सीहोर जिले के आष्टा में कारोबारी मनोज परमार और उनकी पत्नी नेहा ने अपने घर में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। उनके द्वारा छोड़े गए 5 पन्नों के सुसाइड नोट ने देशभर में सनसनी फैला दी है। इसमें प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के अफसरों पर बच्चों को भाजपा जॉइन कराने और राहुल गांधी के खिलाफ बयान देने के लिए दबाव बनाने के गंभीर आरोप लगाए गए हैं।
मनोज परमार ने सुसाइड नोट में लिखा, “ईडी अफसरों ने मेरे बच्चों पर भाजपा में शामिल होने और कांग्रेस के खिलाफ बयान देने का दबाव डाला। ये दबाव हम सहन नहीं कर सके।” इस घटना ने मध्यप्रदेश से लेकर दिल्ली तक राजनीति को गर्मा दिया है।
राहुल गांधी ने की बच्चों से बात
इस मामले को लेकर लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने शनिवार को मनोज परमार के बच्चों से फोन पर बात की। बातचीत के दौरान मनोज की बेटी ने भावुक होकर कहा, “हमने आपसे कभी कुछ नहीं मांगा। भारत जोड़ो यात्रा के दौरान भी कुछ नहीं कहा। लेकिन आज हम आपसे एक उम्मीद रखते हैं। क्या आप एक बार हमारे पास आएंगे?” राहुल गांधी ने बच्चों को सांत्वना देते हुए कहा, “घबराओ मत। मैं तुम्हारे साथ हूं।”
घटना का राजनीतिक प्रभाव
मध्य प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने शनिवार को आष्टा पहुंचकर पीड़ित परिवार से मुलाकात की। उन्होंने राहुल गांधी की बच्चों से फोन पर बात कराई। वहीं, इस घटना को लेकर लोकसभा में भी मामला गरमाया। बिहार के निर्दलीय सांसद पप्पू यादव ने इस मुद्दे को सदन में उठाते हुए ईडी पर गंभीर सवाल खड़े किए।
पप्पू यादव ने कहा, “एक व्यक्ति ने राहुल गांधी को गुल्लक तोड़कर पैसे दिए। आज ईडी की गुंडागर्दी ने उसे और उसकी पत्नी को सुसाइड करने पर मजबूर कर दिया। यह केवल एक परिवार की नहीं, बल्कि सिस्टम की विफलता की कहानी है।”
उन्होंने सदन में यह पंक्तियां भी पढ़ीं:
“अब कानून किताबों में सजा हुआ है, राजनीति का सच हर घर जला हुआ है।”
ईडी ने क्या कहा…
इस मामले में ईडी ने शनिवार को एक बयान जारी कर कहा कि मनोज परमार पर कानूनी प्रक्रिया के तहत कार्रवाई की गई थी। ईडी के अनुसार, “मनोज परमार को एक आदतन अपराधी के रूप में चिह्नित किया गया था। उनके घर पर की गई कार्रवाई कानून के दायरे में थी।”
गुल्लक तोड़ने वाले कारोबारी का सुसाइड
मनोज परमार और उनकी पत्नी नेहा का शव शुक्रवार सुबह उनके घर में फंदे से लटका हुआ मिला। परिवार के अनुसार, 5 दिसंबर को ईडी ने मनोज के इंदौर और सीहोर स्थित ठिकानों पर छापा मारा था।
मनोज के बेटे जतिन ने कहा, “हमारे खून में कांग्रेस है। ईडी के लोग हमें लगातार परेशान कर रहे थे। वे बार-बार दबाव डाल रहे थे कि भाजपा जॉइन करें और राहुल गांधी के खिलाफ बयान दें।” इस घटना ने विपक्ष को केंद्र सरकार पर हमला करने का बड़ा मौका दे दिया है। कांग्रेस इसे भाजपा और ईडी की मिलीभगत का मामला बता रही है। वहीं, भाजपा की ओर से अब तक इस मामले में कोई ठोस बयान नहीं आया है।