नई दिल्ली। तीनों सेनाओं में सैनिकों की भर्ती के लिए केंद्र सरकार की महत्वकांक्षी अग्निपथ योजना (Agnipath Recruitment Scheme) को लेकर सरकार ने एक महत्वपूर्ण ऐलान किया है।
इसे लेकर तीनों सेनाओं के शीर्ष अधिकारियों ने रविवार को एक महत्वपूर्ण प्रेस कॉन्फ्रेंस की। सैन्य अधिकारियों ने साफ किया कि अग्निपथ योजना को वापस नहीं लिया जाएगा। देशभर में अग्निपथ योजना के विरोध के बीच अब सैनिकों की भर्ती प्रक्रिया का भी ऐलान कर दिया गया है।
अधिकारियों ने बताया कि अग्निपथ के पहले बैच के लिए 24 जून से रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया शुरू करेगी और इसके बाद एक महीने बाद 24 जुलाई से ऑनलाइन परीक्षाएं शुरू हो जाएंगी। इसके साथ नौसेना 25 जून तक भर्ती प्रक्रिया के लिए विज्ञापन सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय को भेजेगा। एयरफोर्स की तरह नेवी की भी ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया होगी।
40 हजार अग्निवीरों की भर्ती के लिए 83 रैलियां
सेना अग्निपथ योजना के तहत करीब 40,000 अग्निवीरों की भर्ती करने के लिए 83 रैलियां आयोजित की जाएंगी। अग्निवीरों के दूसरे बैच को अगले साल फरवरी तक सेना में शामिल किया जाएगा। करीब 25,000 अग्निवीरों का पहला बैच दिसंबर में सेना में शामिल होगा। अग्निपथ योजना के तहत सेना की भर्ती रैलियां अगस्त, सितंबर और अक्टूबर में पूरे भारत में होंगी।
लेफ्टिनेंट जनरल पुरी ने कहा कि केंद्र द्वारा योजना विश्लेषण करने के लिए सेना के 46,000 उम्मीदवारों की भर्ती के साथ शुरुआत होगी।
उन्होंने कहा कि अगले 4-5 वर्षों में, 50,000-60,000 सैनिकों की भरी होगी और बाद में यह संख्या बढ़कर 90,000 से 1 लाख हो जाएगी।
नौसेना में पुरुषों एवं महिलाओं दोनों की भर्ती
सैन्य अधिकारियों ने बताया कि अग्निपथ योजना के तहत पुरुषों एवं महिलाओं दोनों की भर्ती हो रही है। अग्निवीरों का पहला बैच 21 नवंबर को प्रशिक्षण संस्थानों में पहुंच जाएगा। भारतीय नौसेना जून तक अग्निपथ योजना के तहत भर्ती के ब्योरे के साथ आएगी।
नौसेना प्रमुख, वाइस एडमिरल दिनेश त्रिपाठी ने कहा, “इस साल 21 नवंबर से, पहला नौसैनिक ‘अग्निवीर’ प्रशिक्षण प्रतिष्ठान आईएनएस चिल्का, ओडिशा में पहुंचना शुरू कर देगा। इसके लिए महिला और पुरुष दोनों अग्निवीरों को अनुमति है।”
दिसंबर में शामिल होगा पहला बैच
वायुसेना में अग्निवीरों का पहला बैच दिसंबर में शामिल किया जाएगा, 30 दिसंबर को प्रशिक्षण शुरू होगा। वायुसेना 24 जून को अग्निपथ योजना के तहत पंजीकरण प्रक्रिया शुरू करेगी, ऑनलाइन परीक्षा प्रक्रिया 24 जुलाई को प्रारंभ होगी। ‘अग्निवीरों’ की सेवा शर्तें नियमित सैनिकों के जैसी ही होंगी। एयर मार्शल एसके झा ने कहा, “पहले बैच का 30 दिसंबर तक प्रशिक्षण शुरू होगा।
आवेदकों को पहले से तय मेडिकल टेस्ट से गुजरना होगा। अग्निवीर भी वायु सेना के अन्य जवानों को मिलने वाले पदक और अवार्ड के लिए योग्य होंगे। नगरी वीरों को नौकरी के दौरान पूरी तरह मेडिकल सुविधा भी दी जाएगी इसके अलावा साल में 30 पेड लीव भी मिलेंगे। जबकि सिक लीव चिकित्सकीय परामर्श के आधार पर मिलेगी।
हालांकि, खास परिस्थियों को छोड़ कर ट्रेनिंग अवधि के बीच में अग्नि वीरों को सेवा छोड़ने की इजाजत नहीं मिलेगी। अग्निपथ योजना के तहत उन्हें सेवा के पहले साल 30 हजार रुपये सैलरी के तौर पर मिलेंगे, जिनमें से 21 हजार सीधे उनके खाते में जाएगा और 9000 हजार रुपये अग्निवीर कॉर्प्स फंड में जाएंगे। हर साल सैलरी में वृद्धि होगी। ट्रेनिंग के अखिरी वर्ष में अग्निवीर की सैलरी 40 हजार रुपये हो जाएगी।
ट्रेनिंग के दौरान मिलेगा 48 लाख का लाइफ इंश्योरेंस
ट्रेनिंग के चार साल बाद जब 75 प्रतिशत अग्निवीरों को रिटायर किया जाएगा तो उन्हें 10 लाख चार हजार रुपये सेवा निधि के तहत मिलेंगे। इसमें नौकरी के दौरान जमा की गई राशि के बराबर ही केंद्र सरकार द्वारा दी गई राशि भी शामिल होगी। ये अग्निवीर अपनी पूरी नौकरी के दौरान पांच लाख दो हजार रुपये कमाएंगे।
इसके अलावा सरकार की ओर से उन्हें किसी तरह की ग्रेच्युटी या कोई दूसरा फंड नहीं दिया जाएगा हालांकि नौकरी के दौरान उन्हें 48 लाख रु का जीवन बीमा दिया जाएगा।