मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने सीधी घटना के पीड़ित आदिवासी व्यक्ति के पैर धोकर मांगी माफी और दी अपने ‘सुदामा’ की संज्ञा


राजनीतिक जानकारों की मानें तो आने वाले चुनावों को देखते हुए भी मुख्यमंत्री का यह कदम बेहद जरूरी था।


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बड़ी बात Published On :

मध्य प्रदेश में एक आदिवासी व्यक्ति पर एक अन्य व्यक्ति द्वारा पेशाब किए जाने की घटना के बाद राज्य में बड़े पैमाने पर आक्रोश फैला हुआ है, जिस पर आज मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने विशेष ध्यान दिया, जिन्होंने उसके पैर धोए, उससे माफ़ी मांगी और उसे सुदामा की तरह अपने दोस्त की संज्ञा दी।

एक वीडियो में मुख्यमंत्री को करौंदी के 36 वर्षीय आदिवासी दसमत रावत के साथ सम्मान में उनके पैर धोने से पहले बातचीत करते हुए दिखाया गया है।

सीएम ने दशमत रावत से काफी देर तक बातचीत की और उनसे कई बार उनके जीवन से जुड़े सवाल पूछे। सीएम ने यह भी पूछा कि वह कैसे आजीविका कमाते हैं और क्या वह और उनका परिवार सरकारी योजनाओं के लाभार्थी हैं।

मुख्यमंत्री का यह कदम बेहद जरूरी हो गया था क्योंकि इस पूरे मामले की हवा भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ बन रही थी। वाले दिनों में प्रदेश में चुनाव है ऐसे में यह खासा परेशान करने वाला है। क्योंकि पीड़ित आदिवासी जिस कोल समाज से आता है विंध्य क्षेत्र में उसके वोट का प्रतिशत काफी अधिक है।

दसमत रावत पर पेशाब करते हुए कैमरे में कैद हुए व्यक्ति प्रवेश शुक्ला को मंगलवार को कड़े राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत गिरफ्तार कर लिया गया है।

वायरल वीडियो में शुक्ला जमीन पर बैठकर दसमत पर पेशाब करते हुए सिगरेट पीते नजर आ रहा है। बेहद हैरान  करने वाले वीडियो ने राज्य में राजनीतिक विवाद को हवा दे दी है, जहां इस साल के अंत में चुनाव होने हैं। शुक्ला कथित तौर पर राज्य की सत्तारूढ़ भाजपा से जुड़े हुए हैं और कांग्रेस ने भाजपा पर आदिवासी विरोधी होने का आरोप लगाया है।

दसमत रावत ने पहले एक बयान में वीडियो को फर्जी बताया था, जो कथित तौर पर दबाव में तैयार किया गया था।

इससे पहले मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा, “राज्य के सीधी जिले से एक आदिवासी युवक पर पेशाब करने (एक व्यक्ति) के अत्याचार का वीडियो सामने आया है। सभ्य समाज में आदिवासी समुदाय के युवाओं के साथ इस तरह के घृणित कृत्य के लिए कोई जगह नहीं है।

प्रतिक्रिया ने मुख्यमंत्री को शुक्ला के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का आदेश देने के लिए मजबूर किया। जिसके बाद आरोपी प्रवेश शुक्ला के घर का एक हिस्सा बुलडोजर से ध्वस्त कर दिया गया।

 

 


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