28 हजार राजपूत वोट बचाने के लिए मैदान में कांग्रेस के डेंटिस्ट


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डॉ. अभिषेक सिंह टिंकु बना


 

धार। कांग्रेस पार्टी ने बदनावर विधानसभा क्षेत्र से युवा व सक्रिय नेता डॉ अभिषेकसिंह राठौर टिंकू बना को अपना उम्मीदवार घोषित किया है। टिंकू बना की टक्कर मौजदूा सरकार में  उद्योग मंत्री बनाए गए  राजवर्धनसिंह दत्तीगांव से है। जिन्होंने  अपने नेता ज्योर्तिादित्य सिंधिया के साथ  कांग्रेस छोड़ी थी। छह महीने पहले हुए इस घटनाक्रम में दत्तीगांव के जाने के बाद से ही बदनावर विधानसभा में कई  स्थानीय कांग्रेस नेताओं  के लिए रास्ते खुल गए थे। इनमें से बहुत से नेताओं ने खुलकर अपनी दावेदारी रखी। दावेदारों में कई वे नाम भी आए जो बदनावर से बाहर के थे। इनमें दो चुनाव हार चुके जिला कांग्रेस के अध्यक्ष बालमुकुंद सिंह गौतम और उनके भाई मनोज गौतम के भी नाम थे। ये वही गौतम हैं जिनके चलते दत्तीगांव प्रदेश कांग्रेस नेतृत्व से नाराज चल रहे थे और दत्तीगांव ने कांग्रेस छोड़ने का एक अहम कारण गौतम को भी बताया। हालांकि कांग्रेस के सर्वे में गौतम बंधुओं के जीतने की उम्मीदें न के बराबर थीं। कई और बाहरी और भीतरी प्रत्याशियों के नाम की भी जानकारी ली गई। इनमें इंदौरी नेता शरदसिंह सिसोदिया एवं राजगढ़ के गोविंद पाटीदार का नाम अहम रहा। वहीं स्थानीय दावेदारों में वरिष्ठ कांग्रेस नेता व बीते वर्षो में कई महत्वपूर्ण पदों पर रहे जीपी सिंह के साथ ही ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष कमलसिंह पटेल पूर्व नगर परिषद अध्यक्ष अभिषेक मोदी के नाम अहम रहे। हालांकि तमाम कवायद के बाद मौका डॉ. अभिषेक सिंह  को मिला है।

दरअसल जो भी प्रत्याशी रहे उनकी पहली कोशिश किसी तरह खुद को दत्तीगांव के सामने मजबूत प्रत्याशी दिखाने की रही है। इसी को देखते हुए तमाम नेता अपना प्रचार-प्रसार भी करते रहे और प्रदेश कांग्रेस के सामने जीत का दावा भी ठोकते रहे। हालांकि राजवर्धन सिंह दत्तीगांव का रास्ता भी खास आसान नहीं है। स्थानीय भाजपा  के सभी नेता-कार्यकर्ता  छह महीने पहले तक अपने पुराने और सबसे बड़े प्रतिद्वंदी को इतनी आसानी से अपना मानने को तैयार होते नजर नहीं आ रहे हैं। ऐसे में दत्तीगांव को सबसे ज्यादा भरोसा अपने उन्हीं कार्यकर्ताओं पर है जो उनकी तरह कांग्रेस छोड़कर भाजपा में आए हैं वहीं दलबदल की छवि से लड़ना भी उनके लिए चुनौतीपूर्ण होगा।

राजवर्धन सिंह दत्तीगांव (फाइल फोटो)

प्रदेश कांग्रेस ने 38 वर्षीय डेंटिस्ट  डॉ. अभिषेक सिंह उर्फ टिंकू बना को चुना। एक डेंटिस्ट होने के साथ वे  बीते पंद्रह साल से राजनीति में भी सक्रीय हैं। वे पहली बार विधानसभा चुनाव लड़ रहे हैं हालांकि इससे पहले साल 2018 में भी उन्होंने दत्तीगांव का विरोध किया था और नामांकन भरा था।  साल 2015 में जिला पंचायत के क्षेत्र क्रमांक 3 से कांग्रेस टिकट पर चुनाव लड़ा था और त्रिकोणीय मुकाबले में 108 मतों से भाजपा प्रत्याशी से पराजित हुए थे। तब दत्तीगांव गुट से भी कांग्रेस प्रत्याशी चुनाव मैदान में था।

यह तो पहले से ही माना जा रहा था कि दत्तीगांव का मुकाबला करने के लिए कांग्रेस भी कोई राजपूत चेहरा ही मैदान में उतारेगी ताकि राजपूत वोटों को एकतरफा गिरने से रोका जा सके और ऐसा ही हुआ है। विधानसभा क्षेत्र में करीब 28 हजार राजपूत मतदाता है। इसलिए कांग्रेस व भाजपा हमेशा इन वोटो को देखते हुए ही राजपूत चेहरे को मैदान में उतारने का प्रयास करती है। आगामी दिनों में पता चल जाएगा कि दोनों प्रत्याशियों में से कौन किस पर भारी पड़ता है। हालांकि आज की तारीख में दत्तीगांव को सब पर भारी माना जा रहा है।


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