आज के भारत बंद के दौरान मध्यप्रदेश के कई जिलों में विभिन्न घटनाएं सामने आई हैं। बंद का आह्वान अनुसूचित जाति (एससी) और अनुसूचित जनजाति (एसटी) संगठनों द्वारा सुप्रीम कोर्ट के हालिया फैसले के विरोध में किया गया था, जिसमें आरक्षण के संदर्भ में कुछ बदलाव किए गए हैं। इस फैसले ने एससी/एसटी समुदायों के बीच गहरी असंतुष्टि पैदा की है, जिसके परिणामस्वरूप इस राष्ट्रव्यापी बंद का आयोजन हुआ।
उज्जैन में बंद समर्थकों और एक दुकानदार के बीच तनाव की स्थिति पैदा हो गई, जब टावर चौक इलाके में बंद का समर्थन कर रहे प्रदर्शनकारियों ने दुकान बंद करने की मांग की। दुकानदार के इनकार करने पर दोनों पक्षों के बीच झगड़ा हो गया, जिसे बाद में आसपास के लोगों ने शांत कराया।
मध्यप्रदेश के अन्य जिलों में भी बंद का मिलाजुला असर देखने को मिला। पांढुर्णा और मंडला में बाजार पूरी तरह बंद रहे, जबकि सतना और भिंड में बंद समर्थकों ने रैलियां निकालीं। दूसरी ओर, भोपाल, इंदौर, और उज्जैन समेत कुछ जिलों में स्कूल खुले रहे और दुकानें भी धीरे-धीरे खुलने लगीं। खंडवा में बंद का खास असर नहीं देखा गया, वहां बाजार सामान्य रूप से संचालित हो रहे थे।
इस बंद के दौरान कई जगहों पर सार्वजनिक परिवहन बाधित हुआ और कुछ स्थानों पर सरकारी दफ्तर और निजी कार्यालय भी प्रभावित हुए। हालाँकि, आपातकालीन सेवाओं को इस बंद से बाहर रखा गया था और वे सामान्य रूप से संचालित होती रही।
मध्यप्रदेश में आज के भारत बंद के दौरान कई स्थानों पर विरोध प्रदर्शन हुए। हरदा, नर्मदापुरम, सतना, देवास और उज्जैन में बंद का व्यापक असर देखा गया। हरदा और नर्मदापुरम में प्रदर्शनकारियों ने सड़क जाम किया और दुकानें बंद कराईं। सतना में बंद समर्थकों ने मुख्य बाजारों में रैली निकाली। देवास में भी बाजार बंद रहे, जबकि उज्जैन में दुकानें बंद करवाने के दौरान तनाव की स्थिति उत्पन्न हुई। पुलिस और प्रशासन ने स्थिति को नियंत्रण में रखने के लिए सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए थे।