अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति (एआइकेएससीसी) ने आज एक बुलेटिन जारी कर नए खेत कानून, बिजली बिल तथा देश की कृषि व खाद्य सुरक्षा पर कारपोरेट कब्जे के खिलाफ प्रतिरोध करने के विराट देशव्यापी अभियान की घोषणा की।
आज जारी बुलेटिन में एआईकेएससीसी ने आन्ध्र प्रदेश व ओडिशा में विरोध कर रहे नेताओं पर दमन की निन्दा की और मांग की कि सभी नेता व कार्यकर्ताओं को तुरंत रिहा किया जाए। साथ ही एआईकेएससीसी के वर्किंग ग्रुप ने घोषणा की है कि, 5 दिसम्बर 2020 को नरेन्द्र मोदी सरकार तथा विशालकाय कारपोरेट अडाणी व अम्बानी के बड़े पैमाने पर पुतले फूंके जाएंगे। उम्मीद की जा रही है कि देश में 5000 स्थानों पर ये विरोध प्रदर्शन होंगे।
इसके साथ एआईकेएससीसी ने निम्न समर्थन अभियानों के साथ अपनी पूर्ण एकता व सहयोग घोषित किया है।
1. दिसम्बर 3, 2020 को आयोजित सभी घटक संगठनों द्वारा किये जा रहे तीन खेती के कानून व बिजली बिल 2020 के खिलाफ कार्यक्रम।
2. दिसम्बर 3, 2020 – कारपोरेट विरोध कार्यक्रम जो देश भर में विभिन्न संगठन आयोजित कर रहे हैं।
3. दिसम्बर 4, 2020 – जनसंगठनों द्वारा जन्तर-मंतर नई दिल्ली में आयोजित कार्यक्रम।
4. 4 व 5 दिसम्बर 2020 को आयोजित विरोध सभाएं, चक्का जाम आदि।
एआइकेएससीसी ने केन्द्र सरकार के किसान विरोधी, जन विरोधी कानून व नीति के खिलाफ आयोजित किये जा रहे सभी कार्यक्रमों का स्वागत किया है और केन्द्र सरकार की इन नीतियों को पराजित करने के लिए इनके योगदान की सराहना की। एआइकेएससीसी नेताओं के खिलाफ किये जा रहे दमन की निन्दा करती है और मांग करती है कि हिरासत में लिये गये सभी नेताओं व कार्यकर्ताओं ने तुरंत रिहा किया जाए। एआईकेएससीसी ने चेतावनी दी है कि अगर ऐसा नहीं हुआ तो जनता का और बड़ा प्रतिरोध सामने आएगा।
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आशुतोष
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