भोपाल के हॉस्टल में आठ साल की बच्ची के साथ दुष्कर्म


बच्ची ने हॉस्टल और स्कूल वार्डन पर लगाया आरोप


DeshGaon
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राजधानी भोपाल में एक 8 साल की बच्ची के साथ दुष्कर्म हुआ है। घटना बच्ची के बोर्डिंग स्कूल के हॉस्टल में हुई है। मामले में पुलिस को शक स्कूल से जुड़े लोगों पर है। हालांकि स्कूल संचालक इससे साफ इंकार कर रही है और आरोपों को झूठा बता रही है।

घटना के बारे में बच्ची ने फोन पर अपनी मां को बताया कि उसके प्राइवेट पार्ट में दर्द हो रहा है और ब्लीडिंग भी हुई है। इसके बाद जब मां, अपनी बच्ची को घर लेकर आई, तब बच्ची ने मां को पूरी बात बताई।

बच्ची ने अपनी मां को बताया कि वार्डन ने मुझे खाना खाने के बावजूद भी अलग कमरे में ले जाकर दाल चावल खिलाया, जिसके बाद मुझे नींद आ गई। मेरी आंख खुली तो एक अंकल मेरे दोनों हाथ पकड़ कर मेरे ऊपर लेटे हुए थे और मेरे पेट में और बॉडी में दर्द हो रहा था।

पड़ोस में कोई अंकल थे वह कह रहे थे “मोदी सर जल्दी करो, बच्ची जाग गई है”। स्कूल वार्डन ने कहा कि किसी को बताना नहीं और उन्होंने मुझे नहला धुलाकर मेरे क्रीम लगा दी और कहा कि अब दर्द नहीं होगा।

मां ने बताया कि अपनी बेटी की आप बीती सुनने के बाद मैं उसको लेकर 1250 अस्पताल पहुंची, जहां पर उसने उसका चेकअप कराया। महिला डॉक्टर ने उसे बताया कि इसके प्राइवेट पार्ट पर चोट है , डॉक्टर ने ही महिला को पुलिस के पास जाकर शिकायत करने की सलाह दी।

मां ने बताया कि जब वह अस्पताल से चेकअप करा कर निकल रही थी, उसे दौरान स्कूल संचालक का एक करीबी, जो उसका भी परिचित था, उसके पास आया और समझौता करने का दबाव डालने लगा लेकिन मां ने उसकी बात नहीं मानी और मिसरोद थाना में इसकी शिकायत की।

पुलिस ने मामले की गंभीरता को समझते हुए वार्डन सहित तीन लोगों पर मामला दर्ज कर लिया है। मां का स्कूल और हॉस्टल वार्डन पर आरोप है कि उन्होंने बच्ची को डराया-धमकाया और बच्ची से बोला कि आप स्कूल में किसी को कुछ नहीं बताओगी। अगर बताओगी तो हम आपकी मम्मा से आपकी बात नहीं कराएंगे। बच्ची ने लगातार कहा कि मेरी मम्मा से मेरी बात कराओ, तो उन्होंने कहा कि नहीं, हम संडे से पहले आपकी बात नहीं करा सकते।

स्कूल संचालक प्रियंका मोदी ने मामले में सफाई देते हुए कहा कि मैं स्कूल की डायरेक्टर होने के नाते चाहती हूं कि इस केस की इन्वेस्टीगेशन हो और जो चीज सामने निकल कर आएगी, वह हमें भी अच्छा लगेगा।

हम 28 साल से स्कूल को चला रहे हैं, लेकिन कभी भी ऐसी घटना नहीं हुई है। आरोप लगाने वाली महिला ने कोई लीगल डाक्यूमेंट्स हमारे पास जमा नहीं किए हैं। स्कूल संचालिका ने कहा कि हम चाहते हैं कि पुलिस अच्छे से इन्वेस्टिगेशन करें और उस महिला का भी पता करें कि वह ऐसा क्यों कर रही है।

इस मामले में मिसरोद थाने में पोक्सो एक्ट के और धारा 376 के तहत मामला दर्ज किया गया है।

सीएम डॉ. मोहन यादव ने एक एसआईटी टीम का गठन कर, मामले की गहराई से जांच के आदेश दिए हैं। इसके बाद प्रदेश में मामले को लेकर सियासत भी शुरू हो गई है। पूर्व सीएम कमलनाथ ने इसे लेकर सरकार को घेरा है।

कमलनाथ ने लिखा, ‘भोपाल में छोटी बच्ची के साथ दरिंदगी की घटना दिल दहला देने वाली है। अभी कुछ दिन पहले ही जोबट में भी छोटी बच्ची के साथ दुष्कृत्य का मामला सामने आया था।

प्रदेश में बेटियों के साथ हो रही इस तरह की ज़्यादती सभ्य समाज के माथे पर कलंक है। लेकिन दुर्भाग्य यह है कि मध्य प्रदेश की सरकार बेटियों को सुरक्षा देने और अपराधियों को कड़ा से कड़ा दंड देने की जगह उन लोगों पर कार्रवाई करती है जो पीड़ितों के साथ सहानुभूति व्यक्त करते हैं।’

वहीं इस मामले में कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने कहा कि ‘अभी 10 साल की बच्ची के साथ भाजपा नेताओं ने झाबुआ के जोबट में रेप किया। मैं उसके परिवार से मिलकर आया तो मुझ पर ही सरकार ने FIR कर दिया। भोपाल में 8 साल की बच्ची के साथ रेप हुआ है, क्या आप जागोगे. प्रदेशवासियों देखो, जिन बेटियों के साथ रेप होता है उनके परिवार वालों से मिलने पर यह FIR करते हैं। यह अहंकार की पराकाष्ठा नहीं है तो क्या है। 30 साल में सबसे ज्यादा अगर कहीं क्राइम हो रहा है तो वह मध्य प्रदेश में हो रहा है।’

 


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