भोपाल। सीएम शिवराज सिंह ने पटवारी भर्ती को लेकर एक फैसला लिया है। उन्होंने ग्वालियर के एनआरआई कॉलेज के परीक्षा परिणाम पर सवाल उठने पर उस सेंटर की जांच कराने का फैसला लिया है और वहां के अभ्यर्थियों की नियुक्ति पर रोक लगा दी है। हालांकि अभ्यर्थियों का कहना है कि एक दो नहीं बल्कि करीब पंद्रह से अधिक सेंटरों में गड़बड़ी हुई है। ऐसे में केवल एक सेंटर पर रोक लगाना दूसरे सेंटरों पर हो रही अनियमितताओं को हरी झंडी दिखाने जैसा है। इस मामले में कांग्रेस के प्रदेश प्रमुख कमलनाथ ने भी सीएम के फैसले का विरोध जताया है। उल्लेखनीय है कि पटवारी भर्ती परीक्षा में 14 लाख विद्यार्थियों ने 9000 पदों के लिए आवेदन किया था।
कर्मचारी चयन मंडल द्वारा समूह-2, उप समूह-4 एवं पटवारी भर्ती परीक्षा के परीक्षा परिणाम में एक सेन्टर के परिणाम पर संदेह व्यक्त किया जा रहा है। इस परीक्षा के आधार पर की जाने वाली नियुक्तियां अभी रोक रहा हूँ। सेन्टर के परिणाम का पुनः परीक्षण किया जाएगा।
— Shivraj Singh Chouhan (मोदी का परिवार ) (@ChouhanShivraj) July 13, 2023
कमलनाथ ने कहा है कि सरकार ने एक तरह से यह मान चुकी है कि इन परीक्षाओं में बड़े पैमाने पर धांधली और घोटाला हुआ है। उन्होंने लिखा है कि मैं मुख्यमंत्री से स्पष्ट शब्दों में कहना चाहता हूं कि कोई भी फैसला ऐसा होना चाहिए जिसमें अभ्यर्थियों के साथ अन्याय नहीं हो। नियुक्तियां रोकना एक बात है और असली दोषियों को पकड़ना दूसरी बात है। व्यापम और नर्सिंग घोटाले में भी सरकार ने इससे मिलती-जुलती कार्यवाही करके मामले पर पर्दा डालने की कोशिश की थी और सत्ताधारी दल से जुड़े मुख्य साजिशकर्ताओं को बचाया था।
कर्मचारी चयन मंडल द्वारा आयोजित समूह-2, उप समूह-4 एवं पटवारी भर्ती परीक्षा के परिणाम में धांधली के समाचार सामने आने के बाद मुख्यमंत्री ने नियुक्तियां रोकने का फैसला कर, यह स्वीकार कर लिया है कि इन परीक्षाओं में बड़े पैमाने पर धांधली और घोटाला हुआ है।
मैं मुख्यमंत्री से स्पष्ट…— Kamal Nath (@OfficeOfKNath) July 13, 2023
इससे पहले भर्ती पटवारी भर्ती परीक्षा में गड़बड़ी के आरोप लगाने वाले अभ्यर्थी हजारों की संख्या में इंदौर में प्रदर्शन करते नजर आए। देश भर में यह मुद्दा बना और मप्र को एक बार फिर भर्ती घोटाले का केंद्र बताया जाने लगा। इस मुद्दे को कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी उठाया। इस मुद्दे पर अब कांग्रेस नेता मुखर हैं और वे लगातार इसे लेकर सरकार पर हमले कर रहे हैं।