जमशेदपुर: हिंसा के बाद 60 से ज्यादा हिरासत में, इलाके में इंटरनेट बंद व धारा 144 लागू

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नई दिल्ली। झारखंड के जमशेदपुर के कदमा इलाके में रविवार शाम कथित रूप से रामनवमी के झंडे के अपमान को लेकर सांप्रदायिक हिंसा भड़कने की खबर है। हिंसा के बाद पूर्वी सिंहभूम पुलिस ने सोमवार को प्राथमिकी दर्ज की है।

पुलिस ने कहा है कि भीड़ द्वारा ईंटें फेंकी गईं और अस्थायी दुकानों और कुछ वाहनों में आग लगा दी गई जिसके बाद पुलिस ने करीब साठ लोगों को हिरासत में लिया है।

पुलिस के अनुसार, इलाके में शनिवार रात से ही तनाव व्याप्त हो गया था, जब एक स्थानीय संगठन के सदस्यों को मांस का टुकड़ा रामनवमी के झंडे में लिपटा हुआ मिला। इस घटना के बाद से ही विरोध शुरू हो गया और कई हिंदू संगठनों ने इसका विरोध किया। सभी ने पुलिस से 24 घंटे के भीतर दोषियों को गिरफ्तार करने की मांग की।

कदमा थाना प्रभारी गौरव कुमार ने बताया कि उन्होंने इस मामले में एफआईआर दर्ज की है और कुछ लोगों को हिरासत में लिया है। अधिकारी ने जल्द ही दोषियों को गिरफ्तार करने का आश्वासन दिया।

हालांकि अधिकारियों ने रविवार शाम इलाके में सीआरपीसी की धारा 144 के लागू कर दी और पूरे शहर में इंटरनेट बंद कर दिया। स्थानीय निवासियों ने आरोप लगाया कि पुलिस ने सक्रिय रूप से कार्रवाई नहीं की, जबकि इलाके में तनाव लगातार बढ़ रहा था।

एक मीडिया रिपोर्ट में स्थानीय निवासी ने कहा कि पिछले दिनों रामनवमी के जुलूस के दौरान सांप्रदायिक तनाव था। ऐसे में इस मुद्दे को हल करने के लिए पुलिस की कमी और प्रशासन की सक्रियता को दोष दिया।

शास्त्रीनगर में शनिवार को रामनवमी के झंडे का अपमान किया गया। हिंदू समुदाय ने यह कहते हुए विरोध किया था कि अगर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं हुई तो विरोध प्रदर्शन होगा।

एक शांति समिति की बैठक बुलाई गई जिसमें दोनों समुदाय शामिल थे, जिसमें निचले रैंक के पुलिसकर्मियों ने भाग लिया। हालांकि, मामले को सुलझाया नहीं जा सका। रविवार शाम को भी कुछ स्थानीय लोगों ने संभावित हिंसा के बारे में पुलिस को अवगत कराना चाहा, लेकिन अधिकारियों से संपर्क नहीं हो सका।

रविवार शाम को स्थिति उस समय हिंसक हो गई जब एक दुकान में आग लगा दी गई और दोनों ओर से ईंट-पत्थरबाजी शुरू हो गई। भीड़ ने एक ऑटोरिक्शा में भी आग लगा दी, जिससे पुलिस को कदमा इलाके में आंसू गैस के गोले दागने पड़े। इसी इलाके में झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता भी रहते हैं।

पूर्वी सिंहभूम जिला उपायुक्त विजया जाधव ने कहा कि कुछ असामाजिक तत्व शांति भंग करने की कोशिश कर रहे हैं और उनकी साजिश को विफल करने के लिए नागरिकों से सहयोग मांगा।

जाधव ने एक बयान में कहा, “हम स्थिति पर कड़ी नजर रख रहे हैं और कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए पर्याप्त पुलिस बल, एक त्वरित प्रतिक्रिया दल, एक मजिस्ट्रेट, रैपिड एक्शन फोर्स के कर्मियों और अन्य दंगा-रोधी संसाधनों को तैनात किया गया है।”

पूर्वी सिंहभूम जिले के पोटका ब्लॉक के हल्दीपोखर में 31 मार्च की शाम को रामनवमी के जुलूस के दौरान हुए पथराव के मामले में चार प्राथमिकी दर्ज की गई थी। पुलिस के कहने पर दो और संबंधित समुदायों की शिकायतों पर एक-एक प्राथमिकी दर्ज की गई। कुछ नारेबाजी और पथराव हुआ और कुछ लोगों को चोटें भी आईं। पुलिस के सूत्रों ने कहा कि रामनवमी का जुलूस हल्दीपोखर इलाके से जिस रास्ते से गया, वह अधिकृत नहीं था।


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