नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी जिले में किसानों को गाड़ी से कुचलने के मामले में मुख्य आरोपी और केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे आशीष मिश्रा की दी गई जमानत को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है।
सुप्रीम कोर्ट में एडवोकेट शिव कुमार त्रिपाठी और सीएस पांडा ने किसानों को कुचलने के आरोपी मंत्री पुत्र आशीष मिश्रा की जमानत रद्द करने और इलाहाबाद हाईकोर्ट के जमानत देने के फैसले पर रोक लगाने की मांग की है।
बता दें करीब चार महीने तक जेल में बंद रहे आशीष मिश्रा को हाल ही में इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश के बाद जमानत पर रिहा किया गया है।
याचिकाकर्ताओं द्वारा लगाई गई अर्जी में कहा गया है कि इलाहाबाद हाईकोर्ट का आदेश अनुमान के आधार पर है। बेखौफ घूम रहे आरोपी सबूतों से छेड़छाड़ कर सकते हैं।
साथ ही साथ गवाहों, किसानों और पीड़ित परिवारों को भी खतरा है। एसआईटी को सुप्रीम कोर्ट में तुरंत स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने को कहा जाए। उत्तर प्रदेश और केंद्र सरकार को पीड़ितों को तुरंत मुआवजा देने के निर्देश दिए जाएं।
An advocate moves plea in Supreme Court seeking cancellation of the bail of accused Ashish Mishra, son of MoS Home Ajay Mishra Teni, in Lakhimpur Kheri incident pic.twitter.com/4y8gMkudEq
— ANI (@ANI) February 17, 2022
केंद्रीय गृह राज्य मंत्री के बेटे आशीष मिश्रा पर तीन अक्टूबर को किसानों को जीप से कुचलने का आरोप है। आशीष को नौ अक्टूबर को गिरफ्तार किया गया था और इसके बाद से ही वह जेल में बंद थे। तीन अक्टूबर को हुई इस घटना में एसआईटी द्वारा दायर आरोपपत्र में आशीष को मुख्य आरोपी घोषित किया गया था।
लखीमपुर जिला मुख्यालय से करीब 70 किलोमीटर दूर नेपाल की सीमा से सटे तिकुनिया गांव में तीन अक्टूबर को दोपहर करीब तीन बजे किसान भारी मात्रा में प्रदर्शन कर रहे थे, तभी अचानक से तीन गाड़ियां (थार जीप, फॉर्च्यूनर और स्कॉर्पियो) किसानों को रौंदते चली गईं।
घटना से आक्रोशित किसानों ने जमकर हंगामा किया और जबर्दस्त हिंसा भी हुई जिसमें कुल आठ लोगों की मौत हो गई, जिसमें चार किसान, एक स्थानीय पत्रकार व दो भाजपा कार्यकर्ता शामिल हैं।
यह घटना तिकुनिया में आयोजित दंगल कार्यक्रम में यूपी के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के पहुंचने से पहले हुई थी।