नई दिल्ली। दिल्ली हाईकोर्ट ने 2019 के एक मामले में 16 वर्षीय नाबालिग के साथ रेप के आरोपी को यह कहते हुए जमानत देने से इनकार कर दिया कि शारीरिक संबंध बनाने के लिए नाबालिग की सहमति कानून की नजर में सहमति नहीं है।
दरअसल, आरोपी ने अपनी जमानत याचिका में दलील दी थी कि उसने नाबालिग लड़की की सहमति से शारीरिक संबंध बनाए थे, इसलिए उसे रिहा किया जाए।
लड़की के पिता की शिकायत पर 2019 में इस मामले में एफआईआर दर्ज हुई थी। पिता ने अपनी शिकायत में कहा था कि उनकी बेटी गायब है। पुलिस ने बाद में उत्तर प्रदेश के संभल जिले से लड़की का पता लगाया और उसे वापस लाई।
लड़की ने मजिस्ट्रेट के सामने कहा कि रेप का आरोपी बनाया गया शख्स उसका बॉयफ्रेंड था और वह उसके साथ करीब डेढ़ महीने तक रही। उसने सहमति से शारीरिक संबंध बनाए थे, क्योंकि वह उसके साथ रहना चाहती थी।
इसी मामले में जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए दिल्ली हाईकोर्ट के जज जस्टिस जसमीत सिंह ने जमानत याचिका खारिज करते हुए कहा कि शारीरिक संबंध बनाने के लिए नाबालिग की सहमति कानूनन वैध नहीं है।
इसके साथ ही जज सिंह ने कहा कि आरोपी पहले से ही शादीशुदा है और उसने लड़की के आधार कार्ड में जन्मतिथि बदलवाकर फायदा उठाने की नीयत से गंभीर अपराध किया है। ऐसा लगता है कि उसने ऐसा इसलिए किया ताकि दिखा सके कि जब उसने लड़की से संबंध बनाए थे तब वो नाबालिग नहीं थी।