एक सरकारी आदेश ने लाडली बहनों से छीना चैन, योजना पर असमंजस में लोग


सागर जिले के एक विभाग से आया कई सरकारी कर्मचारियों को लाडली बहना योजना से बाहर करने का आदेश बाद में कलेक्टर ने किया निरस्त


DeshGaon
बड़ी बात Published On :

मप्र के नए मुख्यमंत्री लाडली बहना योजना को लेकर ज्यादा गंभीर दिखाई नहीं दे रहे हैं। पदभार ग्रहण करने के बाद डॉ. मोहन यादव इस पर बोलने से बचते नजर आए और अब एक सरकारी आदेश से इस योजना के भविष्य पर संकट के बादल दिखाई दे रहे हैं। लाडली बहना योजना की आठवीं किस्त आनी है और इससे पहले ही योजना में छंटनी की तैयारी हो रही है। छंटनी छोटी सरकारी नौकरी कर रहीं लाडली बहनों की होनी है।

सागर जिले में कार्यालय परियोजना अधिकारी महिला एवं बाल विकास विभाग सागर ग्रामीण-2 की ओर से एक आदेश निकाला है। इसमें कहा गया है कि पर्यवेक्षक, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, सहायिका या स्व सहायता समूह की महिला ‘लाड़ली बहना योजना’ का लाभ उठा रही है तो 15 दिनों के अंदर परित्याग कर दें।” हालांकि इस आदेश को बाद में निरस्त कर दिया गया लेकिन इस आदेश के बाद से ही इस योजना के भविष्य को लेकर लोगों के दिमाग में सवाल उठ रहे हैं।

कांग्रेस के नेताओं ने भी इसे लेकर सवाल उठाए हैं। उन्होंने सरकार पर तंज़ कसते हुए कहा कि कहां तो वादा था कि बहनों को लखपति बनाया जाएगा लेकिन यहां तो जो मिल रहा है उसे भी छीना जा रहा है। कांग्रेस ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर लिखा कि अब छटनी शुरू हो चुकी है। कांग्रेस ने इस आदेश को तुरंत रद्द करने की मांग की थी।



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