भोपाल। कांग्रेस नेता राहुल गांधी की ‘भारत जोड़ो यात्रा’ जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर के लाल चौक पहुंची। यहां इस यात्रा के नायक राहुल ने ऐतिहासिक लाल चौक पर तिरंगा फहराया। इस पल के साथ ही इस यात्रा का कन्याकुमारी से कश्मीर तक देश को अपने साथ जोड़ने का मकसद पूरा हुआ। इसके बाद गांधी ने ट्वीट कर अपनी खुशी का इजहार किया, “लाल चौक पर तिरंगा लहराकर भारत से किया वादा आज पूरा हुआ। नफरत हारेगी, मोहब्बत हमेशा जीतेगी, भारत में उम्मीदों का नया सवेरा होगा।”
लाल चौक पर तिरंगा लहराकर
भारत से किया वादा आज पूरा हुआ।🇮🇳नफ़रत हारेगी, मोहब्बत हमेशा जीतेगी,
भारत में उम्मीदों का नया सवेरा होगा। pic.twitter.com/8B6vAk3aL6— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) January 29, 2023
इसके बाद श्रीनगर में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने तमाम मुद्दों पर अपनी बात भी रखी। अनुच्छेद 370 को लेकर राहुल गांधी ने कहा कि, “हमारा स्टैंड क्लीयर है, हम जम्मू-कश्मीर में पहले की तरह राज्य की व्यवस्था की बहाली चाहते हैं। इसमें लद्दाख भी शामिल है। हमारी वर्किंग कमेटी में इसकी चर्चा हुई है, इसके दस्तावेज दिखा दूंगा। भाजपा का कहना था कि 370 हटने के बाद यहां सब ठीक हो गया है, लेकिन यहां टारगेट किलिंग हो रही है। लोगों में डर का माहौल है। अगर सब कुछ ठीक है तो अमित शाह जम्मू से श्रीनगर तक पदयात्रा करके दिखाएं।”
इसके बाद कांग्रेसी नेताओं ने भी राहुल गांधी की यह यात्रा पूरी होने पर उन्हें बधाई दी। एमपीसीसी के प्रमुख कमलनाथ ने ट्वीट कर कहा कि राहुल गांधी ने पूरे विश्व में नया कीर्तिमान रचा है।
श्री राहुल गांधी के नेतृत्व में कन्याकुमारी से कश्मीर तक पैदल भारत जोड़ो यात्रा ने न सिर्फ़ भारत बल्कि पूरे संसार में नया कीर्तिमान रचा है। आज जब राहुल जी ने श्रीनगर के लाल चौक में तिरंगा फहराया तो हर भारतवासी का मस्तक गर्व से ऊँचा हो गया।
— Kamal Nath (@OfficeOfKNath) January 29, 2023
यहां प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान एक सवाल के जवाब में राहुल ने कहा कि, “ये यात्रा कांग्रेस पार्टी की नहीं रही, क्योंकि इसमें पार्टी से ज्यादा जनता चली। यात्रियों ने ईस्ट टू वेस्ट यात्रा के लिए कहा है, लेकिन अभी हमने तय नहीं किया है। तय होते ही बताएंगे।” बातचीत के दौरान राहुल ने मौजूदा हालातों को लेकर कहा कि, “देश की पॉलिटिकल क्लास और जनता के बीच दूरी पैदा हो गई है। सारा संवाद मीडिया, इंटरव्यू और प्रेस वार्ता के जरिए होता है। मैं इस दूरी को कम करना चाहता था। क्योंकि… मीडिया विपक्ष पर ध्यान नहीं देती और हमारी बातों को तोड़-मरोड़कर पेश किया जाता है।”