Bharat Bandh in MP: आशंका से उलट बेअसर रहा कांग्रेस का भारत बंद को समर्थन


भारत बंद के लिए कांग्रेस से ज्यादा तैयारी  प्रदेश सरकार ने की थी। लगभग सभी शहरों  में पुलिस को सावधान रहने के लिए पहले ही कह दिया गया था। इंदौर और भोपाल में अतिरिक्त पुलिस बल की तैनाती की गई थी। इसके अलावा किसान बाहुल्य जिलों में शासन की खास नजर थी। मंडियों पर भी पुलिस की तैनाती की गई थी। हालांक इस सब की कोई खास जरूरत नहीं पड़ी क्योंकि किसान आंदोलन के तहत बुलाया गया भारत बंद यहां खास असरकारक नजर नहीं आया।


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Bharat Bandh in MP: khandwa

Bharat Bandh in MP, भोपाल। किसान आंदोलन के सर्मथन में आज भारत बंद (Bharat Bandh in MP) है। भारतीय जनता पार्टी के मुताबिक कांग्रेस और दूसरे विपक्षी दल किसानों को भड़का रहे हैं और अपनी राजनीति कर रहे हैं हालांकि राजनीतिक जमीन की सच्चाई इससे अलग है। किसानों का विरोध कुछ हद तक नजर भी आया लेकिन कांग्रेस इस मुद्दे को भुनाने में लगभग नाकाम रह रही है।

कांग्रेस ने कुछेक जिलों में सुबह से बंद के लिए तैयारी जरूर की लेकिन वे पूरी तरह बेअसर साबित हुए हैं। अलग-अलग जिलों में कांग्रेसी नेताओं ने एकजुट होकर रैलियां निकाली और कृषि विधेयकों का विरोध जताया, लेकिन इसका असर न के बराबर रहा। मंदसौर जिले में कुछ हद तक विरोध नजर आया। यहां कुछ कांग्रेसियों ने पुतला दहन किया इस दौरान पुलिस उन्हें रोकती नजर आई।

पश्चिमी मध्यप्रदेश के मालवा-निमाड़ में भारत बंद पर गहमा-गहमी होने की उम्मीद थी लेकिन ऐसा पूरी तरह नहीं हुआ। इंदौर में प्रदेश की सबसे बड़ी चोईथराम मंडी के पास फल सब्जी मंडी में आवक कम रही।  कांंग्रेस ने बंद के सर्मथन में  इंदौर सहित कुछेक स्थानों पर प्रदर्शन हुआ जहां कांग्रेस की मौजूदगी भी नजर आई लेकिन कांग्रेस इस विरोध में कोई ताकत नहीं जोड़ सकी।

इंदौर शहर में राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह अगुआई करने के लिए पहुंचे थे लेकिन ग्रामीण क्षेत्र पूरी तरह शांत रहे। इंदौर में कुछेक स्थानों पर अभी भी कांग्रेस को प्रभावशील इलाका कहा जा सकता है लेकिन वहां भी कोई हलचल नजर नहीं आई। कांग्रेसी अनाज मंडी बंद करवाने पहुंचे यहां पूर्व मंत्री जीतू पटवारी भी पुहंचे। हंगामे की आशंका में यहां तीन थानों का बल तैनात किया गया था।

भारत बंद (Bharat Bandh in MP) के लिए कांग्रेस से ज्यादा तैयारी  प्रदेश सरकार ने की थी। लगभग सभी शहरों  में पुलिस को सावधान रहने के लिए पहले ही कह दिया गया था। इंदौर और भोपाल में अतिरिक्त पुलिस बल की तैनाती की गई थी। इसके अलावा किसान बाहुल्य जिलों में शासन की खास नजर थी। मंडियों पर भी पुलिस की तैनाती की गई थी। हालांकि इस सब की कोई खास जरूरत नहीं पड़ी क्योंकि किसान आंदोलन के तहत बुलाया गया भारत बंद यहां खास असरकारक नजर नहीं आया।

उज्जैन का हाल.

उज्जैन शहर में सुबह से कांग्रेस नेता बंद (Bharat Bandh in MP) के सर्मथन में छोटे-छोटे दल के रुप में निकले। यहां उनका इंतजार पुलिस कर रही थी। नेताओं पर पुलिस ने सख्ती की और नेता लौट गए। कांग्रेसी बाजारों में खुलीं हुईं दुकानें बंद करवाना चाहते थे इस पर जब पुलिस ने उन्हें सख्त लहजे में चेतावनी दी तो वे लौट गए। यहां काफी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया था। जिले के शहरी और ग्रामीण इलाकों में सभी दुकानें सामान्य तौर पर खुलीं रहीं।

खंडवा में बेअसर. 

खंडवा में भारत बंद (Bharat Bandh in MP) बेअसर रहा। यहां बाजारों में सुबह से ही हलचल रही और कृषि मंडी खुलने पर यहां भी भीड़भाड़ बढ़ गई। किसानों ने कहा कि कृषि बिल वापस नहीं लिया जाना चाहिए बल्कि उसमें जरूरी संशोधन कर लागू करना चाहिए।

खरगोन में रैली.

खरगोन में कांग्रेस ने बंद (Bharat Bandh in MP) के सर्मथन में रैली निकाली है। यहां कुछेक दुकानें बंद नजर आईं लेकिन जल्दी ही बाजार सामान्य हो गया। मंदसौर में बंद का आंशिक असर नजर आया। यहां कई व्यापारियों ने अपनी स्वेच्छा से दुकानें बंद रखीं। हालांकि यहां मंडियों में काम काज जारी रहा।

मंदसौर में विरोध.

मंदसौर में कांग्रेसी कुछ हद तक सक्रिय नजर आए। यहां बाजार काफी हद तक बंद रहे। कांग्रेसियों ने केंद्र सरकार और पीएम नरेंद्र मोदी का पुतला भी जलाया। इस दौरान पुलिस ने उन्हें रोकने की कोशिश भी की। हालांकि यहां किसान संगठन भी सक्रिय रहे। जिसके चलते बंद कुछ हद तक सफल रहा।

हरदा में सामान्य.

हरदा जिले में बंद (Bharat Bandh in MP) का मिला-जुला असर रहा। यहां कृषि मंडी कुछ सूनी दिखाई दी लेकिन बाजारों में भीड़-भाड़ सामान्य रही। भिंड में बंद का कोई असर नहीं रहा। यहां कुछ किसानों ने रैली निकाली लेकिन दुकानें सामान्य रूप से खुलीं रहीं।किसानों का सर्मथन करने के लिए कांग्रेसी नेताओं ने प्रस्ताव रखा लेकिन किसान किसी बैनर के नीचे आने के तैयार नहीं थे। कुछेक इलाकों में यहां भी आंशिक असर नजर आया।


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