले सोशल मीडिया पर झूठ फैलाकर नाम कमाया, फिर असली जिंदगी में डॉक्टर बनकर अस्पताल में घुस आया। इस दोहरी ठगी की कहानी अब सामने आने के बाद मिशन अस्पताल की लापरवाही पर भी सवाल उठ रहे हैं। आखिर एक व्यक्ति जो इंटरनेट पर पहले ही एक्सपोज हो चुका था, उसे अस्पताल ने कैसे भर्ती कर लिया?

फिलहाल आरोपी नरेंद्र विक्रमादित्य यादव उर्फ एंड जॉन कैंम फरार है और पुलिस उसकी तलाश में जुटी है। उस पर धोखाधड़ी, हत्या और आयुष्मान योजना के तहत फर्जी लाभ लेने जैसे गंभीर आरोप लगाए गए हैं।

 


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