आरोपः कमलनाथ सरकार ने कांग्रेस को दान में दिये अरबों रुपये, 106 करोड़ की बेनामी नकदी


समाचार चैनल टाइम्स नाउ ने एक कांग्रेस की कमलनाथ सरकार पर आरोप लगाया है कि उन्होंने सरकार के कार्यकाल के दौरान अरबों रुपये कांग्रेस पार्टी को दान में दिये। इसमें से 106 करोड़ रुपये के बेनामी नकद देने का भी आरोप है। इस बारे में गृहमंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा कमलनाथ और कांग्रेस पर हमलावर हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार इस पर संज्ञान लेगी और इस बारे में कानूनी राय लेने के बाद एजेंसियों से कार्रवाई भी करवाई जा सकती है।


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भोपाल। उप चुनावों के बाद एक बार फिर भाजपा और शिवराज सरकार पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ पर हमलावर हो गई है। इस बार शिवराज सरकार पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ पर आयकर विभाग और ईओडब्लू के माध्यम से कार्रवाई करने का भी मन बना रही है।

बताया जाता है कि कमलनाथ सरकार के दौरान नई दिल्ली में कांग्रेस मुख्यालय तक बड़ी रकम दान के रुप में दी गई। इनमे से करीब 106 करोड़ रुपए की बेनामी नकदी भेजी गई। इस दौरान कई सरकारी विभागों से भी पैसा लिया गया।  मामले का खुलासा करने वाले टाइम्स नाउ समाचार चैनल का दावा है कि उनके पास इसके ठोस सबूत हैं।

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समाचार चैनल के इस आरोप के बाद मध्य प्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा कमलनाथ सरकार को मध्य प्रदेश की भ्रष्टतम सरकार बता रहे हैं और आरोप लगा रहे हैं कि कमलनाथ ने जनता का पैसा गांधी परिवार के कल्याण के लिए खर्च किया ताकि उनकी कुर्सी बची रहे। मिश्रा ने कहा कि महिला बाल विकास विभाग का कुपोषण का पैसा भी राहुल बाबा के कुपोषण को दूर करने पर लगा रहे थे। मिश्रा ने कहा कि यही वजह रही कि ज्योतिरादित्य  सिंधिया ने खुद को क्यों उस सरकार से अलग कर लिया था।

 

गृह मंत्री ने कहा कि अब स्पष्ट हो चुका है कि कमलनाथ भ्रष्ट हैं। मध्यप्रदेश सरकार कांग्रेस के इस बेहिसाब लेनदेन के मामले को संज्ञान में लेकर इस बारे में विधि विशेषज्ञों से राय लेगी। यही नहीं मामले में आयकर विभाग से रिकॉर्ड भी मांगा जाएगा और ईओडब्ल्यू से जांच करवाने पर भी विचार किया जाएगा।

इससे पहले टाइम्स नाउ समाचार चैनल ने दावा किया था कि उनके पास 106 पन्नों का वह दस्तावेज है जिसमें यह रकम भेजे जाने की जानकारी है। चैनल के मुताबिक यह रकम कई कंपनियों के नाम से भेजी गई है। वहीं इसमें आबकारी और परिवहन जैसे कुछ सरकारी विभागों के भी नाम शामिल बताए जाते हैं। आरोप लगाया जा रहा है कि भेजी गई रकम शासकीय योजनाओं पर खर्च की जानी थी। इस पूरे मामले में कई हैंडलर्स के भी नाम सामने आए हैं।

समाचार चैनल ने अपनी रिपोर्ट में इन कंपनियों के नाम  लिये हैं।
विंध्याचल डिस्टलरी प्राइवेट लिमिटेड
ओएसिस डिस्टलरी प्राइवेट लिमिटेड
अग्रवाल डिस्टलरी प्राइवेट लिमिटेड
जेगपिन इंडिया प्राइवेट लिमिटेड
सोम डिस्टलरी प्राइवेट लिमिटेड



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