यूनियन कार्बाइड के कचरा जलाने को हाईकोर्ट की मंजूरी

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बड़ी बात Published On :

मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में 1984 में हुए बहुचर्चित गैस कांड के बाद बचे यूनियन कार्बाइड के जहरीले कचरे के निपटारे को लेकर जबलपुर हाईकोर्ट ने अहम फैसला सुनाया है। हाईकोर्ट की मुख्य बेंच ने धार जिले के पीथमपुर स्थित एक फैक्ट्री में इस कचरे के विनिष्टीकरण (नष्ट करने) को हरी झंडी दे दी है। कोर्ट का यह फैसला राज्य सरकार द्वारा कराए गए तीन चरणों के ट्रायल रन की रिपोर्ट के आधार पर आया है।

 

तीन चरणों में हुआ ट्रायल रन

राज्य सरकार ने हाईकोर्ट में यह जानकारी दी थी कि कचरे के निपटारे को लेकर तीन चरणों में ट्रायल रन किया गया था। इन ट्रायल्स में 10-10 मीट्रिक टन कचरा नष्ट किया गया।

पहला ट्रायल: 27 फरवरी को हुआ, जिसमें 135 किलो वेस्ट प्रति घंटे की दर से कचरा जलाया गया।

दूसरा ट्रायल: 4 मार्च को हुआ, इसमें 170 किलो प्रति घंटे की दर से कचरा नष्ट किया गया।

तीसरा ट्रायल: 17 मार्च को हुआ, इसमें 270 किलो प्रति घंटे की दर से कचरा जलाया गया।

ट्रायल रन के परिणामों की संयुक्त रिपोर्ट को कोर्ट में प्रस्तुत किया गया, जिसके आधार पर यह निर्णय लिया गया कि यूनियन कार्बाइड के कचरे को सुरक्षित तरीके से नष्ट किया जा सकता है।

 

विनिष्टीकरण से पहले चला जागरूकता अभियान

कचरे के निपटारे से पहले स्थानीय लोगों के बीच जागरूकता अभियान भी चलाया गया। इसमें विशेषज्ञों ने बताया कि यह प्रक्रिया पर्यावरण और स्वास्थ्य के लिए सुरक्षित होगी। इससे जुड़ी फैक्ट्री को सभी सुरक्षा मानकों का पालन करने के निर्देश दिए गए हैं।

 

भोपाल गैस त्रासदी और जहरीले कचरे की समस्या

 

1984 में यूनियन कार्बाइड की फैक्ट्री से जहरीली मिथाइल आइसोसाइनेट (MIC) गैस के रिसाव ने हजारों लोगों की जान ले ली थी और लाखों प्रभावित हुए थे। इस त्रासदी के बाद बचा जहरीला कचरा लंबे समय से विवादों में रहा है। कई वर्षों से इसके निपटारे को लेकर कानूनी और पर्यावरणीय बहस चल रही थी।

 

हाईकोर्ट का फैसला क्यों अहम?

यह फैसला इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि जहरीले कचरे के निपटारे को लेकर कई संगठन और स्थानीय लोग विरोध जता चुके थे। वे इसे पर्यावरण और स्वास्थ्य के लिए खतरनाक बता रहे थे। लेकिन अब जबलपुर हाईकोर्ट ने राज्य सरकार द्वारा किए गए ट्रायल रन की रिपोर्ट को स्वीकार करते हुए इसके निपटारे की अनुमति दे दी है।

 

क्या आगे होगा?

अब पीथमपुर स्थित फैक्ट्री में निर्धारित प्रक्रिया के तहत यूनियन कार्बाइड का बचा हुआ कचरा वैज्ञानिक तरीके से नष्ट किया जाएगा। इसके लिए कड़े सुरक्षा मानकों का पालन किया जाएगा ताकि पर्यावरण और मानव जीवन पर कोई बुरा प्रभाव न पड़े।

 

 


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