भोपाल। उप चुनावों के बाद एक बार फिर भाजपा और शिवराज सरकार पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ पर हमलावर हो गई है। इस बार शिवराज सरकार पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ पर आयकर विभाग और ईओडब्लू के माध्यम से कार्रवाई करने का भी मन बना रही है।
बताया जाता है कि कमलनाथ सरकार के दौरान नई दिल्ली में कांग्रेस मुख्यालय तक बड़ी रकम दान के रुप में दी गई। इनमे से करीब 106 करोड़ रुपए की बेनामी नकदी भेजी गई। इस दौरान कई सरकारी विभागों से भी पैसा लिया गया। मामले का खुलासा करने वाले टाइम्स नाउ समाचार चैनल का दावा है कि उनके पास इसके ठोस सबूत हैं।
.@INCMP की @OfficeOfKNath सरकार प्रदेश के इतिहास की भ्रष्टतम सरकार थी। अब मीडिया में भी मप्र से कांग्रेस मुख्यालय को भेजी गई बेहिसाब नकदी का खुलासा हुआ है। कमलनाथ जी प्रदेश की जनता के सोशल वेलफेयर का पैसा गांधी फैमिली के वेलफेयर पर लुटा रहे थे ताकि कुर्सी सलामत रहे।@BJP4India pic.twitter.com/FeRMO7vppd
— Dr Narottam Mishra (@drnarottammisra) November 24, 2020
समाचार चैनल के इस आरोप के बाद मध्य प्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा कमलनाथ सरकार को मध्य प्रदेश की भ्रष्टतम सरकार बता रहे हैं और आरोप लगा रहे हैं कि कमलनाथ ने जनता का पैसा गांधी परिवार के कल्याण के लिए खर्च किया ताकि उनकी कुर्सी बची रहे। मिश्रा ने कहा कि महिला बाल विकास विभाग का कुपोषण का पैसा भी राहुल बाबा के कुपोषण को दूर करने पर लगा रहे थे। मिश्रा ने कहा कि यही वजह रही कि ज्योतिरादित्य सिंधिया ने खुद को क्यों उस सरकार से अलग कर लिया था।
.@INCMP की @OfficeOfKNath सरकार प्रदेश के इतिहास की भ्रष्टतम सरकार थी। अब मीडिया में भी मप्र से कांग्रेस मुख्यालय को भेजी गई बेहिसाब नकदी का खुलासा हुआ है। कमलनाथ जी प्रदेश की जनता के सोशल वेलफेयर का पैसा गांधी फैमिली के वेलफेयर पर लुटा रहे थे ताकि कुर्सी सलामत रहे।@BJP4India pic.twitter.com/FeRMO7vppd
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गृह मंत्री ने कहा कि अब स्पष्ट हो चुका है कि कमलनाथ भ्रष्ट हैं। मध्यप्रदेश सरकार कांग्रेस के इस बेहिसाब लेनदेन के मामले को संज्ञान में लेकर इस बारे में विधि विशेषज्ञों से राय लेगी। यही नहीं मामले में आयकर विभाग से रिकॉर्ड भी मांगा जाएगा और ईओडब्ल्यू से जांच करवाने पर भी विचार किया जाएगा।
गरीबों के पैसे को लूट कर @OfficeOfKNath ने महमूद गज़नवी जैसा जघन्य पाप किया है। मप्र सरकार भी कांग्रेस के बेहिसाब लेनदेन के पूरे मामले का संज्ञान लेकर विधि विशेषज्ञों से राय लेगी। इनकम टैक्स विभाग से रिकॉर्ड मांगकर ईओडब्ल्यू से जांच कराने पर विचार करेंगी।@INCIndia @BJP4MP pic.twitter.com/6u61hFsevd
— Dr Narottam Mishra (@drnarottammisra) November 24, 2020
इससे पहले टाइम्स नाउ समाचार चैनल ने दावा किया था कि उनके पास 106 पन्नों का वह दस्तावेज है जिसमें यह रकम भेजे जाने की जानकारी है। चैनल के मुताबिक यह रकम कई कंपनियों के नाम से भेजी गई है। वहीं इसमें आबकारी और परिवहन जैसे कुछ सरकारी विभागों के भी नाम शामिल बताए जाते हैं। आरोप लगाया जा रहा है कि भेजी गई रकम शासकीय योजनाओं पर खर्च की जानी थी। इस पूरे मामले में कई हैंडलर्स के भी नाम सामने आए हैं।
#Breaking on @thenewshour with Navika Kumar | @INCIndia’s @alvi_raashid reacts to TIMES NOW newsbreak over ‘#CongUnaccountedCashFile’ saying, ‘Let PM ask I-T Dept to investigate the accounts of BJP’.
Govind with details. pic.twitter.com/J1b3xsnTX7
— TIMES NOW (@TimesNow) November 23, 2020
समाचार चैनल ने अपनी रिपोर्ट में इन कंपनियों के नाम लिये हैं।
विंध्याचल डिस्टलरी प्राइवेट लिमिटेड
ओएसिस डिस्टलरी प्राइवेट लिमिटेड
अग्रवाल डिस्टलरी प्राइवेट लिमिटेड
जेगपिन इंडिया प्राइवेट लिमिटेड
सोम डिस्टलरी प्राइवेट लिमिटेड