कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए खड़गे और थरूर के अलावा झारखंड से केएन त्रिपाठी ने भी भरा नामांकन


मल्लिकार्जुन खड़गे के नामांकन के दौरान कांग्रेस दफ्तर से जो तस्वीरें सामने आई, उसे देखने के बाद उनका पार्टी अध्यक्ष बनना तय माना जा रहा है।


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नई दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष पद चुनाव के लिए शुक्रवार को नामांकन की प्रक्रिया पूरी हो गई। सबसे पहले शशि थरूर ने अपना नामांकन दाखिल किया।

इसके बाद गांधी परिवार की पसंद वरिष्ठ कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी नामांकन दाखिल किया। इन दोनों के अलावा झारखंड से कांग्रेस नेता केएन त्रिपाठी ने भी अध्यक्ष पद के लिए नामांकन दाखिल किया।

हालांकि, मल्लिकार्जुन खड़गे के नामांकन के दौरान कांग्रेस दफ्तर से जो तस्वीरें सामने आई, उसे देखने के बाद उनका पार्टी अध्यक्ष बनना तय माना जा रहा है।

ऐसे कयास भी लगाए जा रहे हैं कि मल्लिकार्जुन खड़गे राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष के पद से इस्तीफा देंगे जिसके बाद अब यह जिम्मेदारी दिग्विजय सिंह को सौंपी जाएगी।

बता दें कि खड़गे के साथ पार्टी के 30 बड़े नेता मौजूद रहे, जबकि शशि थरूर अलग-थलग दिखे। सबसे खास बात यह है कि कांग्रेस में बदलाव की वकालत करने वाले जी-23 समूह के नेता आनंद शर्मा और मनीष तिवारी भी खड़गे के प्रस्तावकों में शामिल थे।

एके एंटनी, अशोक गहलोत, अंबिका सोनी, मुकुल वासनिक, आनंद शर्मा, अभिषेक मनु सिंघवी, अजय माकन, भूपिंदर हुड्डा, दिग्विजय सिंह, तारिक अनवर, सलमान खुर्शीद, अखिलेश प्रसाद सिंह, दीपेंदर हुड्डा, नारायण सामी, वी वथिलिंगम, प्रमोद तिवारी, पीएल पुनिया, अविनाश पांडे, राजीव शुक्ला, नासिर हुसैन, मनीष तिवारी, रघुवीर सिंह मीणा, धीरज प्रसाद साहू, ताराचंद, पृथ्वीराज चौहान, कमलेश्वर पटेल, मूलचंद मीणा, डॉ. गुंजन, संजय कपूर और विनीत पुनिया मल्लिकार्जुन खड़गे के प्रस्तवाक बने हैं।

वहीं, शशि थरूर के प्रस्तावक कार्ति चिंदबरम, सलमान सोज, प्रवीण डाबर, संदीप दीक्षित, प्रद्युत बरदलोई, मोहम्मद जावेद, सैफुद्दीन सोज, जीके झिमोमी, और लोवितो झिमोमी रहे।

वहीं, झारखंड कांग्रेस के नेता केएन त्रिपाठी भी अध्यक्ष पद के लिए नामांकन दाखिल करने के बाद कहा कि सोनिया और राहुल जी ने किसी को चुनाव लड़ने को नहीं कहा और न ही रोका। देखते हैं कि पार्टी क्या चाहती है।

इससे पहले दिग्विजय सिंह ने खड़गे का नाम अध्यक्ष पद के लिए सामने आने के बाद चुनाव नहीं लड़ने का फैसला किया और खड़गे से मिलने भी पहुंचे। इस मुलाकात के बाद उन्होंने मीडिया से बातचीत में कहा कि कैमरे पर बात करूंगा, भागने वाला नेता नहीं हूं। कांग्रेस के लिए काम किया है। काम करता रहूंगा। तीन बातों पर समझौता नहीं करता। पहली बात- दलित, आदिवासी के मामलों में समझौता नहीं करता। दूसरी बात- साम्प्रदायिक सद्भाव बिगाड़ने वालों से समझौता नहीं करता। तीसरी बात- गांधी परिवार के साथ निष्ठा से समझौता नहीं करूंगा।

बता दें कि अशोक गहलोत भी मल्लिकार्जुन खड़गे से मिलने पहुंचे और उसके बाद मीडिया से कहा कि खड़गे जी अनुभवी नेता हैं। उनका चुनाव लड़ने का फैसला सही है। कांग्रेस अध्यक्ष पद का चुनाव अब फ्रेंडली मैच है। हम सभी लोग एकजुट हैं।



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