अपने जीवन की अमूल्य सांसों को बचाने और पर्यावरण को दूषित होने से रोकने के लिए पीथमपुर की जनता एकमत होकर सड़कों पर उतर आई है। भोपाल गैस त्रासदी से निकले जहरीले कचरे को पीथमपुर में लाकर जलाने की योजना का स्थानीय लोगों ने पुरजोर विरोध किया। बाजार बंद और सड़कों पर प्रदर्शन कर जनता ने अपनी नाराजगी जताई, जबकि प्रशासन ने इसे नियंत्रित करने के लिए बल प्रयोग किया। पीथमपुर में पुलिस के इस लाठीचार्ज को कई बड़े नेताओं ने निराशाजनक बताया।
पूरा पीथमपुर बंद, उद्योग भी ठप
भोपाल से जहरीला कचरा ट्रकों द्वारा पीथमपुर लाया गया और रामकी कंपनी में इसे जलाने की प्रक्रिया शुरू हुई। इस निर्णय से नाराज जनता ने शुक्रवार को पूरा पीथमपुर बंद कर दिया। बाजारों और उद्योगों में सन्नाटा पसरा हुआ है। स्थानीय उद्योगपतियों ने भी जनता का समर्थन करते हुए अपने उद्योग बंद कर दिए।
पुलिस की कार्रवाई ने बढ़ाई नाराजगी
शांतिपूर्ण तरीके से विरोध कर रहे प्रदर्शनकारियों पर पुलिस ने लाठीचार्ज किया, जिससे कई लोग घायल हो गए। जनता का कहना है कि यह कार्रवाई उनकी आवाज दबाने की कोशिश है। महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों ने सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन में भाग लिया। विरोध के दौरान हर वर्ग ने एकजुटता दिखाई और प्रदर्शन स्थल पर जमे रहे। यह प्रदर्शन पूर्व पार्षद विपुल पटेल सहित कई नेताओं ने बुलाया था। पटेल ने बताया कि यह जनता के अधिकार का हनन है।
भोपाल गैस कांड की काली छाया
1984 में हुए भोपाल गैस त्रासदी ने हजारों जिंदगियों को तबाह कर दिया था। मिथाइल आइसोसाइनाइट गैस के रिसाव से पांच हजार से ज्यादा लोगों की मौत हुई थी, और पीढ़ियों तक इसका असर देखा गया। अब, उसी त्रासदी के जहरीले कचरे को जलाने की योजना ने पीथमपुर के लोगों में डर पैदा कर दिया है। कांग्रेस नेता नितिन पटेल ने बताया कि वे अपना प्रदर्शन जारी रखेंगे क्योंकि सरकार यह बात ही नहीं रही कि क्यों यह कचरा अब जहरीला नहीं रहा जो कुछ समय पहले तक था।
स्थानीय संगठनों और इंदौर का समर्थन
इंदौर से कई सामाजिक संगठन और संस्थाएं पीथमपुर पहुंचीं और विरोध में शामिल हुईं। मजदूर संघ, किसान संघ और रहवासी संघ जैसे संगठनों ने इस आंदोलन को समर्थन दिया। संगठनों का कहना है कि यह कचरा जलाने से कैंसर और अन्य गंभीर बीमारियों का खतरा बढ़ जाएगा।
प्रशासन और सरकार की नाकामी
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और वरिष्ठ नेता कैलाश विजयवर्गीय ने जनता को समझाने का प्रयास किया। इंदौर में आयोजित बैठक में कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि सरकार इस विषय को लेकर गंभीर है और जनता की चिंता का समाधान होगा। लेकिन उनकी अपील का प्रदर्शनकारियों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा।
आंदोलन उग्र होने की चेतावनी
जनता ने स्पष्ट चेतावनी दी है कि यदि इस योजना को रोका नहीं गया, तो आंदोलन और भी उग्र होगा। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि यह कचरा उनके शहर के लोगों के लिए मौत का सबब बन सकता है।
भोपाल गैस त्रासदी के दौरान यूनियन कार्बाइड फैक्ट्री से जो कचरा निकला, वह आज भी खतरनाक है। 2015 में भी इस कचरे को रामकी कंपनी में जलाया गया था, जिससे आसपास के गांवों में गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं पैदा हुईं। स्थानीय जनता का कहना है कि इस बार भी वही दर्द दोहराया जा रहा है।