मप्र की राजनीति से केंद्र की मोदी कैबिनेट में पहुंचे शिवराज सिंह चौहान ने केंद्रीय कृषि और ग्रामीण विकास मंत्रालय का कार्यभार संभाल लिया है। उन्होंने सोमवार शाम दोनों मंत्रालयों के शीर्ष नौकरशाहों के साथ अनौपचारिक बैठक की। इस दौरान चौहान ने अपना अगले सौ दिनों का एक्शन प्लान अधिकारियों के सामने रखा। इसके साथ ही उनके सामने कई चुनौतियां भी हैं। इनमें सबसे अहम न्यूनतम सर्मथन मूल्य के मुद्दे को ठंडा रखना और उसका हल निकालना है। किसान संगठनों द्वारा सभी फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी की मांग को लेकर नए सिरे से विरोध प्रदर्शन शुरू करने की धमकी देने का काम है। दिल्ली में प्रवेश करने से रोके गए किसानों का एक समूह कई हफ्तों से पंजाब-हरियाणा सीमा के पास खनौरी में इसी मांग को लेकर डेरा डाले हुए है।
नरेंद्र मोदी सरकार के पिछले पांच साल लगातार विरोध प्रदर्शनों से भरे रहे, जिसके कारण उनके सबसे पुराने सहयोगी शिरोमणि अकाली दल (एसएडी) ने भाजपा से नाता तोड़ लिया। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री ने मीडियाकर्मियों से बात करते हुए इस बात को रेखांकित किया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने कार्यकाल की शुरुआत पीएम किसान निधि की 17वीं किस्त जारी करने की अनुमति देकर की, जिससे 9.3 करोड़ किसानों को लाभ मिलेगा और करीब 20,000 करोड़ रुपये वितरित किए जाएंगे।
“प्रधानमंत्री ने किसानों की आय दोगुनी करने का संकल्प लिया है, इसके लिए लगातार काम चल रहा है। केंद्रीय मंत्री चौहान ने कहा, हम सब मिलकर इस पर और भी तेजी से काम करेंगे और किसानों के कल्याण के लिए हर संभव कदम उठाएंगे। उन्होंने कृषि मंत्रालय के शीर्ष नौकरशाहों को भाजपा का “संकल्प पत्र” भी सौंपा – एक दस्तावेज जिसमें पार्टी के वादों और गारंटियों का विवरण है। इसके बाद उन्होंने ग्रामीण विकास मंत्रालय का कार्यभार भी संभाला।
मंत्रालय में मीडियाकर्मियों से बात करते हुए उन्होंने कहा कि पिछले 10 साल में भाजपा सरकार ने ग्रामीण क्षेत्र में कई “क्रांतिकारी कदम” उठाए हैं। उन्होंने कहा कि मनरेगा में “परिसंपत्ति निर्माण” पर अधिक जोर दिया जाएगा। कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान देश में कृषि उत्पादन व उत्पादकता बढ़ाने पर जोर दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि देश की घरेलू आवश्यकताओं की पूर्ति के अलावा दुनिया के अन्य देशों को भी जरूरत अनुसार गुणवत्तापूर्ण कृषि उत्पाद निर्यात कर सकें, ऐसी ठोस कार्ययोजना पर अमल करना चाहिए।
उल्लेखनीय है कि रविवार को प्रधानमंत्री की मंत्रिपरिषद के सदस्य के रूप में शपथ ली, जो उनके तीन दशक से अधिक लंबे राजनीतिक जीवन में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। भाजपा नेता ने 8.21 लाख वोटों के रिकॉर्ड अंतर से छठी बार विदिशा लोकसभा सीट जीती। 5 मार्च, 1959 को सीहोर जिले के जैत गांव में एक किसान परिवार में जन्मे श्री चौहान की राजनीतिक यात्रा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से शुरू हुई, जब वे 13 साल के थे। वे पहली बार 1990 में बुधनी निर्वाचन क्षेत्र से मध्य प्रदेश विधानसभा के लिए चुने गए और बाद में 1991 में विदिशा से सांसद बने। वे 1996, 1998, 1999 और 2004 में उसी निर्वाचन क्षेत्र से फिर से चुने गए, और 2,60,000 से अधिक मतों के प्रभावशाली अंतर से अपना पाँचवाँ लोकसभा चुनाव जीता।