केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने ICAR की 94वीं आम बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि, “2047 तक नया भारत गढ़ने में कृषि वैज्ञानिकों की भूमिका महत्वपूर्ण है। दुनिया भर में कृषि क्षेत्र में भारत का वर्चस्व बढ़ रहा है और उम्मीदें भी बढ़ रही हैं। अमृतकाल की चुनौतियों पर विजय प्राप्त करना ही हमारा लक्ष्य है। आज जय जवान, जय किसान, जय विज्ञान और जय अनुसंधान हमारा नया नारा बन गया है।”
" Jai Jawan, Jai Kisan, Jai Vigyan and Jai Anusandhan " has become the new slogan : Agriculture Minister @nstomar at 94th Annual General Meeting (AGM) of #ICAR. #AGM2023 @PMOIndia @KailashBaytu @ShobhaBJP @PIB_India @mygovindia@DDKisanChannel @AgriGoI pic.twitter.com/OFQuwjWf6D
— Indian Council of Agricultural Research. (@icarindia) March 10, 2023
कृषि मंत्री ने आगे कहा कि, ”जलवायु परिवर्तन जैसी विभिन्न चुनौतियां आज हमारे सामने हैं। प्राकृतिक आपदाओं से किसानों की खड़ी फसल को होने वाले नुकसान की चुनौती का भी हम सामना कर रहे हैं। नये भारत में हमें नयी तकनीक और शोध को सभी किसानों तक पहुंचाना है। आने वाले वर्षों में जैविक और प्राकृतिक कृषि उत्पाद दुनिया में लोकप्रिय होने जा रहे हैं। ऐसे में हमें वैश्विक मानकों के साथ गुणवत्तापूर्ण उत्पादन पर भी ध्यान देना चाहिए।”
केंद्रीय मंत्री ने कृषि क्षेत्र को बढ़ावा देने में आईसीएआर के वैज्ञानिकों के योगदान की सराहना की। उन्होंने कहा कि 2047 तक एक नया भारत बनाने के लिए और अधिक शोध प्रयासों की जरूरत है। उन्होंने कहा कि आईसीएआर दुनिया का सबसे बड़ा एवं व्यापक कृषि अनुसंधान संस्थान है, जिसके संचालन की जिम्मेदारी हम सब पर है
इस दौरान केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री पुरुषोत्तम रूपाला ने लंपी वायरस त्वचा रोग से पीड़ित देश में पशुओं की एक बड़ी आबादी के लिए लंपी-प्रोवैक वैक्सीन विकसित करने में आईसीएआर के प्रयासों की सराहना की। वहीं नीति आयोग के सदस्य रमेश चंद ने इस बात को लेकर संतोष व्यक्त किया कि हमारे खाद्यान्न उत्पादन की वृद्धि दर देश की जनसंख्या वृद्धि दर से तेज है। उन्होंने आईसीएआर से सोयाबीन, अरहर और उड़द की दालों और तिलहनों, विशेष रूप से कपड़ा उद्योग के लिए कपास सहित 12 फसलों के उत्पादन में गिरावट को लेकर ध्यान केंद्रित करने का भी आह्वान किया।